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अयोध्या की तर्ज पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए अदालत में वाद दायर, मांगी जन्म स्थान की जमीन
Tags: Mathura, Uttar Pradesh, Sri Krishna Janm Bhumi, Civil Court, Harishankar Jain Advocate
Publised on : 2020:09:25      Time 20:32    Last  Update on  : 2020:09:25      Time 20:32

मथुरा , 25 सितंबर 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा)। अयोध्या मामले में नौ नवम्बर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से उत्साहित हिन्दू समाज के कुछ अधिवक्ताओं ने अब भगवान श्रीकृष्ण के जन्म स्थान की मुक्ति के लिए अदालती लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। इसके लिए विधिवत् अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मामले की तरह श्रीकृष्ण विराजमान को पक्षकार बनाकर स्थानीय सिविल जज की अदालत में वाद दायर किया गया है।

लखनऊ के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके सहयोगियों ने श्रीकृष्ण विजामान की ओर से सीनियर सिविल जज छाया शर्मा की अदालत में वाद दायर किया है। इसमें श्रीकृष्ण विराजमान ने अपनी 13.37 एकड़ भूमि पर मालिकाना हक मांगा है। उक्त भूमि पर मुगल काल में कब्जा करके शाही ईदगाह बना दी गई थी। पक्षकार ने ईदगाह मस्जिद हटाने की भी मांग की है। याचिका में लखनऊ के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने 1973 में श्रीकृष्ण जन्म स्थान सोसाइटी द्वारा जमीन संबंधी की गई डिक्री को रद्द करने की भी मांग की है। इस याचिका में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी आफ मैनेजमैंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट एवं जन्मस्थान सेवा संस्थान को भी प्रतिवादी बनाया गया है।

शाही मस्जिद ईदगाह के स्थान पर ही थी कारागार

याचिका में कहा गया है कि इस समय जिस स्थान पर शाही मस्जिद और ईदगाह बनी है वहीं पर कारागार थी जिसमें भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस कारागार के जन्म स्थान को मुगल काल में तोड़ दिया गया था और यहां शाही मस्जिद और ईदगाह बना दी गई थी। इसी स्थान को श्रीकृष्ण विराजमान ने वापस मांगा है।

 
 
   
 
 
                               
 
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