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शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफार्म की अनन्त संभावनाएं: जितेन्द्र कुमार |
Tags: Lucknow, Vidhya Bharti, Jitendra Kumar IAS |
Publised on : 2020:10:28 Time 20:22 Last
Update on : 2020:10:28 Time 20:22 |
लखनऊ, 28 अक्टूबर 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा)।
वर्तमान समय में शिक्षा के साथ संस्कार का समागम बेहद कठिन हो गया है। बच्चों को शिक्षा तो मिल रही है, परंतु उनमें संस्कार का अभाव है। विद्या भारती बच्चों को तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ संस्कार देने का कार्य कर रही है। उक्त बातें उत्तर प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव, भाषा एवं संस्कृति श्री
जितेंद्र कुमार जी ने लखनऊ के निराला नगर स्थित सरस्वती कुंज में प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केंद्र में तृतीय आचार्य तकनीकी प्रशिक्षण वर्ग के पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के उद्घाटन समारोह में कहीं।
बतौर मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव श्री जितेंद्र कुमार जी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल तकनीक की संभावनाएं अनंत हैं। वर्तमान समय में योग्य शिक्षकों की कमी है, जो सरल भाषा में बच्चों को ज्ञानपूर्ण बातों को समझा सके। कई शिक्षक ऐसे भी हैं, जिन्हें उनके विषय की पूरी जानकारी ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर शिक्षक कक्षा में एक साथ 40 से 60 बच्चों को पढ़ा सकता है, परंतु डिजिटल लर्निंग के माध्यम से शिक्षक एक साथ हजारों बच्चों को पढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में ज्ञान और अनुशासन जरूरी है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में ज्ञान दुग्ध डेयरी के प्रबंध निदेशक श्री जय अग्रवाल जी ने नई तकनीक को चरित्र में लाने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमें डिजिटल प्लेटफॉर्म की महत्ता समझ
आई है। आज के समय में हम अपने आप को डिजिटल दुनिया के अनुरूप जितनी शीघ्रता से ढाल लें एवं इसे स्वीकार कर लें, ये उतना ही बेहतर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश में परम्परागत और आधुनिक संस्कृति के बीच हमेशा से प्रतियोगिता रही है, लेकिन पिछले 15 वर्षों में इसमें काफी बदलाव देखने को
मिला है।
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख सौरभ जी ने विद्या भारती एलएमएस (लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम) ऐप के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एलएमएस एप पूरी तरह से वर्चुअल स्कूल है। इस ऐप पर सभी विषयों से जुड़ी जानकारी डिजिटल रूप में उपलब्ध है। इस ऐप के
जरिए छात्र घर बैठे आनलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि इंडो अमेरिकन चैम्बर आफ कॉमर्स के पदाधिकारी मुकेश बहादुर सिंह जी ने शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के स्कूलों में बच्चों में जो संस्कार रोपण किया जा रहा, उसकी तुलना किसी भी पब्लिक स्कूल से नहीं
की जा सकती है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के प्रयासों को हम आगे बढ़ाएंगे।
कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. जय प्रताप जी ने कहा कि देश में संस्कारयुक्त शिक्षा देने के मामले में विद्या भारती का नाम सबसे आगे है। डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती ने एक लम्बी छलांग लगाई है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म सबसे अच्छा है, लेकिन क्लास रूम
भी जरूरी है। आनलाइन के साथ आफलाइन शिक्षा का समन्वय हमें आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने नई शिक्षा नीति को लेकर भी अपनी बात रखी और कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य देश में सभी लोगों को शिक्षित करना है, जो डिजिटल शिक्षा के जरिए संभव हो सकेगा।
कार्यक्रम का संचालन भारतीय शिक्षा परिषद के सचिव माननीय दिनेश जी ने किया। कार्यक्रम के उपरांत एलएमएस के तकनीकी निदेशक अमिताभ बनर्जी ने विद्या भारती के गोरक्ष प्रांत के शिक्षक/शिक्षिकाओं को वर्चुअल लर्निंग का प्रशिक्षण दिया। इससे पहले अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में मासिक पत्रिका सृष्टि संवाद भारती का विमोचन किया गया। इस अवसर पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री माननीय हेमचंद्र जी, प्रदेश निरीक्षक श्री राजेन्द्र बाबू जी, बालिका शिक्षा प्रमुख श्री उमा शंकर मिश्रा जी, सह प्रचार प्रमुख श्री भास्कर दूबे
जी, भाजपा विधायक श्री मानवेद्र सिंह जी, श्री योगेश मिश्रा जी और विद्या भारती के अधिकारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे। |
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