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सहारा के शाखा प्रबंधक सहित तीन पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश |
एजेंट की शिकायत पर न्यायालय ने दिया रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश |
Tags:Deoria News, Sahara India, FIR |
Publised on : 2020:11:12 Time 18:11 Last
Update on : 2020:11:12 Time 18:11 |
देवरिया, 12 नवम्बर 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा)। सिविल लाइन रोड स्थित सहारा इंडिया शाखा में जमा धनराशि की
मियाद पूर्ण न होने व टीडीएस का पैसा रिफंड न करने पर कम्पनी के ही एक एजेंट ने न्यायालय की शरण ली थी। न्यायालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए शाखा प्रबंधक सहित तीन पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार शहर के उमा नगर निवासी हरेन्द्र लाल श्रीवास्तव पुत्र स्व. नरसिंह प्रसाद श्रीवास्तव सिविल लाइन स्थित सहारा इंडिया शाखा में बतौर एजेंट काम कर रहे थे। आरोप है कि कम्पनी द्वारा उनके टीडीएस का पूर्ण भुगतान व कुछ स्कीमों में जमा धनराशि की परिपक्वता होने के बावजूद भी
कम्पनी द्वारा नहीं किया गया। 17 फरवरी 20 को वह शाखा कार्यालय भुगतान को लेकर पहुंचे। जहां उनसे शाखा प्रबंधक राजेश कुमार श्रीवास्तव, कैशियर रामेश्वर लाल श्रीवास्तव व रीजनल मैनेजर ओम प्रकाश मणि त्रिपाठी ने अभद्रता करते हुए उन्हें मारा पीटा और पाकेट में रखा चार हजार रुपए छीन लिया। ममाले
को लेकर उन्होंने कोतवाली में तहरीर दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने मामले की गुहार अदालत में लगायी। सुनवाई के बाद अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित राज सिंह प्रभारी निरीक्षक कोतवाली को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है।
गैरकानूनी ढंग से चल रहे अस्पताल पर छापा
देवरिया,12 नवम्बर। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुरवा स्थित एक हास्पिटल पर छापेमारी की। जांच में बिना पंजीकरण के अस्पताल चलाए जाने पर उसके संचालक और डाक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। वहीं आधा दर्जन अस्पताल में मरीज होने से अस्पताल को सील नहीं किया गया।
प्राप्त समाचार के अनुसार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/नोडल अधिकारी डॉ सुरेन्द्र सिंह, लिपिक एमपी तिवारी, अरूण शाही की टीम ने शहर के निकट पुरवा स्थित प्रभावती हास्पिटल पर छापेमारी की। जांच, पड़ताल में हास्पिटल में आधा दर्जन मरीज भर्ती मिले। संचालक से पंजीकरण का कागजात मांगने पर वह दिखा
नहीं सका। हास्पिटल स्वास्थ्य विभाग में बिना पंजीकरण के चल रहा था। मरीजों के भर्ती होने के चलते अस्पताल को सील नहीं किया गया। अस्पताल के संचालक गोरखपुर के तारा मंडल रोड निवासी राम भवन यादव व डॉ बीएन यादव के खिलाफ कोतवाली में केस दर्ज कराया गया। एसीएमओ ने कहा कि मरीजों के डिस्चार्ज होने
के बाद अस्पताल को सील किया जाएगा।
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