औरैया हादसे के बाद यूपी बार्डर पर सख्ती, रोके जाएंगे कामगार, सरकार भेजेगी गंतव्य तक
लखनऊ , 16 मई 2020
( U.P.Samachar Sewa) औरैया दुर्घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने निर्देश दिये हैं कि सीमावर्ती जनपदों में कोई प्रवासी श्रमिक या कामगार किसी असुरक्षित वाहन, मालवाहक वाहन, बाइक, साइकिल से अथवा पैदल प्रवेश नहीं करने दिया जाए। यदि कोई सीमा पर इन वाहनों से पहुंचता है तो उन्हें
तत्काल रोककर क्वारेंटाइन किया जाए और उनके भोजन आदि की व्यवस्थ करके जिलाधिकारी बसों से गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवसथा करें। इसके लिए जिलाधिकारियों को पहले ही दो दो सौ बसे रिजर्व में रखने का निर्देश दे रखा है। इसके लिए धनराशि भी जारी की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी श्रमिकों से भी
अपील की है कि वे स्वयं तथा अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल अथवा अवैध व असुरक्षित वाहन से घर के लिए यात्रा न करें। प्रदेश सरकार अपने सभी प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों की सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी के लिए युद्ध स्तर पर व्यवस्था सुनिश्चित करा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों
व कामगारों को ट्रेन से प्रदेश में निःशुल्क ला रही है।
प्रवासी श्रमिकों को सीमा पर ही रोका जाए
सरकारी आवास 5 केडी पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाकडाउन व्यवस्था की समीक्षा करते हुए उन्होंने उक्त निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि राज्य के बार्डर क्षेत्रों में कोई भी प्रवासी कामगार/श्रमिक पैदल अथवा बाइक या ट्रक आदि अवैध तथा असुरक्षित वाहनों से न आने पाए। यदि ऐसा पाया जाए तो उक्त
अवैध वाहन को तत्काल जब्त करते हुए कानूनी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस पैदल चलने वालों को जागरूक करते हुए इन्हें रोके। उन्होंने इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित ढंग से गंतव्य तक पहुंचाया जाए
मुख्यमंत्री Yogi Aditynath ने कहा कि प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी मजदूरों को भोजन व पानी उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद उनकी स्क्रीनिंग करते हुए उन्हें सुरक्षित व सम्मानजनक ढंग से उनके गंतव्य तक
पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि बाॅर्डर क्षेत्र के प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी के निवर्तन पर 200 बस रखने के आदेश पहले ही दिए गये हैं तथा प्रवासी श्रमिकों को बस से भेजने के लिए धनराशि भी स्वीकृत है। लोग पैदल यात्रा न करें, इसके दृष्टिगत जिलाधिकारी बसों की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि
राज्य सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है कि घर वापस आने वाले किसी भी प्रवासी श्रमिक को कोई दिक्कत न हों। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के लिए क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए। इनमें साफ-सफाई तथा सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। कम्युनिटी किचन के माध्यम से शुद्ध एवं पर्याप्त भोजन की व्यवस्था की जाए।
निगरानी समतियों को सक्रिय रखा जाए
उन्होंने कहा कि ग्रामीण व शहरी इलाकों में निगरानी समितियों को सक्रिय रखा जाए। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से इन समितियों के सदस्यों से नियमित संवाद बनाते हुए होम क्वारंटीन मंे रहने वाले प्रवासी श्रमिकों के निगरानी कार्य की जानकारी प्राप्त की जाए। उन्होंने लाॅकडाउन को पूरी सख्ती से लागू रखने
के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन सुचारू रूप से सतत कार्यशील रहे। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग के पालन पर बल देते हुए कहा कि किसी भी दशा में कहीं भी भीड़ एकत्र न होने पाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाॅल का पालन सुनिश्चित कराते हुए सभी मेडिकल काॅलेजों, नर्सिंग होम तथा अस्पतालों में मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं का संचालन कराया जाए। इस सम्बन्ध में यह सुनिश्चित किया जाए कि चिकित्सा टीम को संक्रमण से बचाव के बारे
में प्रशिक्षित किया गया है तथा उनके लिए पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
ग्राम पंचायत में अल्ट्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक गांव में एक अल्ट्रारेड थर्मामीटर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाने के लिए पूल टेस्टिंग को अपनाया जाए। टेस्टिंग क्षमता को इस सप्ताह तक बढ़ाकर 10,000 टेस्ट प्रतिदिन किया जाए। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि वेंटीलेटर के सुचारू संचालन के लिए
प्रत्येक जनपद में प्रशिक्षित चिकित्सक और पैरामेडिक्स की उपलब्धता अवश्य हो। उन्होंने कोविड अस्पतालों में 01 लाख बेड तैयार करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज घोषित किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी सम्बन्धित विभाग पैकेज के प्राविधानों का अध्ययन करते हुए कार्ययोजना तैयार करे,
ताकि प्रदेश को विशेष आर्थिक पैकेज का शत-प्रतिशत लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को विश्वास में लेकर, सोशल डिस्टेंसिंग तथा संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय लागू करते हुए ही औद्योगिक इकाइयों का संचालन कराया जाए।
गौ आश्रय स्थलों में रोजगार के अवसर तलाश जाएं: Adiyynath
योगी जी ने कहा कि जल-जीवन मिशन में उपलब्ध सम्भावनाओं को चिन्हित करते हुए प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के वैकल्पिक अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इसी प्रकार निराश्रित गौवंश के लिए संचालित गौ-आश्रय स्थलों में भी रोजगार की व्यापक सम्भावनाएं हैं। आने वाले समय में आयोजित होने वाले वृहद वृक्षारोपण अभियान
के लिए पौधे तैयार किए जा रहे हैं। गौ-आश्रय स्थलों के आर्थिक स्वावलम्बन की दृष्टि से गोबर से कम्पोस्ट बनाकर उसका उपयोग वन विभाग आदि की नर्सरियों में कराया जा सकता है।
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