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India Pakege 20 Lakh Cr. against Cororna crices

पैकेज का पहला भाग MSME के नाम, 5.85 लाख करोड़ की घोषणा

Nirmala Sitharaman Minister of Finaneनई दिल्ली , 13 मई 2020 ( U.P.Samachar Sewa) >  आत्मनिर्भरत भारत अभियान के अन्तर्गत 20 लाख करोड़ के पैकेज में बुधवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 5.85 लाख करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा कर दी। इन  घोषणाओं में से अधिकांश व्यय सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योगों पर होना है। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने आज एमएसएमई की नई परिभाषा और श्रेणियों की भी घोषणा की। पैकेज के अन्तर्गत लघु और मझोले उद्योग अब तीन लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी गारण्टी के ले सकेंगे। इससे अधिक ऋण लेने के लिए सरकार ने क्रेडिट गारंटी खुद लेने की घोषणा की है। एमएसएमई को कुल तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज प्रदान किया जाएगा।

शाम को चार बजे प्रेस कांफ्रेंस करके वित्त मंत्री सीतारमण ने पैकेज की विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे। वित्त मंत्री ने बताया कि पैकेज के अन्तर्गत एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये के ऋण बगैर किसी गारंटी के बांटे जाएंगे। इसके साथ ही 20 हजार करोड़ रुपये की सहायता बकायेदार एमएसएमई को कर्ज के रूप में दी जाएगी। साथ ही 50 हजार करोड़ रुपये इक्विटी इंफ्यूजन के लिए दिये गए हैं। एमएसएमई के उत्पादों की मांग बढ़ाने तथा विक्रय में प्राथमिकता देने के लिए सरकार 200 करोड़ रुपये तक के ग्लोबल टेंडर नहीं करेगी।

वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने निजी,  अद्धसरकारी कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के ईपीएफ सपोर्ट के लिए 2500 करोड़ की व्यवस्था की है। इसके साथ ही ईपीएफ में तीन महीने के लिए कंट्रीव्यूशन रिड्यूज करने का निर्णय लिया है। इस पर सरकार के 6750 करोड़ रुपये खर्च हो जाएंगे। सरकार ने नानबैंकिंग फाइनेंस कंपनियों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, म्यूच्यूल फंड कंपनियों को भी धन के तरलता की सहायता दी है। इसके लिए 30 हजार करोड़ निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही नान बैंकिंग फाइनेसिंस कंपनियों के लिए आंशिक क्रेडिट गांरंटी स्कीम के दूसरे चरण के लिे 45 हजार करोड़ निर्धारित किया गया है।

सरकार ने माना है कि कोरोना संकट के कारण बिजली कंपनियां भी घाटे में हैं। इनके सामने भी धन की तरलता का संकट है। इसलिए डिस्काम के लिए 90 हजार करोड़ दिये गए हैं। सरकार ने इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में निर्माण में लगे ठेकेदारों, डायरेक्ट टैक्स, रेरा के नियमों के अन्तर्गत आवास निर्माण कंपनियों को पंजीकरण और कार्य की पूर्णता मे भी छूट देने का फैसला किया है। स्रोत पर कर कटौती में कमी करने के कारण सरकार 50 हजार करोड़ रुपये टीडीएस और टीसीएस पर व्यय करेगी।

बीस लाख करोड़ के पैकेज में वित्त मंत्री द्वारा घोषित यह पहला भाग है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अगले दूसरे और तीसरे चरणों में अन्य क्षेत्रों की भी सरकार द्वारा सुधि ली जाएगी।

 

 
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