लखनऊ
(Lucknow UP)। विधान सभा चुनाव के दो चरण
सम्पन्न होने के साथ ही प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन
के नेताओं और समर्थकों द्वारा भाजपा प्रत्याशियों और उनके
समर्थकों पर हमले किये जा रहे हैं। हमले की इन वारदातों
पर पुलिस और निर्वाचन आयोग मूकदर्शक बना है। दरअसल भाजपा
प्रदेश में सशक्त विकल्प के रूप में उभरी है। इसी कारण
गठबंधन के नेता और प्रत्याशी बौखला गए हैं। वे हताशा और
निराशा की स्थिति में भाजपा के नेताओं और प्रत्याशियों
पर ही हमले कर रहे हैं।
बुधवार को
प्रतापगढ़ की रामपुर खास विधान सभा सीट से भाजपा
प्रत्याशी नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटी सरकार पर
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और उनकी बेटी कांग्रेस
प्रत्याशी आराधना मिश्रा उर्फ मोना के समर्थकों ने हमला
कर दिया। हमला इतना जबरदस्त था कि भाजपा प्रत्याशी समेत
उनके एक दर्जन से ज्यादा समर्थक घायल हो गए। हमलावरों ने
भाजपा प्रत्याशी को मारा पीटा उन्हें गंभीर रूप से घायल
कर दिया। यह हमला उस समय हुआ जब प्रत्याशी नागेश प्रताप
सिंह रोड शो निकाल रहे थे। इसी से बौखलाए प्रमोद तिवारी
समर्थकों ने रोश शो पर हमला कर दिया। उनके काफिले की
दर्जनों गाडियां तोड़ दी गईं। समर्थकों को पीटा गया। इतना
ही नहीं एक ही दिन में भाजपा प्रत्याशी पर तीन बार हमला
किया गया। तीन अलग अलग जगहों पर उनके काफिले पर हमले किये
गए। मामले में प्रत्याशी की तहरीर पर कांग्रेस नेता
प्रमोद तिवारी, उनकी बेटी कांग्रेस प्रत्याशी आराधना
मिश्रा और साठ सत्तर लोगों के खिलाफ जानलेवा हमले, बलवा
मारपीट आदि की रिपोर्ट दर्ज हुई है। उधर कांग्रेस नेताओं
ने भी भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी है।
कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हमला करने
का आरोप लगाया है।
इसके अलावा कल
मैनपुरी में भाजपा की रैली में शामिल होने जा रहे लोगों
को रोककर उनपर हमला किया गया। कार्यकर्ताओं को मारापीटा
गया। जबकि पहले चरण के मतदान के दिन फिरोजाबाद में भाजपा
कार्यकर्ताओं को सपा प्रत्यासी द्वारा पीटा गया था। भाजपा
कार्यकर्ताओं को थाने के अन्दर पीटा गया। इसमें महिला
कार्यकर्ताओं को भी नहीं बख्शा गया था। इन सब मामलों में
शिकायतों के बावजूद पुलिस और निर्वाचन आयोग मौन साधे हुए
है। भाजपा कई बार प्रदेश के मुख्य सचिव राहुल भटनागर,
पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद को हटाने की मांग कर चुकी
है। किन्तु निर्वाचन आयोग ने इस मांग पर ध्यान ही नहीं
दिया है।
दरअसल भाजपा पूरे
प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन को टक्कर दे रही है। इस
चुनौती से बौखलाए सपा और कांग्रेस नेता हिंसा का सहारा
ले रहे हैं। भाजपा ने इस बार सपा के गढ़ समझे जाने वाले
इलाकों में भी उसे चुनौती दी है। इससे गठबंधन के नेता
हमलावर हो रहे हैं।
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