लखनऊ
(Lucknow UP)। उत्तर प्रदेश विधान सभा
चुनाव 2017 में बुधवार को दूसरे चरण के वोट डाले जा रहे
हैं। यह चरण समूचे रुहेलखण्ड और सहारनपुर तथा लखीमपुर
खीरी जिलों में है। इस चरण में बरेली, मुरादाबाद मण्डल
और सहारनपुर तथा लखीमपुर कुल 11 जिले शामिल हैं। इन जिलों
की 67 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। यह क्षेत्र पूरे
उत्तर प्रदेश के चुनाव की दिशा तय. करेगा। क्योंकि इसी
चरण में सपा-कांग्रेस गठबंधन, बसपा और भाजपा को सबसे
ज्यादा उम्मीदें हैं। ये सभी मानकर चल रहे हैं यह
क्षेत्र उनके लिए जिताऊ क्षेत्र है। इसलिए इस क्षेत्र के
मतदाताओं का रुझान ही बाकी पांच चरणों की दिशा तय करने
वाला साबित होगा।
रुहेलखण्ड विशेष रुप से दो मण्डलों बरेली
और मुरादाबाद मण्डल का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में
मतदाताओं का जो समीकरण है वह इस प्रकार है कि सपा
और भाजपा दोनों इसे अपने पक्ष में मानते हैं। यहां
मुसलमान मतों का प्रतिशत पूरे प्रदेश के मुकाबले सबसे
ज्यादा है। इसमें भी मुरादाबाद मण्डल के सभी जिलों यथा
मुरादाबाद, संभल, अमरोहा और बिजनौर में कई सीटों पर
मुसलमान मतों की संख्या पचास प्रतिशत से अधिक है। संभल
जिलें की संभल विधान सभा सीट पूरी तरह से मुस्लिम
बाहुल्य है यहां मुसलमानों की संख्या हिन्दुओं से ज्यादा
हा। इसी तरह अमरोहा, मुरादाबाद नगर सीटें भी मुसलमान मतों
की दृष्टि से पचास प्रतिशत से अधिक हैं। जबकि कोई भी सीट
ऐसी नहीं है जहां तीस प्रतिशत से कम मुसलमान हों। चन्दौसी
और धनोरा दो सीटें ही ऐसी हैं जहां मुसलमानों का प्रतिशत
काफी कम है। जबकि बरेली की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही है।
इसके साथ ही बरेली मण्डल में यादव और कुर्मी मतों की
संख्या हिन्दुओं में सबसे ज्यादा है। इसमें यादव सपा का
वोट बैंक है, जबकि कुर्मी और लोध भाजपा के पाले में रहे
हैं। इसलिए क्षेत्र को सपा और भाजपा दोनों ही अपने लिये
आसान क्षेत्र मानते हैं। जबकि बसपा दलित और मुसलमानों का
गठजोड़ बनाकर यहां आगे बढ़ने के सपने देख रही है। वषर्
2007 के चुनाव में बसपा को बिजनौर, अमरोहा, संभल जिलों
में अच्छी सफलता मिली थी। उधर भाजपा का मानना है कि बरेली
मुरादाबाद मण्डल में मुसलमान मतों का विभाजन
सपा-कांग्रेस गठबंधन और बसपा के बीच हो रहा है। इससे कमल
खिलाने में उसे आसानी होगी। इसलिए यह माना जा रहा है कि
इस विभाजन से यदि भाजपा ने रुहेलखण्ड में बढ़त बना ली तो
पूरे प्रदेस में वह आगे रहेगी। इसी प्रकार यदि
सपा-कांग्रेस ने यहां मुसलमानो को बसपा की ओर जाने से
रोक लिया तो वह प्रदेश में फिर बड़ी ताकत के रूप में
उभरेगी क्योकि इसके आगे चरणों में बी मुसलमान उसे वोट
करेगा.। जबकि बसपा का पूरा दारोमदार भी इसी बात पर
निर्भर है कि इस बार उसका दलित मुसलमान गठजोड सफल होता
है कि नहीं। कुल मुलाकार दूसरा चरण ही प्रदेश के चुनाव
की दिशा तय करने वाला साबित होगा।
दूसरा चरण कई बड़े नेताओं के प्रभाव वाला
क्षेत्र है। सपा के कैबिनेट मंत्री आजम खां इसी चरण में
उम्मीदवार है। इसके अलावा सपा के अन्य मुस्लिम मंत्री
इकबाल महमूद, महबूब अली, कमाल अख्तर, राममूर्ति वर्मा
चुनाव मैदान में हैं। जबकि भाजपा के विधान मण्डल दल के
नेता सुरेश खन्ना, राजेश अग्रवाल, धर्मपाल सिंह, चेतन
चौहान प्रत्याशी हैं। इसके अलावा यह क्षेत्र केन्द्रीय
मंत्री संतोष गंगवार, मेनका गांधी और मुख्तार अब्बास नकवी
का क्षेत्र भी है। सपा के धर्मेन्द्र यादव इसी क्षेत्र
से सांसद हैं।