नई दिल्ली, 31 अगस्त 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा)।
पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणव मुखर्जी का आज सायं सेना के रेफरल एण्ड रिसर्च हास्पिटल में निधन हो गया, वे 84 वर्ष के थे। श्री मुखर्जी को 10 अगस्त को सेना के चिकित्सालय में ब्रेन सर्जरी के लिए भर्ती कराया गया था। यहां सर्जरी के बाद वे कोमा में चले गए थे। पूर्व राष्ट्रपति के निधन की
सूचना उनके पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने ट्बीट करके दी। श्री मुखर्जी के निधन पर देश भर में शोक की लहर है। अनेक राजनेताओं ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
श्री मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल में 11 दिसम्बर 1935 को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए (राजनीति शास्त्र), एम.ए (इतिहास) की डिग्री ली तथा बाद में एलएल.बी किया। कुछसमय के लिए उन्होंने कोलकाता के एक कालेज में शिक्षण कार्य किया। मुखर्जी 1969 में राज्य सभा के लिए
निर्वाचित हुए थे। वे भारत के 13 वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने इस पद पर रहकर 2012 से 2017 तक सेवा की। वे भारत के वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री भी रहे। वे लोकसभा और राज्यसभा मे दल के नेता भी रहे। इसके अलावा योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे।
प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया शोक, दी श्रद्दांजलि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है तथा उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा है कि देश ने एक राष्ट्र नेता खो दिया है। वे आदर्श के उच्चतम स्तर पर थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। सरसंगचालक डा. मोहन भागवत और सरकार्यवाह सुरेश जोशी ( भैयाजी जोशी) ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि वे कुशल प्रशासक थे तथा राष्ट्रहित सर्वोपरि का भाव रखते थे। राजनीतिक अस्पृश्यता
से परे सभी दलों से समान रूप से सम्मानित, मितभाषी, लोकप्रिय पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी आज अपनी जीवन यात्रा पूर्ण कर परम तत्व में विलीन हो गए। भारत के राजनीतिक सामाजिक जीवन में उपजी इस शून्यता को भरना आसान नहीं होगा। संघ के प्रति उनके प्रेम औौर सद्भाव के चलते हमारे लिए
तो वे एक मार्गदर्शक थे। उनका जाना संघ के लिए एक अपूर्णीय क्षति है।
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