नई दिल्ली, 24 अप्रैल, 2020, अट्ठाइसवें
पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रमुख
पंचायत प्रतिनिधियों के साथ वीडियो
कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया।
साथ ही प्रतिनिधियों को पंचायती राज
दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर
उन्होंने कहा कि गांवों की सामूहिक
शक्ति से भारत को सशक्त बनाना है। इस
मौके श्री मोदी ने राष्ट्रपिता के
स्वराज्य के संकल्प को दोहराते हुए कहा
कि “मेरे स्वराज्य की कल्पना का आधार,
ग्राम स्वराज्य ही है” । देश की
पंचायतों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित
करते हुए उन्होंने कहा कि किसान को
बचाना है, किसान को स्वस्थ रखना है,
किसान स्वस्थ्य रहेगा तो भारत स्वस्थ
और सशक्त रहेगा। किसान हमारा अन्नदाता
है, वह देश का पेट भरता है। श्री मोदी
ने पंजाब की एक ग्राम प्रधान से
बातचीत करते हुए कहा कि किसानों को
यूरिया का प्रयोग कम करने के लिए
प्रेरित करें। इससे किसान का खर्च भी
कम होगा तथा भूमि की उर्रवरता भी बनी
रहेगी। यूरिया कृषि भूमि को बहुत
नुकसान पहुंचा रहा है।
कोरोना के संक्रमण काल
में ग्रामीण जन प्रतिनिधियों के साथ संवाद में प्रधानमंत्री ने गांव की
सामूहिकता और संस्कार शक्ति की चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के
लिए गांव में अद्भूत प्रयोग हो रहे हैं। गांव के लोग अपने संस्कारों और शिक्षा
के माध्यम से इस संकट का मुकाबला कर रहे हैं। गांव के लोगों ने दो गज दूरी का
जो सिद्धान्त अपनाया है वह अद्भूत है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में चर्चा हो
रही है कि भारत ने कैसे कोरोना को जबाव दिया है, कैसे उसका मुकाबला किया है।
भारत के लोग कठिनाई और सीमित संसाधनों में भी झुकने के बजाय उससे टकरा रहे हैं।
भारत संकल्प की सामर्थ्य के साथ आगे बढ़ रहा है। देश को आगे बढ़ाने और बचाने का
काम जारी है। उन्होंने कहा कि कोरोना की एक विशेषता है कि वह खुद किसी के घर नहीं
जाता है, जब तक कि कोई बाहर से उसे लेने न जाए। इसलिए उसे अपने घरों में आने से
स्वयं ही रोकना है। इसके लिए आवश्यक है दो गज की दूरी रहे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी
ने कोरोना एक संदेश लेकर आया है, वह सदेश है आत्मनिर्भरता का। हमें आत्मनिर्भर
बनना है, हर व्यक्ति को, हर गांव को, हर जिला को हर राज्य को और देश को
आत्मनिर्भर बनना है। इस मौके पर उन्होंने ग्राम पंचायतों के सशक्तिकरण की चर्चा
की बताया कि पांच छह साल पहले देश की कुल सौ ग्राम पंचायतों में ही ब्राडबैंड
की सुविधा उपलब्ध थी, जबकि आज सवा लाख ग्राम पंचायतों में ब्राडबैंड सुविधा
पहुंच गई है। तीन लाख से अधिक कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) काम कर रहे हैं। गांव
गांव में स्मार्ट फोन पहुंच गया है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग
संवाद में चर्चा करते हुए जम्मू कश्मीर के बारामूला के ब्लाक प्रमुख मो इकबाल
ने बताया कि उन्होंने अपने गांव में स्वास्थ्यकर्मियों को घर घर भेजकर बचाव की
जानकारी पहुंचायी है। इससे उनका क्षेत्र 99 प्रतिशत संक्रमण से मुक्त क्षेत्र
है। सभी को लाकडाउन का पालन करने की जानकारी दी गई। कर्नाटक में चिक्कावाला के
ग्राम प्रधान नवीन कुमार ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए उन्होने अपने
गांव में एक टास्क फोर्स का गठन कर दिया। उनके गांव में बनाये गए क्वारेंटाइन
सेंटर में 14 लोगों को रखा गया है। इसके साथ ही ग्राम पुलिस का गठन किया गया।
वैयक्तिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किये गए। लाकडाउन के दौरान
लोगों को घर घर दवाएं पहुंचाने का भी प्रबंध किया गया। इसी प्रकार बिहार के
जहानाबाद के धारनिया के प्रधान अजयेश यादव के साथ भी प्रधानमंत्री ने बातचीत
की। यादव ने बताया कि उनके गांव में 18 लोगों को होम क्वारेटाइन किया गया है।
उत्तर प्रदेश के बस्ती
जिला अन्तर्गत नत्थीपुर की ग्राम प्रधान वर्षा सिंह ने संवाद में भाग लेते हुए
बताया कि उन्होंने गांव में कोरोना से बचाव के लिए प्रचार कराया है। इसके साथ
ही जनधन योजना, उज्जवला योजना, किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं के माध्यम से लोगों
को लाभ दिलाने में मदद की है। पंजाब के हाड़ा की प्रधान पल्लवी ठाकुर ने
प्रधानमंत्री से बातचीत में बताया कि उन्होंने गांव में लाकडाउन का पूर्ण पालन
करना कराया है। इसके लिए गांव में दो नाके लगवाये गए हैं। ताकि, बाहर का कोई
व्यक्ति गांव न आ सके तथा गांव से भी कोई बाहर नहीं जाए। उन्होंने बताया कि
सरकार ने किसानों के लिए गेहूं खरीद की व्यवस्था की है। इसके लिए चार-पांच गांवों
के बीच में एक खरीद केन्द्र स्थापित किया गया है। इस केन्द्र पर जाने से पहले
किसान को एक होलाग्राम युक्त पर्ची दी जाती है। पर्ची होने पर ही किसान से
खरीद की जाती है। ग्राम प्रधान पल्लवी से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि आप
अपने गांव में लोगों को जागृत करें कि यूरिया का कम से कम प्रयोग करें। क्योंकि
हमें धरती माता को बचाना है, धरती माता बचेगी तभी उज्ज्वल भारत बनेगा। यह बात
किसानों को समझानी है।
महाराष्ट्र के
मेदनकरावाणी की ग्राम प्रधान प्रियंका से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि
अपने क्षेत्र में एफपीओ ( किसान उत्पादक सगठन) और ई नाम और जैम पोर्टल का
प्रयोग करने के लिए किसानों तथा गांव के उत्पादकों को प्रेरित करें। पीएम के
साथ सीधे संवाद में प्रियंका ने कहा कि उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए अपने
गांव को पूरी तरहे से सेनेटाइज कराया है। गांव में साबुन और सेनेटाइजर का वितरण
कराया। इसके साथ ही उन्होने बताया कि हमने गांव में ही मास्क बनाने का काम शुरु
कराया है। उन्होंने बताया कि उनका गांव शहर के नजदीक है। इसलिए शहरी क्षेत्र की
सोसाइटियों और किसानों के बीच सामंजस्य बनाकर सब्जी और अन्य कृषि उत्पाद की
आपूर्ति हो रही है। इससे किसानों को लाभ मिल रहा है और सोसाइटियों में आपूर्ति
सुचारु है। इसके साथ ही असम के ग्राम प्रधान रंजीत सरकार से भी प्रधानमंत्री
श्री मोदी ने बातचीत की। |