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कटरुआ कांड: सात आरोपी दोषमुक्त , 29
लोगों की हुई थी हत्या
पीलीभीत, 27 सितम्बर। (उप्रससे)।
दो दशक पहले गजरौला के जंगल में कटरुआ
बीनने गए 29 लोगों की हत्या के मामले में
सोमवार को अदालत ने फैसला सुनाया। मामले
के सात आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में
दोषमुक्त करार दिया गया। दो आरोपी फरार चल
रहे हैं, जबकि दो की मौत हो चुकी है। बता
दें, कटरुआ बरसात के दिनों में जंगलों में
साल के वृक्ष की जड़ों से निकलता है। इसकी
सब्जी बनती है।
घटना उन दिनों की है जब तराई आतंकवाद की
चपेट में था। शिवनगर गांव के रामकुमार ने
थाना गजरौला पर दो अगस्त 1992 को पुलिस को
गांव के दस लोगों के 31 जुलाई से लापता
होने की सूचना दी। दर्ज की गई रिपोर्ट में
उन्होंने बताया था कि ये लोग जंगल में
कटरुआ बीनने गए थे। इनमें रामकुमार का भाई
सुरेश भी था। काफी तलाश के बाद भी पता न
चला तो आशंका जताई गई उन्हें आतंकवादियों
ने पकड़ लिया है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज
करने के बाद जंगल में कांबिंग की। इसी बीच
शिवनगर और घुंघचाई के लोगों की लाशें
सकरिया नदी के सिंघाघाट के पास पड़े होने
का पता चला। छह शव नदी के किनारे तो 23
पानी में पड़े मिले। मृतकों में महिलाएं
और बच्चे भी थे।
पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र
न्यायालय में दाखिल किया। इनमें से सुनवाई
के दौरान त्रिलोचन सिंह और दीदार सिंह का
निधन हो गया। आरोपी प्रगट सिंह उर्फ छोटू
और प्रगट सिंह उर्फ पहलवान फरार हो गए।
सात के बारे में सोमवार को स्पेशल जज
एससीएसटी एक्ट लियाकत अली ने फैसला सुनाया।
इन पर टाडा एक्ट भी लगा था जो सरकार ने
चार्जशीट दाखिल होने के बाद हटा लिया था।
साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने सुखदेव
सिंह छीना, अजमेर सिंह, नाजिर सिंह, बलवीर
सिंह, महेंद्र सिंह, कृपाल सिंह और
बनवारीलाल धानुक को दोषमुक्त कर दिया।
जमानत मिलने के बाद बनवारी फरार हो गया
था, इसलिए उसे पुन: जेल भेज दिया गया। अब
दोषमुक्त होने के बाद सोमवार को उसका
रिहाई आदेश जेल भेज दिया गया है। |