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पीलीभीत,
राजकीय पालीटेक्निक कालेज पीलीभीत के
प्राचार्य वित्तीय अनियमितताओं में फंस गये
हैं। निदेशक को मिली रिपोर्ट के बाद कालेज
प्राचार्य को सस्पेंड कर बरेली महिला
पालीटेक्निक के प्राचार्य को चार्ज दिया
गया है। फाइनेंस कंट्रोलर को मामले की
जांच करने के आदेश दिये गये हैं। राजकीय
पालीटेक्निक कालेज (जीटीआई) में कम्प्यूटर
व अन्य संसाधनों की खरीद फरोख्त में
तकरीबन 35 लाख खर्च हुये थे। इसमें
कम्प्यूटर लैब, फर्नीचर व अन्य टेंडर
प्रक्रिया भी की गई थीं। जिला प्रशासन ने
खर्च के ब्यौरे के बाबत जांच कराई थी।
स्थलीय जांच के बाद रिपोर्ट की एक कापी
पालीटेक्निक कालेज के निदेशक को भी भेजी
गई। सूत्र बताते हैं कि खरीददारी में कुछ
झोल था। कालेज के निलम्बित किये गये
प्राचार्य आलोक कुमार सक्सेना को कानपुर
हेड आफिस से अटैच कर दिया गया है। इतना ही
नहीं बरेली में महिला पालीटेक्निक कालेज
के प्राचार्य एनडी शर्मा को राजकीय
पालीटेक्निक कालेज पीलीभीत के प्राचार्य
का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। इधर, बताते
चलें कि प्रशासनिक कार्य बरेली महिला
पालीटेक्निक कालेज के प्राचार्य एनडी शर्मा
व कालेज की प्रवक्ता प्रीती सिंह कार्य
पटल पर अहम निर्णय ले रहे हैं। फाइनेंस
कंट्रोलर को मामले की जांच सौंपी गई हैं।
वहीं, डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि गत
माह जांच तो कराई गई थी लेकिन ऐसा कोई
गंभीर मसला नहीं था। धनराशि से खरीददारी
मामले के कुछ प्वाइंट थे। इस मामले में
प्राविधिक शिक्षा के निदेशक मधुकर शर्मा
ने फोन पर बताया कि जिला योजना के मद में
हुई खरीददारी में अनियमितताओं के मामले
में राजकीय पालीटेक्निक कालेज पीलीभीत के
प्राचार्य को सस्पेंड कर कानपुर हेड आफिस
से अटैच किया गया है। निलंबित प्राचार्य
एके सक्सेना ने कहा कि रिपोर्ट के बाबत
जांच में पूरा सहयोग दूंगा। मैने नियम और
मानकों के मुताबिक कुछ गलत नहीं किया। |