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  मुसलमानों को जलील न करें मायावती: आजम खां
  मुस्लिम आरक्षण: सपा ने फिर दागे माया पर सवाल
Tags: Lucknow, U.P.Samachar Sewa, Moh. Azam Khan, Samajvadi Party, Mushlim Quota
Publised on : 2011:09:20       Time 08:40                                 Update on  : 2011:09:20       Time 08:40

लखनऊ, 19 सितम्बर। (उप्रससे)। मुसलमानों के लिए आरक्षण की मांग करने पर मुख्यमंत्री मायावती को समाजवादी पार्टी ने आज फिर सवालों के घेरे में खड़ा किया है। आज मोर्चा सपा के तेज तर्रार मुस्लिम नेता आजम खां ने संभाला है। उन्होंने मुसलमानों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री से गई मांग को छलावा करार दिया है। उन्होंने कहा कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यायल पर बुलडोजर चलवाने वाली मायावती को आरक्षण बात करके मुसलमानों को जलील करने का कोई हक नहीं है। सपा नेता आजम खां आज पार्टी में मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
श्री खां ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री को मुसमानों के पिछड़ेपन की इतनी ही चिंता है तो वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के बजाय केरल और आन्ध्र प्रदेश की तरह राय सरकार के स्तर पर इस तरह का स्वयं ही प्रयास कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुस्लिम आरक्षण की बात उठाकर एक नई बहस शुरु कर दी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मुसलमानों को छलने और ठगने के लिए ही प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। इस तरह की गैर जरूरी चिट्ठियां उन्होंने पहले भी प्रधानमंत्री को लिखी हैं। श्री खां ने कहा कि मुसलमानों के लिए आरक्षण का तरीका सच्चर कमेटी ने सुझाया है। जिसके तहत केन्द्र सरकार ही नहीं राय सरकारें भी अपने स्तर से आरक्षण की व्यवस्था कर सकती हैं। केरल और आन्ध्र प्रदेश में यही तरीका अपनाया गया। किन्तु इस तरह की पहल उत्तर प्रदेश में नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐन चुनाव के मौके पर मुस्लिम आरक्षण का राग छेड़ने वाली मायावती के शासन में 13 वर्षीय मुस्लिम बालिका के साथ बलात्करा करके उसकी लाश को थाने में लटका दिया जाता है।
सपा नेता ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में हुई पुलिस भर्ती में मुसलमानों की संख्या 14.2 प्रतिशत थी। जबकि मायावती के शासनकाल में हुई पुलिस भर्ती में मुसलमानों की तादात मात्र 2 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री के मुस्लिम प्रेम पर तंज कसते हुए आजम खां ने कहा कि मायावती का मुसलमानों को शैक्षिक एवं सामाजिक रूप से जाहिल बनाये रखने का है। बसपा सरकार द्वारा प्रदेश में स्थापित अरबी-फारसी विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए सपा नेता आजम खां ने कहा कि इसका नामकरण किसी अरबी फारसी स्कालर की जगह कांशीराम के नाम पर कर दिया गया।

समाचार स्रोतः Omprakash Tiwari, उ.प्र.समाचार सेवा

Summary:  Again remark questioned on Mushlim quota by S.P.

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