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  2015 तक होंगे अस्टियोपोरोसिस के 36 मिलियन मरीज
  आस्टियोपोरोटिक जन स्वास्थय के लिए एक गंभीर खतरा : वीसी
Tags: AMU, OSTEOPOROSIS, OSTEOPOROSIIC
Publised on : 2011:09:19       Time 10:11                                Update on  : 2011:09:19       Time 10:11

अलीगढ, 18 सितम्बर। (उप्रससे)। अलीग़ढ मुस्लिम विष्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज के आर्थोपैडिक सर्जरी विभाग एवं अलीग़ढ आर्थोपैडिक क्लब द्वारा संयुक्त रूप से आस्टियोपोरोटिक फ्रेक्चर्स पर आयोजित उत्तर प्रदेष आर्थोपैडिक एसोसिएषन मिड टर्म सिम्पोजियम के उद्धाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए अमुवि कुलपति प्रोफेसर पी0के0 अब्दुल अजीज ने कहा कि आस्टियोपोरोटिक जन स्वास्थय के लिए एक गंभीर खतरा है और अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आषंका है कि वर्श 2015 तक 36 मिलियन लोग इससे ग्रस्त हो जायेंगे।
प्रोफेसर अजीज ने कहा कि अब समय आ गया है कि चिकित्सक इस रोग के खतरों के प्रति समाज में जागरूकता पैदा करें और स्वंय नागरिक भी इसके खतरों के प्रति जागरूक हों ताकि भारत में आस्टियोपोरोटिक के बढते हुए खतरों से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि इस सिम्पोजियम के आयोजन से नागरिकों के स्वास्थय के लिए हानिकारक वस्तुओं जैसे मदिरापान, धुम्रपान आदि पर निष्चित रूप से कमी आयेगी। उन्होंने जे0एन0 मेडीकल कालिज के आर्थोपैडिक विभाग की भी प्रषंसा की।
जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज के आर्थोपेडिक विभाग के अध्यक्ष एवं मिडटर्म सिम्पोजियम के आयोजक अध्यक्ष प्रोफेसर मौहम्मद जाहिद ने कहा कि स्थानबध्द जीवन षैली और खानपान के कारण भारत में आस्टियोपोरोसिव फ्रेक्चर्स के रोगी तीव्रगति से बढ रहे हैं। जिनका उपचार कठिन है। आस्टियोपोरोटिक की उक्त चुनोती को ध्यान में रखते हुए आवष्यक हो गया है कि इस रोग से होने वाले फ्रेक्चर्स के कारगर इलाज पर विषेश ध्यान दिया जाए। उन्होंने आषा व्यक्त की कि यह सिम्पोजियम आस्टियोपोरोटिक फ्रेक्चर्स के बारे में चिकित्सकों को आपसी विचार विमर्ष का न केवल मंच प्रदान करेगा बल्कि इसके इलाज के बेहतर तरीके की संभावनाओं को भी तलाषेगा।
मेडीसन संकाय के डीन प्रोफेसर एम0एच0 बेग ने कहा कि आस्टियोपोरोटिक न केवल भारत में बल्कि पूरे विष्व में एक चुनौती बनता जा रहा है और अधिकतर पचास वर्श की आयु के लोग बदलती जीवन षैली के कारण इसका षिकार हो रहे हैं। उन्होंने आव्हान किया कि भारत जैसे विकासषील देष में सरकार को जन स्वास्थय योजनाओं को न केवल बेहतर ढंग से संचालित करना चाहिए बल्कि इनके लिए अधिक धन भी आवंटित करना चाहिए।
उत्तर प्रदेष आथोपैडिक एसोसिएषन के अध्यक्ष डा0 अषोक गुप्ता ने कहा कि भारत में तीन सौ मिलियन से अधिक लोग ओस्टोपेटिक रोग से ग्रस्त हैं ऐसे में चिकित्सकों का दायित्व है कि वह इस रोग के निदान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें। उन्होंने कहा कि इसमें कोई षक नहीं है कि भविश्य में आर्थोपेडिक सर्जनों के ऊपर और भी अधिक जिम्मेदारी बढ जायेगी।आर्थोपेडिक एसोसिएषन उत्तर प्रदेष के सचिव डा0 जमाल अषरफ ने कहा कि यू0पी0ए0ओ0 का ध्येय रोगियों को अत्याधुनिक चिकित्सा उपलब्ध कराना है। उन्होंने आषा व्यक्त की कि यहॉ से लौटने के बाद चिकित्सक अपने अनुभवों को रोगियों के उपचार में प्रयोग करेंगे।
सिम्पोजियम के आयोजन सचिव और ए0एम0यू0 आर्थोपेडिक विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डा0 आमिर बिन साबिर ने कहा कि आस्टियोपोरोसिस बूढ़े लोगों में होने वाले दस रोगों में से एक सामान्य बीमारी है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के समक्ष आस्टियोपोरोसिस और इससे होने वाला फ्रेक्चर्स गम्भीर चुनौती है। डाक्टर आमिर ने कहा कि कि इसके इलाज में नई दवाओं के साथ नए इम्पलान्ट भी विकसित हो रहे हैं और इससे ओस्टोपोरेटिक फ्रेक्चर्स के इलाज में काफी मदद मिल रही है।
कार्यम का संचालन आर्थोपेटिक विभाग के अस्सिटेंट प्रोफेसर डा0 उवैस अहमद कुरैषी ने किया। इस अवसर पर यू0पी0ओ0ए0 के निर्वाचित अध्यक्ष डा0 कपिल कुलश्रेश्ठ, अलीग़ढ आस्टियोपोरोटिक क्लब के अध्यक्ष डा0 मनोज मिततल व सचिव डा0 संजीव गर्ग भी उपस्थित थे।दिन भर चले सिम्पोजियम में नई दिल्ली के डा0 आर0 रस्तोगी, डा0 आदित्य अग्रवाल व डा0 यष गुलाटी, आगरा के डा0 के0के0 पूर्ति, लखनऊ के डा0 जमाल अषरफ, डा0 संदीप गर्ग, डा0 पी0पी0 षर्मा, बरेली के डा0 पी0 माहेष्वरी, कानपुर के डा0 नदीम फारूकी, गाजियाबाद के डा0 धीरेन्द्र सिंह तथा जे0एन0 मेडीकल कालिज के डा0 षीलू षफीक, डा0 मुहम्मद जाहिद व डा0 नैयर आसिफ ने आस्टियोपोरोटिक फ्रेक्चर्स के प्रबन्धन पर अपने विचार प्रस्तुत किए। पॉच सत्रों में सम्पन्न हुए इस सिम्पोज़ियम के विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता प्रोफेसर ए0ए0 ईराकी, डा0 अषोक गुप्ता, कपिल कुलश्रेश्ठ, डा0 अमित सहगल, डा0 एस0एस0 षर्मा व डा0 आर0के0 नरूला ने की।
प्रोवोस्ट छात्रों के हितों का ध्यान रखें : प्रो. अजीज
अलीगढ, 18 सितम्बर। (उप्रससे)। अलीग़ढ मुस्लिम विष्वविद्यालय के आवासीय हालों में सुरक्षा, कमरों के आवंटन तथा अन्य सम्बन्धित विशयों पर अमुवि की सैंट्रल एलाटमेंट कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई जिसकी अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर पी0के0 अब्दुल अजीज ने की।
बैठक को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर अजीज ने कहा कि आवासीय हालों के प्रवोस्टों को छात्रों के हितों का ध्यान रखना चाहिए और उनकी समस्याओं का नियमित रूप से निदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालों में सुरक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप में चुस्त होनी चाहिए और वहॉ किसी प्रकार की हानिकारक वस्तु जैसे चाकू आदि ले जाने के लिए किसी को भी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल के कर्मचारियों को छात्रों की सुविधाओं और सुरक्षा के प्रति सचेत रहना चाहिए। प्रोफेसर अजीज ने बताया कि विष्वविद्यालय ने 45 लाख रूपये का प्रावधान इमारतों की मरम्मत तथा पुन:उद्वार के लिए किया है और सभी कार्य तीन महीने में पूरे हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि हाल के प्रवोस्टों को अपने अपने यहॉ एक वार्डन को निर्माण कार्य की गुणवत्ता आदि पर निगाह रखने की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए।
सैंट्रल एलाटमेंट कमेटी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम0 सलीमउद्दीन ने हालों में सफाई, स्वच्छ जल आपूर्ति तथा विद्युत सप्लाई की आवष्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों एवं उनके अभिभावकों से हाल के वार्डन एवं प्रवोस्टों को व्यक्तिगत स्तर पर निरन्तर रूप से संवाद बनाये रहना चाहिए।
डीन स्टूडैंटस वैलफेयर प्रोफेसर एैनुल हक ने विभिन्न हालों के छात्रों द्वारा अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को उनके सम्मुख प्रस्तुत करने के बारे में चर्चा कीं उन्होंने हाल के प्रवोस्टों का ध्यान छात्रों की वरिश्ठता की ओर दिलाया जो कि विष्वविद्यालय में वरिश्ठता पर आधारित है न कि हाल में। अमुवि प्रोक्टर प्रोफेसर मुजाहिद बेग ने विष्वविद्यालय में लागू सेक्टर स्कीम पर चर्चा करते हुए हाल के प्रवोस्टों से आग्रह किया कि वह इस नवीन सुरक्षा व्यवस्था में अपना सहयोग दें ताकि विष्वविद्यालय परिसर में रहने वाले छात्रों, षिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों को बाहरी एवं असमाजिक तत्वों से सुरक्षा प्रदान की जा सके।
विष्वविद्यालय के मीडिया एडवाइजर प्रोफेसर एन0ए0के0 दुर्रानी ने हाल के प्रवोस्टों को बताया कि अमरीका में अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों के लिए विष्वविद्यालय ने 19 सितम्बर को कैनेडी हाल में प्रात: 11:00 बजे अमरीकी दूतावास के साथ छात्रों का एक चर्चात्मक सत्र ''अपारचुनिटी फॉर क्वालीफाइड स्टूडैंटस इन दी यूनाइटेट स्टेटस एण्ड दी प्रेसाईब्ड वीजा प्रोसीजर'' का आयोजन किया है। उन्होंने प्रवोस्टों से आग्रह किया कि वह अपने-अपने हालों से कम से कम बीस-बीस छात्रों को सत्र में भाग लेने के लिए भेजें।उक्त बैठक में अमुवि रजिस्ट्रार प्रोफेसर वी0के0 अब्दुल जलील तथा सभी आवासीय हालों के प्रवोस्ट उपस्थित थे।
एएमयू व अमेरिकी दूतावास द्वारा संयुक्त बैठक आज
अलीगढ, 18 सितम्बर। (उप्रससे)। अलीग़ढ मुस्लिम विष्वविद्यालय और नई दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से 19 सितम्बर 2011 को कैनेडी हाल में प्रात: 11 बजे अपारचुनिटी फॉर क्वालीफाईड स्टूडैंटस इन दी यूनाईटेड स्टेटस एण्ड दी प्रेसाईब्ड वीजा प्रोसीजर विशय पर छात्रों की एक चर्चात्मक बैठक आयोजित की जा रही है। विष्वविद्यालय के मीडिया एडवाइजर एवं कार्यम के समन्वयक प्रोफेसर एन0ए0के0 दुर्रानी ने बताया कि इस चर्चात्मक कार्यम का मुख्य उद्देष्य विष्वविद्यालय के छात्रों को अमरीका में उपलब्ध उच्च षिक्षा ग्रहण करने के लिए फन्डों और वीजा नियमों से भी अवगत कराया जायेगा। प्रोफेसर दुर्रानी ने कहा कि विभिन्न विभागों के सर्वाधिक श्रेश्ठ छात्र तथा स्नातक, स्नातकोत्तर एवं षोध छात्र जो अमरीका में षिक्षा प्राप्त करने की अर्हता रखते हैं, उन्हें इस महत्वपूर्ण चर्चात्मक बैठक में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा।
चर्चात्मक बैठक में अमरीकी दूतावास का दल 19 सितम्बर को प्रात: काल अलीग़ढ पधारेगा। दल में दूतावास के वाइस कोनसूल जैरी क्लारीकल, वीजा असिस्टेंट निषथा आबराय तथा फरूख उस्मान, इन्फारमेषन आफीसर पीटर वुरूमैन, इन्फारमेषन स्पेषलिस्ट मीना सान्याल, उर्दू सम्पादक सैयद जफर हसन और यू0एस0आई0ई0एफ0 एजूकेषनल एडवाइजर सैयद खालिद जमाल सम्मिलित हैं।

समाचार स्रोतः उ.प्र.समाचार सेवा

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