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बरेली
: रुहेलखंड यूनिवर्सिटी ने प्रदेश में
बीएड की तीसरी काउंसिलिंग की तैयारियां
शुरू कर दीं। 19 सितम्बर से प्रवेश
प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। दो
काउंसिलिंग के बाद बीएड की करीब तीन हजार
सीटों पर प्रवेश होने बाकी हैं। इनमें से
करीब एक हजार अभ्यर्थी सीट आवंटन के बाद
भी कालेजों में नहीं पहुंचे। उन्हें भी इस
तीसरी काउंसिलिंग में शामिल किया जाएगा।
इसके लिए यूनिवर्सिटी ने पूल बनाया है। अभी
तक 42 सौ छात्रों ने पूल में रजिस्ट्रेशन
कराया है। इन्हें रैंक के अनुसार कालेजों
का आवंटन किया जाएगा। ऐसे छात्रों को
कालेजों का आवंटन करने की प्रक्रिया शुरू
कर दी। जीरो फीस वाले छात्रों को लेकर
असमंजस बरकरार है। ऐसे छात्र प्रवेश लेने
क्यों नहीं पहुंचे, इसकी जानकारी ली जा रही
है। शनिवार से पूल को अंतिम रूप देने की
प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 19 सितम्बर
को पूल सूची जारी होगी। जिसमें छात्रों को
कालेजों के आवंटन की जानकारी दी जाएगी। इसी
दिन से एडमिशन की प्रक्रिया भी शुरू होगी।
यूनिवर्सिटी की रैंक के आधार पर दिए गए
कालेजों में ही पूल के रजिस्टर्ड छात्रों
को प्रवेश लेना होगा।
प्रदेश में बीएड की 1200 सीटें खाली
अलॉटमेंट के बाद एडमिशन लेने नहीं पहुंचे
1000 अभ्यर्थी
बरेली। कॉलेज अलॉटमेंट के बाद 1000 बीएड
अभ्यर्थी एडमिशन लेने नहीं पहुंचे। इससे
कॉलेजों की परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने
रूहेलखंड विश्वविद्यालय को अपने यहां
रिक्त सीटों का ब्योरा भेजकर इन सीटों को
भरने की गुजारिश की है। ऐसे कॉलेजों की
संख्या तकरीबन 300 है। इस संबंध में
विश्वविद्यालय ने प्रवेश न लेने वाले
अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करते हुए 20
सितंबर तक कर समय दिया गया है। अभ्यर्थियों
को स्पष्ट किया गया है कि यदि उन्होंने
निर्धारित समय के भीतर प्रवेश नहीं लिया
तो कॉलेज अलॉटमेंट निरस्त कर दिया जाएगा
और रिक्त हुई सीट प्रतीक्षा सूची के
अभ्यर्थियों को अलॉट कर दी जाएगी।
11 सितंबर को हुई बीएड कॉलेजों की बैठक
में उच्चशिक्षा सचिव के समक्ष सभी कॉलेजों
ने करीब 200 रिक्त सीटों का ब्योरा भी दिया
था। ये वह सीटें हैं जो तीसरी काउंसिलिंग
के बाद भी नहीं भर सकीं थीं।
विश्वविद्यालय ने 5000 अभ्यर्थियों का पूल
बनाया है। इन्हीं अभ्यर्थियों को रिक्त
सीटों पर एडमिशन दिया जाएगा। अभी कुछ
कॉलेजों का ब्योरा विश्वविद्यालय अपलोड नहीं
कर पाया है। इसकी वजह कर्मचारियों की
हड़ताल है। गौरतलब है कि 15 सितंबर से
प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों के दाखिले
होने थे लेकिन नहीं शुरू हो सके।
जीरो फीस वालों को नहीं मिला दाखिलाः
जीरो फीस वाले अभ्यर्थियों को तमाम कॉलेजों
ने अब तक प्रवेश नहीं दिया है। नोडल
अधिकारी डॉ. बीके पांडेय ने बताया कि 11
सितंबर की बैठक में उच्च शिक्षा सचिव ने
कॉलेजों को निर्देशित किया था कि
स्कॉलरशिप फार्म तुरंत भरवाया जाए ताकि
अभ्यर्थियों को प्रवेश लेने में कठिनाई न
हो लेकिन ऐसा नहीं किया गया। डॉ. पांडेय
ने कहा कि अब इन सीटों को प्रतीक्षा सूची
से भरने की कवायद शुरू कर दी गई है।
कुछ कॉलेजों में खाली हैं आधी सीटेंः
बीएड के तमाम कॉलेज ऐसे हैं जहां लगभग आधी
सीटें खाली हैं। इनमें महादेव इंस्टीट्यूट
ऑफ टेक्नालॉजी, बागपत में 46 सीटें।
वेंकटेश्वरा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्प्यूटर
साइंस एंड टेक्नालॉजी, मेरठ में 30 सीटें,
आरआईईटी विद्यापीठ, मेेरठ में 14 सीटें,
बाबू संतबक्स महाविद्यालय, प्रतापगढ़ 12
सीटें हैं। ऐसे तमाम कॉलेज हैं जहां 10-10
सीटें खाली हैं।
शासन ने सुप्रीमकोर्ट में एफिडेविट दिया
है कि बिना काउंसिलिंग कराए कोई सीट नहीं
भरी जाएगी। इसके चलते कॉलेज कोई सीट नहीं
भर पा रहे हैं। इन कॉलेजों ने
विश्वविद्यालय से गुहार लगाई कि खाली हुई
सीटें अलॉट कर दी जाएं। |