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नई दिल्ली., 08 अक्टूबर। (उप्रससे)।
New Delhi, Oct 08, 2011. U.P.Web News.
केन्द्र सरकार ने टी.वी.चैनलों पर शिकंजा
कसने की तैयारी शुरु कर दी है। सरकार ने
केबिनेट से स्वीकृति के बाद ऐसे नियम जारी
किये हैं जिसमें पांच बार नियमों का
उल्लंघन करने पर समाचार चैनल का लाइसेंस
नवीनीकरण करने से रोक दिया जाएगा। इस फैसले
को टी.वी.चैनलों की एसोसिएशन ब्राडकास्ट
एडीटर्स एसोसिएशन (बीईए) ने अलोकतांत्रिक
बताया है तथा इस फैसले की तीखी आलोचना की
है। एसोसिएशन के अध्यक्ष शाजी जमां और
महासचिव एन.के.सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी
करके कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमण्डल का यह
फैसला मीडिया पर नियंत्रण कायम करने की एक
कोशिश है। फैसले में कहा गया है कि जो
चैनल पांच या उससे अधिक बार कार्यक्रम तथा
विज्ञापन संहिता का उल्लंघन करते हुए पाए
जाएंगे,वे लाइसेंसों का नवीनीकरण के लिए
योग्य नहीं होंगे। स्मरण रहे कि चैनलों को
हर दस साल बाद लाइलेंस का नवीनीकरण करना
होता है। बीईए ने कहा है कि सभी
लोकतांतिरक देशों में सरकारों की सामग्री
से संबंधित मुद्दों में कोई भूमिका नहीं
होती है। भारत का संविधान भा सरकार को ऐसी
कोई भूमिका संभालने से स्पष्ट तौर पर रोकता
है। बीईए ने मांग की है कि सरकार इस फैसले
को तुरंत वापस ले। एसोसिएशन ने कहा है कि
सरकार स्वतंत्र इलेक्ट्रानिक मीडिया को
नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि समाचार
सामग्री को क्या नौकरशाहों के विवेक पर
छोड़ा जा सकता है। बीईए के अध्यक्ष शाज़ी
ज़मां और महासचिव एन के. सिंह की ओर से
जारी विज्ञप्ति में दावा किया कि यह कदम
आत्म-नियमन की ओर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
द्वारा उठाए जा रहे ऐतिहासिक कदमों का
महत्व कम करने कोशिश है। लगभग सभी मुख्य
राष्ट्रीय समाचार चैनल बीईए के सदस्य हैं। |