|
Tags:
Bareillvi Muslim, All India Sunni Ulema
Fedration New Delhi, Sajjadanashin
Subhani Miyan, Bareilly, General
Secretary Gulam Abdul Kadir Habibi |
|
आल
इंडिया सुन्नी उलेमा फेडरेशन क़ा
प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली से बरेली आया
बरेली, 28 अक्टूबर। (उप्रससे)। आल इंडिया
सुन्नी उलेमा फेडरेशन के नई दिल्ली से आए
प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार देर शाम आला
हजरत दरगाह के सज्जादानशीन सुब्हानी मियां
से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सरकार पर
मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया।
सुन्नी उलेमा फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने
साफ कर दिया कि कांग्रेस ने मंत्रिमंडल
में दो मुसलमानों को जगह दी है। दोनों ही
देवबंदी हैं। चेतावनी दी कि 80 फीसद
सुन्नियों को नजरअंदाज करना कांग्रेस को
भारी पड़ सकता है। यूपी में विधानसभा
चुनाव से ठीक पहले सुन्नी उलेमाओं ने भी
कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
फेडरेशन के महासचिव व हमदर्द यूनिवर्सिटी
दिल्ली के गुलाम अब्दुल कादिर हबीबी ने कहा,
‘मुल्क के अस्सी फीसदी मुसलमान सुन्नी
बरेलवी हैं और मरकज की सियासत में हमारी
कोई जगह नहीं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में
सिर्फ दो मुसलमान हैं और दोनों ही गैर
बरेलवी हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार
जमीएत-ए-उलेमा हिंद को मुसलमानों का
प्रतिनिधि मानती है, जोकि गलत है। कहा,
अगर भाजपा हिंदू राष्ट्र के राग को छोड़
दे तो उसके साथ समझौते से भी उन्हें गुरेज
नहीं। श्री हबीबी ने कहा कि इससे पहले
कांग्रेस में जाफर शरीफ, मरहूम अब्दुल गनी
खां चौधरी, डॉ. अबरार अहमद जैसे मंत्री
सुन्नियों की नुमाइंदगी करते रहे हैं।
लिहाजा, इस नाइंसाफी को लेकर ही सुन्नियों
के मरकज दरगाह आला हजरत आए हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने सज्जादानशीन से कांग्रेस
के खिलाफ फैसला लेने की मांग की है ।
फेडरेशन ने हर स्तर के चुनाव में सुन्नी
मुसलमानों को संख्या के आधार पर
प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग की। इस
दौरान मुरादाबाद के शहर काजी मुफ्ती
अब्दुल मन्नान कलीमी ने कहा कि अगर
कांग्रेस ने सुन्नियों की मांग को
नज़रअंदाज किया तो हम दूसरे विकल्पों पर
विचार करेंगे।
बरेली आए सुन्नी उलेमा फेडरेशन के
प्रतिनिधिमंडल ने साफ कर दिया कि कांग्रेस
ने मंत्रिमंडल में दो मुसलमानों को जगह दी
है। दोनों ही देवबंदी हैं। चेतावनी दी कि
80 फीसद सुन्नियों को नजरअंदाज करना
कांग्रेस को भारी पड़ सकता है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल मुरादाबाद के शहर
काजी मुफ्ती अब्दुल मन्नान कलीमी ने दरगाह
आला हजरत पर प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि
मुल्क में सुन्नी मुसलमानों की तादाद 80
फीसद है लेकिन कांग्रेस 20 फीसद लोगों को
तरजीह देती रही है। मंत्रिमंडल में गुलाम
नबी आजाद और सलमान खुर्शीद को जगह दी है।
दोनों सुन्नी नहीं हैं। न ही वे सुन्नी
मुसलमानों के लिए काम करते हैं। मिलने जाओ
तो ठीक से बात नहीं करते। इसके बरखिलाफ
जमीतुल उलमा-ए-हिंद के लोगों को गोद में
बैठा रखा है। किछोछा शरीफ के सज्जादानशीन
सैयद शाह मुहम्मद खालिद अशरफ भी यही चाहते
हैं। उन्होंने सुब्हानी मियां के लिए खत
भी लिखकर दिया है। एक सवाल के जवाब में
बरेलवी उलेमाओं ने कहा कि कांग्रेस के
खिलाफ भाजपा से बात हो सकती है लेकिन
पार्टी पहले मुस्लिम के प्रति अपना रवैया
बदले। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां
से भी बात करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में
जेएनयू के डॉ. इम्तियाज आलम, डॉ. सादिकुल
इस्लाम इत्यादि भी शामिल रहे। सभी ने
दरगाह आला हजरत भी हाजरी दी। नजरअंदाज कर
रही कांग्रेस आला हजरत के सज्जादानशीन
सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां भी
कांग्रेस पर सुन्नी मुसलमानों को नजरअंदाज
किये जाने के आरोप से सहमत हैं। उन्होंने
कांग्रेस के खिलाफ फैसला लेने के सवाल पर
कहा कि हज पर जा रहे हैं, लौटकर आने के
बाद सलाह मशवरा करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में
जेएनयू के मौलाना डॉ. इम्तियाज आलम, पीस
नेशनल फाउंडेशन के अध्यक्ष हजरत मौलाना
नफीसुल हसन अल्वी, सुन्नी उलेमा फाउंडेशन
के हाजी मोहम्मद याकूब, इस्टर्न इंडिया
स्टूडेंट के अध्यक्ष मोहम्मद सादिकुल
इस्लाम, मौलाना सनाउल्लाह, मुफ्ती कदीर,
मुफ्ती सलीम भूरी, अजमल नूरी, नासिर कुरैशी
आदि
की मौजूदगी प्रमुख थी |