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अधिकारी के कारनामों से श्रीप्रकाश जायसवाल हलकान!
- अनिल सौमित्र -

Tags: Shriprakash Jaiswal, Northern Colfield Limited, CMD Vinay Kumar

First Publised on : 2011:10:23       Time 16:14       Last  Update on  : 2011:10:23       Time 16:14 

नई दिल्ली। अपने मंत्रालय और विभाग के आला अधिकारियों के कारनामों से कोयला मंत्री हलकान हैं। सीबीआई मध्यप्रदेश की टीम ने नादर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीमएडी विनय कुमार सहित कई अन्य अधिकारियों के सिंगरौली(मध्यप्रदेश), कोलकाता (प. बंगाल), वाराणसी (उत्तरप्रदेश), और आरा (बिहार) स्थित ठिकानों पर छापा मारा है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार कुल 22 ठिकानों पर छापे की कार्यवाई हुई। सूत्रों के अनुसार ये अधिकारी माइनिंग उपकरण आदि सप्लाई करने वाली कंपनियों को अवैध लाभ पहुंचा रहे थे। कोयला मंत्रालय के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार सीबीआई और केन्द्रीय सतर्कता आयोग की नजर कई और भी अधिकारियों पर है। जांच और छापे की कार्यवाई की चपेट में कुछ और भी संदिग्ध अधिकारियों के आने की संभावना है। जांच एजेंसियों का फंदा जल्दी ही डब्ल्यूसीएल के प्रबंध निदेशक दिनेशचंद्र गर्ग पर कस सकता है। गौरतलब है कि कोयला मंत्रालय में बहुत कुछ गड़बड़ चल रहा है, लेकिन चुपके-चुपके। 2 जी स्पेक्ट्रम और कामनवेल्थ घोटाले ने यूपीए सरकार और कांग्रेस पार्टी को पहले ही बेचैन कर रखा है। लेकिन कोयला मंत्रालय अपने अधिकारी के कारनामों के कारण हलकान है। वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक दिनेशचंद्र गर्ग के कारनामों के छींटे मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल पर पड़ने शुरु हो गए हैं।

कोयला मंत्रालय, खासकर वेसटर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड में चल रही कारगुजारियों को भाजपा ने उत्तरप्रदेश के चुनाव में उठाने का पूरा मन बना लिया है। केन्द्र में कोयला मंत्री रह चुकीं और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के करीबी सूत्रों के अनुसार इस मामले को सबसे पहले कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल के क्षेत्र में उठाया जायेगा। फिर पूरे प्रदेश और देशभर में। सूत्रों के अनुसार कोयला भ्रष्टाचार की मलाई भले ही कोल फील्ड्स के अधिकारी खा जायें, लेकिन कालिख तो मंत्री पर ही पुतेगी। वेस्टर्न कोल फील्ड के कई मामलों की जांच कोयला विभाग के ही अधिकारियों ने की है। लेकिन आरोपियों और दोषियों पर कार्यवाई करने की बजाये विभाग के आला अधिकारी उन्हें बचाने में लगे हैं।वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक दिनेशचंद्र गर्ग के खिलाफ कई मामलों में आपराधिक मामला दर्ज करने और कुछ मामलों में जांच के लिये अनुमति मांगी गई हैं। बुक स्टाक से कोयले की कमी पाये जाने पर सीबीआई द्वारा प्रकरण दर्ज किया गया है। इसी प्रकार बल्लारपुर क्षेत्र की दो कोयला खदानों में 11692 टन की स्टाक की कमी के मामले में आपराधिक मामला दर्ज करने हेतु सीबीआई के पास मामला लंबित है। एक बडा मामला मोटाघाट नाला घोटाला का है। इसमें कोयला मंत्रालय को करोडों का नुकसान हुआ है। यह प्रकरण कार्यवाई के लिये कोयला मंत्रालय और केन्द्रीय सतर्कता आयोग में लंबित है। रूफ बोल्ट घोटाला मामले में तो डब्लयूसीएल अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डी.सी. गर्ग सीधे तौर पर आरोपित किये गये हैं। इसके अतिरिक्त कोयले की गुणवत्ता में हेरफेर, कोयला स्टाक में हेरफेर और सामग्री क्रय के अन्य मामले उजागर हुए हैं जिनमें करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है ।वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के अधिकारी दिनेशचंद्र गर्ग को बचाने का आरोप मंत्री पर भी लगने लगा है। देश की शीर्षतम जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा उनके विरूद्ध कार्रवाई की अनुमति मांगे जाने के लगभग डेढ़ वर्ष बाद भी मंत्रालय ने गर्ग के विरूद्ध जांच की अनुमति प्रदान नहीं की है । मजेदार बात यह है कि गर्ग के कार्यकाल के दौरान कंपनी में सर्वोधिक भ्रष्टाचार के मामलें सी.बी.आई तथा विजलेंस द्वारा उजागर किए गए परंतु उनमें अभी तक कोई कारगर कार्रवाई नहीं की जा सकी है। क्योंकि गर्ग स्वयं भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी हैं। गर्ग के खिलाफ मोटाघाट नाला डायवर्सन के मामले में सीबीआई ने जांच की थी और इस प्रकरण में कार्रवाई की अनुमति सीबीआई ने कोयला मंत्रालय से मांगी थी । इस मामले में लगभग 11 करोड़ का भ्रष्टाचार उजागर हुआ था ।उल्लेखनीय है कि वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि), कोल इण्डिया लिमिटेड की आठ सहायक कंपनियों में से एक है जो कि कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है। वेकोलि को वर्ष 2007 में "मिनिरत्न" का दर्जा प्रदान किया गया था। वेकोलि ने राष्ट्रीय कोयला उत्पादन में वर्ष 2009-10 में लगभग 8.6% योगदान दिया है । कम्पनी का खनन प्रचालन कार्य महाराष्ट्र राज्य के नागपुर, चंद्रपुर और यवतमाल जिलों में और मध्यप्रदेश राज्य के बैतूल और छिंदवाड़ा जिलों में फैला हुआ है ।बहरहाल जांच एजेंसियों सहित विभाग के आला अधिकारी केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल के रुख की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश में चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। ऎसे में श्रीप्रकाश भी विपक्ष को कोई मुद्दा देना नहीं चाहेंगें। इसके पहले कि भाजपा भ्रष्टाचार को लेकर कोई नया बखेडा खडा करे श्रीप्रकाश शायद अपने विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कदम उठायें।

News source: ,   Anil Saumitra, U.P.Samachar Sewa

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