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कृषि
के लिए अलग से बजट की जरूरत: राजनाथ सिंह
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स्वामीनाथन आयोग
की रिपोर्ट लागू करे सरकार
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Tags:
Jan Swabhiman Yatra Bhartiya Janta
Party, BJP U.P. Rajnath Singh |
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First Publised
on : 2011:10:17
Time 21:11 Last
Update on : 2011:10:18
Time 08:25 |
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मेरठ,
17 अक्टूबर। (उप्रससे)। Meerut, Oct
17, 2011. Uttar Pradesh Samachar Sewa
जन स्वाभिमान यात्रा के दौरान भारतीय जनता
पार्टी ने किसानों की समस्याओं और उनसे
जुड़े मुद्दो ंको प्रमुखता के साथ उठाया
है। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष
राजनाथ सिंह ने मांग की है कि रेल विभाग
की तरह ही कृषि के लिये भी अलग से बजट की
व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके साथ ही
उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन
सरकार द्वारा बनाये गए एम.एस.स्वामीनाथन
आयोग की रिपोर्ट को तत्काल लागू करने की
मांग की। श्री सिंह आज यहां यात्रा के
दौरान एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 1950-52 में देष की
अर्थव्यवस्था में कृषिा का योगदान देष के
सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 50 फीसदी हुआ
करता था वो आज तेजी से घटकर लगभग 16-17
फीसदी ही रह गया है।उन्होंने कहा कि राजग
ने प्रो0 एम0एस0 स्वामीनाथन की अध्यक्षता
में एक राश्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया
था। इस आयोग ने 7वर्श पहले ही सरकार को
अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके बावजूद
यू0पी0ए0 सरकार ने इस रिपोर्ट को अभी तक
लागू नहीं किया है। उन्होंनें केन्द्र
सरकार से मांग किया कि वह तत्काल
स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करे।
पूर्व राश्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कई
भाजपा षासित राज्यों में बैंकों से कृशि
कार्य के लिए महज एक फीसदी की ब्याज दर से
ऋण मुहैया कराया जा रहा है। उ0प्र0 में भी
सरकार बनने पर हम ऐसा ही करेेंे साथ ही
पहले वर्श कोई ब्याज नहीं लेंगे तथा यह
सुनिष्चित करेंगे कि किसानों द्वारा जब
टे्रक्टर आदि कृशि संबंधी उपकरणों की खदीर
जाए तो बैकों द्वारा उसकी पूरी जमीन को
बंधक न बनाए जाए। किसान ने जिस कीमत का
ट्रेक्टर द्वारा खरीदा है मात्र उतनी कीमत
की जमीन बैंकों द्वारा अपने पास सुरक्षित
रखी जाए।
उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में गन्ने की
पेराई का समय प्रारम्भ हो रहा है फिर भी
अभी तक उन्हें वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा
है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग किया
है कि कम से कम तीन सौ रूपए प्रति क्विंटल
का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाना चाहिए।
कृशि क्षेत्र की समस्याओं पर विचार करने
के लिए उनहोंने देष की संसद में 10 दिनों
का एक विषेश सत्र बुलाने पर बल दिया। जैसे
सरकार रेल के लिए अलग से बजट जारी करती है
उसी प्रकार कृशि के लिए भी एक अलग से बजट
का प्रावधान होना चाहिए। श्री राजनाथ सिंह
ने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादित खाद्य
एंव नगदी फसलों का लाभकारी मूल्य उन्हें
मिलना चाहिए। क्योंकि अधिकांष किसानों के
लिए कृशि घाटे का सौदा साबित हो रही है।
कृशि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय
करते समय स्वामिनाथन फार्मूले को संज्ञान
में लिया जाना चाहिए।
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News source: Staff
Reporter, U.P.Samachar Sewa |
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