नई दिल्ली,13 नवम्बर 2019। ( उत्तर
प्रदेश समाचार सेवा Uttar Pradesh
Samachar Sewa)। सर्वोच्च
न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया
है। अपने स्वयं ( सर्वोच्च न्यायालय )
के संबंध में दायर याचिका का निस्तारण
करते हुए कहा है कि यह सर्वोच्च
न्यायिक संस्थान भी सूचना अधिकार
कानून के दायरे में आएंगे। लेकिन,
पारदर्शिता के साथ-साथ सर्वोच्च
न्यायालय की न्यायिक स्वतंत्रता का भी
ध्यान रखा जाएगा। यह फैसला आज मुख्य
न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की
अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान
पीठ ने सुनाया।
बुधवार को फैसला सुनाते हुए मुख्य
न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि सूचना
अधिकार कानून के तहत सीजेआई का
कार्यालय भी सार्वजनिक प्राधिकरण है।
उन्होंने कहा कि लेकिन, निगरानी के
हथियार के तौर पर आरटीआई का इस्तेमाल
नहीं किया जाएगा। जब भी पारदर्शिता की
बात आएगी तो न्यायिक स्वतंत्रता का भी
ध्यान रखा जाएगा। संविधान पीठ ने कहा
कि कोलेजियम के लिए किन नामों पर
विचार किया गया यह सर्वोच्च न्यायालय
का बतना होगा। किन्तु नामों का विचार
किस आधार पर किया गया यह नहीं बताया
जाएगा। जजों को अपनी संपत्ति का भी
खुलासा करना होगा। लेकिन, कोई भी सूचना
सीमा के बाहर नहीं मांगी जाएगी तथा दी
जाएगी। सूचना मांगने वाले की मंशा का
भी ध्यान रखा जाएगा। |