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अपनापन जगाता है अध्यात्म : श्री श्री रविशंकर

Tags: Sri Sri Ravishankar, The Guru of Art of living, Sultanpur,

First Publised on : 10 November  2011       Time 19:18     Last  Update on  : 10 November  2011       Time 19:18

Sultanpur, 10 November 2011 (UPSS) सुलतानपुर, 10 नवम्बर (अशोक जायसवाल, उ. प्र. समाचार सेवा) । ''हम जातियों व धर्मों में बट गये हैं, संकीर्णता के कारण परिवार टूट रहे हैं। घर-घर में अध्यात्म, ध्यान पहुंचाना होगा। हम सभी को यह संकल्प लेना होगा कि कन्या भ्रूण हत्या नहीं करेगें, न रिश्वत लेगें, न देगें। देश जाग गया है एक नया अध्याय शुरू हो चुका है, भ्रष्टाचार बंद करने के लिए।'' उक्त विचार आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री रविशंकर जी ने व्यक्त की।
उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले के खुर्शीद क्लब मैदान में मौजूद हजारों श्रद्धाुओं के भारी भीड क़ो सम्बोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि आज देश में शराब के कारण भी गरीबी बनी हुई हैं। सन् 2015 तक 1 लाख 40 हजार करोड लीटर शराब बिकेगी। शराब की नदी बहेगी, तो देश में गरीबी बनी रहेगी। आज गांव के रहने वो जो कमाते हैं, उसका 60 प्रतिशत शराब में खर्च कर देते हैं। इस बुराई को समाप्त करने के लिए महिलाएं बहुत कुछ कर सकती हैं।
श्री रविशंकर ने आगे बताया जब वह मिर्जापुर आ रहे थे, तो वह रास्ते में कई स्थानों पर यह लिखा दिखाई पडा - सरकारी देशी शराब की दुकान। गरीबी को कायम रखने की व्यवस्था शराब की दुकानें है। पंजाब में 70 प्रतिशत युवा नशे की चपेट में आ गये है। उत्तर प्रदेश में क्या स्थिति है ''मुझे इसका पता नहीं''। पर्यावरण की सुरक्षा भी हमें करनी हैं। एक बार हम दिल में ठान ले कि सफाई रखनी हैं तो आप गन्दगी बर्दाशत नहीं करेंगे। मन को साफ रखना ही आध्यात्म हैं। अपना मन स्वच्छ रखने से अपने को ही फायदा हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों के साथ जितना अन्याय मेरे देश में हुआ उतना कहीं नहीं हुआ। 32रू0 में बाहर से चीनी खरीदते हैं और 12रू0 में चीनी बेंचते हैं। देश के युवा तुम सजग हो जाओं सबसे अधिक अनाज, साग-सब्जी उगाने वाला देश भारत हैं। इसके बावजूद भी देश में महंगाई देश में हैं। कुछ तो गडबड हैं दाल में काला हैं। कहीं तो हमें देखना होगा। आज विश्व के अन्य देशों के लोगों का यह मानना है कि सबसे पहले ज्ञान की किताब भारत में लिखा गया। लोग यह भी कहते है कि धर्म गुरू भ्रष्टाचार के बारे में क्यों बोते हैं। अपनापन ही अध्यात्म हैं, अध्यात्म जागे तो सब अपने लगने लगेगें। आत्मज्ञान में यह बल हैं जो एक आत्मा दूसरे आत्मा को पहचान ेती हैं। इससे कोई पराया नहीं रह सकता। अध्यात्म से ही भ्रष्टाचार समाप्त होगा। आज देश में अपनापन, अध्यात्म का अभाव हैं, जिनके कारण देश में भ्रष्टाचार पनप रहा हैं। आज का दिन कार्तिक पूर्णिमा का दिन है, जो भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं आज के दिन ही गुरूदेव गुरूनानक का अवतरण देश में हुआ। पूरा भारतवासी गुरूजन के लिए ऋणी हैं, उनकी पुण्य स्मृति में सत्संग करना पुनीत दिन हैं।
फोटो परिचय : सुलतानपुर के खुर्शीद क्लब में श्रध्दालुओं को सम्बोधित करते हुए आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री रविशंकर व मौजूद हजारोंश्रध्दालु। (छाया:अशोक जायसवाल)

News source: Ashok Jaiswal, Sultanpur,  U.P.Samachar Sewa

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