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प्रशासन के घाट बदलने से लोगों में गुस्सा

Tags: Ram Ganga, Kartik Snan, Bareilly

First Publised on : 09 November  2011       Time 22:20      Last  Update on  : 09 November  2011       Time 22:20

Bareilly, 09 November 2011 (UPSS) बरेली, 09 नवम्बर। (उ.प्र.समाचार सेवा)। राम गंगा का परम्परागत घाट बदलने को लेकर आसपास के लोगों में आक्रोश है। आरोप है कि प्रशासन पानी की गहराई के बहाने परम्परा तोड़ने पर लगा है। इससे मुख्य स्नान के दिन अफरा-तफरी मचने की आशंका जताई जा रही है। उधर पुलिस और प्रशासन घाट पर सुरक्षा इंतजाम करने में जुटा है। चौबारी इस्थित रामगंगा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा क़ा मुख्य स्नान गुरुवार को है। रामगंगा तट पर गांव बस गया है।
कार्तिक पूर्णिमा पर राम गंगा में स्नान करने के लिए परम्परागत घाट बरेली-बदायूं रोड पर स्थित पुल के पश्चिम में है। पिछले साल पानी की गहराई ज्यादा होने की वजह से प्रशासन ने नहाने के लिए पुल से पूरब में घाट बनाए थे। भीड़ को रोकने के लिए बैरीकेटिंग लगाने के साथ ही पुलिस पिकेट लगाई गई थी। मगर मुख्य स्नान वाले दिन श्रद्घालुओं का रेला चला तो प्रशासन की सारी व्यवस्था धरी रह गई। हजारों श्रुद्घालु पुलिस का घेरा तोडुकर परम्परागत घाट पर पहुंच गए और राम गंगा में डुबकी लगाई थी। इससे गंगा घाट पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा था।
एसडीएम सदर पदम सिंह ने बताया कि राम गंगा पुल से पश्चिम में पानी की गहराई 6 फुट है। जबकि पुल से पूर्वी दिशा में पानी ढाई से तीन फुट गहरा है। श्रद्घालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर पूरब में चार सौ मीटर के दायरे में घाट बनाए गए हैं। जहां पानी की गहराई ज्यादा है लोहे का जाल लगा दिया गया। निगरानी के लिए पांच वाच टावर बनाए गए हैं। दो लकड़ी की नाव और एक मोटरबोट रहेगी। श्रद्घालुओं को पूरब में जाने से रोकने के लिए बैरीकेटिंग की गई है। जहां पुलिस पिकेट मुस्तैद रहेगी। इसके अलावा चार फिट चौड़ी खाई खुदवा दी गई है। एसडीएम के मुताबिक घाट बदलने से न परम्परा बदल रही, और न ही राम गंगा की पवित्रता। घाट केवल सुरक्षा के लिहाज से बदले गए हैं।
चौबारी गांव के रामपाल के अनुसार वह बचपन से पुल के पश्चिमी घाट पर स्नान करते आए हैं। अब नए घाट बनाकर परम्परा तोड़ने की कोशिश की जा रही है। टांडा गांव के हर प्रसाद के मुताबिक ज्यादा पानी की तरफ लोहे का जाल लगा दिया जाता। घाट बदले जाने की क्या जरुत थी? यही नहीं आसपास के तमाम लोग घाट बदले जाने के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि स्नान वाले दिन भीड़ को किसी हाल में नहीं रोका जा सकता।
कार्तिक राम गंगा चौबारी मेले में घुड़दौड़ और नखाशे का अपना अलग महत्व है। हर साल की तरह अबकी भी दूर-दूर से पशु बिकने आए हैं। मंगलवार देर शाम तक चौबारी मेले में हजारों घोड़ा-घोड़ी जमा हो चुके थे। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए लोग अपने घोड़ा-घोड़ी खूब दौड़ा रहे थे। बदायूं के विनावर निवासी बीडीसी सदस्य बशीर अपनी बसंती को लेकर पहुंचे थे, जिसकी चाल लोगों के मन को छू गई। आंवला के खटका रमन गांव के रोहित की घोड़ी रानी सबसे खूबसूरत दिखी, जिसने लोगों का मन मोह लिया।
बुधवार को चौबारी मेले में नंदी घूमते मिले, जो इशारे से लोगों का भविष्य बता रहेे थे। उसका इनाम नंदी के साथ चल रहा बालक ले रहा था। बालक ने अपना नाम बनिया बताया। एक समय था जब नंदी घर-घर जाकर लोगों का भविष्य बताया करते थे। अब मेला, दशहरों तक ही सीमित रह गए ।
मेले में भीड़ बढ़ने लगी है। लोग गांव देहात से बैलगाड़ियों से मेले में पहुंच रहे हैं।
घोड़ों के साथ रफ्तार के मुकाबले में बुग्गी वाले भी पीछे नहीं। तमाम परिवारों ने यहां डेरा डाला है। खरीददारी भी खूब हो रही है।
 

News source:   U.P.Samachar Sewa

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