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Delhi , 07 November 2011, नई
दिल्ली, 07 नवम्बर |
मीडिया पर देश को सांप्रदायिक आधार पर
बांटने का आरोप लगा चुके भारतीय प्रेस
परिषद के अध्यक्ष मार्कडेय काटजू ने इस
बार भारतीय मीडिया को आईना देखने की सलाह
दी है। काटजू के पूर्व के बयानों पर
पत्रकारों के संगठन द्वारा आपत्ति दर्ज
कराने के बाद भारतीय प्रेस परिषद के
अध्यक्ष ने इस बार कहा है कि मीडिया अपने
अंदर भी झांक कर देखे। खास बात यह है कि
उनके ताजा बयान को इंटरनेट पर काफी समर्थन
मिल रहा है। एक ऑनलाइन टिप्पणी में कहा
गया है कि मीडिया का बर्ताव जर्मनी के
तानाशाह हिटलर की तरह है। वह बिना किसी
पुख्ता जानकारी के कुछ भी प्रकाशित कर देता
है। गौरतलब है कि एक महीने पहले प्रेस
परिषद के प्रमुख का पद संभालने वाले काटजू
ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा था कि मीडिया
के लोगों के बारे में मेरी राय अच्छी नहीं
है। मीडिया देश को सांप्रदायिक आधार पर
बांटने का काम करता है। मुझे नहीं लगता कि
उन्हें आर्थिक नीतियों, राजनीतिक सिद्धांतों,
साहित्य और दर्शनशास्त्र की जानकारी होती
है।
काटजू के बयान के समर्थन में पूर्व
पत्रकार व मीडिया विश्लेषक वीके वरदराजन
ने कहा कि काटजू ने सही परिप्रेक्ष्य में
अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। मीडिया लोगों
तक सूचनाएं पहुंचाने व समाज की बुराइयों
से परिचित कराने की अपनी प्रतिबद्धता से
विमुख हो चुका है। उसे अपना आत्म
मूल्यांकन करना चाहिए। दूसरी ओर द एडिटर्स
गिल्ड ऑफ इंडिया की महासचिव कूमी कपूर के
मुताबिक, काटजू उन लोगों के लिए बहुत ही
अपमानजनक रवैया अपना रहे हैं, जिनके साथ
उन्हें अगले तीन वर्षों तक काम करना है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस काटजू
द्वारा पत्रकारों पर की गई नकारात्मक
टिप्पणियों से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया,
ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए),
न्यूज ब्रॉडकास्ट एसोसिएशन एंड प्रेस
एसोसिएशन में काफी रोष है। साभार : जागरण |