लखनऊ।
लोकसभा चुनाव में पराजय की समीक्षा के लिए आहूत बैठक
में समाजवादी पार्टी ने प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों
को जिम्मेदार माना है। लेकिन, अध्यक्ष को इसके लिए
जिम्मेदार नहीं माना गया। इसीलिए सपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष
अखिलेश यादव के अलावा सभी पदाधिकारियों को हटा दिया
है। अध्यक्ष के अलावा पूरी कार्यकारिणी भंग कर दी गई
है। इसके साथ ही सभी फ्रंटल संगठन भी भंग किये गए हैं।
पार्टी कार्यालय में आहूत बैठक
में अध्यक्ष ने विस्तार से चर्चा की। लेकिन, जिम्मेदारी
तय करते समय उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष और अपने बेटे
अखिलेश यादव को क्लीन चिट दे दी। सिर्फ अन्य सभी
पदाधिकारियों को ही जिम्मेदार मान लिया गया। जबकि पूरे
चुनाव अभियान का संचालन प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने ही किया था। चुनाव अभियान के दौरान सपा
मुखिया मुलायम सिंह यादव स्वयं और मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव ही सभी सभाओं को सम्बोधित कर रहे थे। अन्य किसी
नेता की कोई सभा नहीं हुई।
समाजवादी पार्टी का घोषणा पत्र
बनाने से लेकर नीति निर्धारण करने तक में पिता-पुत्र
ने ही भूमिका निभाई थी। पार्टी अपनी नीतियों और चुनाव
अभियान पर आत्मालोकन करने की बजाय अधीनस्थों को निशाना
बना रही है। पार्टी की सबसे बड़ी चिंता अपना जनाधार
खोने को लेकर है। लेकिन ऐसा क्यों हुआ इस पर विचार करने
को पार्टी नेतृत्व अभी भी तैयार नहीं दिख रहा है।
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