वाराणसी।
भारतीय जनता पार्टी से वाराणसी के सांसद व
देश के भावी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
ने काशी की जनता को सम्बोधित करते हुए कहा
कि सिर्फ वोट नहीं आपका साथ और सहयोग
चाहिए।उन्होंने काशी की जनता को गंगा तट
पर अपने आन्तरिक भावनाओं से जोड़ते हुए
संकल्प दिलाया कि हमसब मिलकर इस
आध्यातात्मिक नगरी को स्वच्छ बनायेंगे।
काशी की स्वच्छता और गंगा मईया को गंदगी
से बाहर करने का काम सरकार नहीं हम सबको
मिलकर करना होगा। हमसब मिलकर सफाई का काम
काशी से शुरु करेंगे। काशी को आध्यात्मिक
राजधानी बनाने की पहली शर्त है काशी को
स्वच्छ बनायें। कहा कि ‘‘वाराणसी जब तक
राष्ट्रगुरु नहीं बनता, तब-तक देश जगद्गुरु
नहीं बन सकता’’।
काशी को स्वच्छ
बनाने का आह्वान
उन्होंने
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 2019 में
150वीं वर्षगांठ पर काशी को निर्मल व
स्वच्छ करने का आह्वान किया। कहा कि
राष्ट्रपिता श्री गांधी का स्वच्छता के
प्रति काफी आग्रह रहता था, क्या उनके एक
आग्रह को हमसब मिलकर, कंधे से कंधा मिलाकर
पूरा करेंगे।देश के भावी प्रधानमंत्री ने
कहा कि भारत जब आध्यात्मिक गुरु था तब-तक
अपना देश आर्थिक महाशक्ति बना रहा। इस
भारत-भू को उस समय सोने का चिड़िया कहा जाता
था। कहा कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने
के लिए छोटे-छोटे काम से शुरुआत करना होगा।
उन्होंने कहा कि अब हम काशी को गंदा होने
नहीं देंगे। हमसब काशी के सेवक हैं।मोदी
ने लोगों से कहा कि आपने तो मेरे मौन पर
मुहर लगाया है। लोकतंत्र के इतिहास मंे
पहला प्रत्याशी हूं जिसे मतदाताओं का
दर्शन नहीं करने दिया गया, बात नहीं करने
दिया गया, उसके जुबान को बन्द कर दिया गया
था। तब भी आपने ने उसे मुहर लगाकर सांसद
बनाया है।
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा
कि जो बिना मांगे पऱोसे उसे मां कहते हैं।
मूझे तो काशी की जनता ने तो मांगने का मौका
भी नहीं दिया। नामांकन के बाद बड़े मुश्किल
से मैं अपने कार्यालय तक पहुंच सका। मैं
अपने मतदाता और इस पावन धरती को नमन करता
हूं।श्री मोदी ने कहा कि नामांकन के दिन
मैंने जो वाक्य बोला, वह वास्तव में मेरे
भीतर से उठे हुए शब्द थे। उस समय मेरे
अन्दर की आध्यात्मिक अनुभूति से निकला हुआ
शब्द था। मूझे गंगा मईया ने आपका बना दिया।
मां गंगा ने मेरे लिए भी कुछ काम तय करके
भेजा है। जैसे-जैसे मां निर्देश करेगी,
मैं उसे कार्य को लेकर आगे बढ़ता जाऊंगा।
कहा कि मां चीख-चीखकर पुकार रही है कोई
मेरा लाल आये मुझे इस गंदगी से मुक्त कराये।
पहली बार गैर कांग्रेस दल को स्पष्ट
बहुमत
उन्होंने गुजरात के एक शहीद श्याम कृष्ण
वर्मा के जीवन का प्रसंग सुनाते हुए कहा
कि उनकी अंतिम इच्छा थी देश की आजादी को
देखें, लेकिन आजादी से पहले वे स्वर्गलोक
चले गए। उन्होंने अपने शासकों को पत्र
लिखकर आग्रह किया था कि कम से कम मेरे
अस्थि को आजादी भारत को दर्शन करा देना।
लेकिन तात्कालीन सरकार ने उनकी आत्मा को
भी दर्शन नहीं करा सके। जब मैं मुख्यमंत्री
हुआ तो जेनेवा जाकर उनकी अस्थि को लाया और
आजाद मां का दर्शन कराकर अपने पूर्वजों के
ऋण से उऋण हुआ।अन्त में उन्होंने कहा कि
आजादी के बाद पहली बार देश की जनता ने किसी
एक गैर कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत
दिया है। आजादी के बाद सरकार बनाने के लिए
गठबंधन होता रहा, लेकिन इस बार देश की जनता
ने विपक्ष में बैठने के लिए विपक्षियांे
को गठबंधन बनाने को मजबूर किया है। |