केदारनाथ
धाम। शनिवार रात से धाम क्षेत्र में हो रही
भारी बर्फबारी और बारिश के चलते केदारनाथ
यात्रा रोक दी गई है। बद्रीनाथ, गंगोत्री
और यमुनौत्री में कल रात से बारिश हो रही
है। इन क्षेत्रों में भारी बर्फ भी गिरी
है।
केदारनाथ के उप
जिलाधिकारी उत्तम सिंह चौहान ने बताया कि
बीती रात बर्फ गिरने और बारिश के कारण आज
सुबह से यात्रा रोक दी गई है। उन्होंने
बताया कि मौसम की स्थिति को देखते हुए दो
दिन तक तीर्थयात्रियों को केदारनाथ मन्दिर
की ओर रवाना नहीं किया जाएगा। चौहान ने
बताया कि कल कल मन्दिर में दर्शन के लिए
गए ज्यादातर तीर्थयात्री नीचे वापस आ गए
हैं। जबकि दो से तीन सौ यात्री केदारनाथ
से चार किमी पहले लिनचौली में रुके हुए
हैं।
गंगोत्री
और
यमुनोत्री
के
कपाट
जहां
दो
मई
को
अक्षय
तृतीया
के
पर्व
पर
खोले
गये
थे
वहीं
केदारनाथ
मंदिर
के
पट
चार
मई
को
और
बद्रीनाथ
के
पांच
मई
को
खुले
थे।
केदारनाथ
मंदिर
के
मुख्य
पुजारी
भीमाशंकर
लिंग
ने
केदारनाथ
यात्रा
के
लिये
किये
गये
इंतजामों
को
‘नाकाफी’
बताते
हुए
भगवान
भले
के
दर्शन
के
लिये
आने
वाले
श्रद्धालुओं
को
अपनी
यात्रा
कम
से
कम
एक
सप्ताह
टालने
की
सलाह
दी।
मंदिर
की
ओर
आने
वाले
रास्तों
की
खराब
दशा
का
हवाला
देते
हुए
लिंग
ने
कहा
कि
वर्तमान
में
यह
यात्रा
‘जोखिम
भरी’
हो
सकती
है।
हालांकि
उन्होंने
यह
भी
उम्मीद
जतायी
कि
थोडा
वक्त
गुजरने
के
साथ
ही
बर्फ
पिघलेगी
और
लिनचौली
से
केदारनाथ
जाने
वाले
पैदल
रास्ते
के
कार्य
में
भी
तेजी
आयेगी।रावल
ने
कहा,
‘लिनचौली
से
केदारनाथ
के
रास्ते
में
खडी
ढलान
होने
की
वजह
से
बुजुर्गों
को
समस्या
आ
सकती
है।
अभी
वहां
बर्फ
भी
है
और
मिट्टी
भी
गीली
है।
मंदिर
की
ओर
जाने
वाले
रास्ते
को
पूरा
होने
में
अभी
सात-आठ
दिन
और
लगेंगे।’मुख्य
पुजारी
ने
कहा,
‘इसलिये
मैं
श्रद्धालुओं
को
केदारनाथ
की
यात्रा
कम
से
कम
एक
सप्ताह
तक
न
करने
की
सलाह
देता
हूं।’ राज्य
सरकार
क्षतिग्रस्त
हुई
सडकों
की
मरम्मत
का
काम
युद्धस्तर
पर
कर
रही
है
और
रावल
:मुख्य
पुजारी:
ने
भी
उसे
लेकर
संतोष
जताया।
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