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लखनऊ।
वेतन वृद्धि समेत अन्य मांगों को लेकर बाबू
बनारसी दास विश्वविद्यालय (बीबीडीयू) के
शिक्षकों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय
परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस
दौरान शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि बीते
तीन साल से उनके वेतन में वृद्धि नहीं की
गई है। शिकायत करने पर प्रशासन ने उत्पीडन
शुरू कर दिया है। नाराज शिक्षकों ने
शुक्रवार से शुरू हो रही परीक्षाओं में
सहयोग न करने की चेतावनी भी दी है।
बीबीडीयू के बीटेक शिक्षक गुरुवार सुबह
वेतन वृद्धि समेत अन्य मांगो को लेकर
कुलपति से मिलने पहुंचे। शिक्षकों का आरोप
है कि उनके बार-बार कहने पर भी कुलपति एके
मित्तल सामने नहीं आए। इस पर मामला बिगड़
गया और शिक्षकों ने हंगामा व नारेबाजी शुरू
कर दी। शिक्षकों का आरोप है कि इस दौरान
प्रबन्धन से जुड़े कुछ लोगों ने शिक्षकों
को धमकाने और विरोध में शामिल होने पर
नौकरी से निकाले जाने की धमकी भी दी।
नाराज शिक्षकों ने विवि के गेट पर विरोध
शुरू कर दिया। दोपहर बाद, पुलिस के
हस्तक्षेप के बाद प्रबन्धन की ओर से डीन
कामिल रिजवी, निदेशक प्रो. सीता लक्ष्मी
की टीम ने मौका पर जाकर प्रदर्शनकारी
शिक्षकों से बात की। जिसके बाद मामला शांत
हुआ। डीन कामिल रिजवी ने बताया कि शिक्षकों
से बात करने की उनका मांग पत्र ले लिया गया
है। प्रदर्शनकारियों को सात दिन का समय
दिया गया है। इस दौरान उनकी मांगों को
प्रबन्धन के सामने रखा जाएगा। उल्लेखनीय
है कि शिक्षकों की ओर से तीन साल से रुकी
वेतन वृद्धि का लाभ दिए जाने, ओवर टाइम पर
का भुगतान किए जाने समेत पदोन्नति के लाभ
की मांग की जा रही है।
बीबीडीयू समेत बीबीडी की चारों संस्थाओं
में शुक्रवार से सेशनल परीक्षाएं शुरू हो
रही हैं। इनमें, बीटेक समेत विभिन्न
पाठ्यक्रमों के करीब 25 हजार
छात्र-छात्राओं को शामिल होना है। जानकारों
की मानें, इसका असर परीक्षाओं पर पड़ सकता
है। हालांकि, प्रबन्धन इससे इनकार कर रहा
है। डीन कामिल रिजवी का कहना है कि विरोध
करने वाले शिक्षकों की संख्या बेहद कम है।
अन्य शिक्षकों की मदद से परीक्षाएं करा ली
जाएंगी। जिससे कोई रुकावट नहीं होगी। |