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  हमार लक्ष्य जनत को त्वरित न्याय दिलान होन चाहिएःटी.एस.ठाकुर
गर्मी की छुटिटयां में भी हो मामलों की सुनवाईःमुख्य न्यायाधीश
नए भवन के साथ लोगों के न्याय की उम्मीदें भी जुड़ीः राज्यपाल
सस्ता,सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने के लिए सपा सरकार प्रतिबद्धः मुख्यमंत्री
हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच की नई बिल्डिंग का हुआ उद्घाटन
Web Titele : Quick Justice may our aim: T.S. Thakur Chief Justice of India
Tags: Uttar Pradesh News, Allahabad High Court Lucknow Bench
Publised on : 19 March 2016  Time 17:55
 

Lucknow,लखनऊ। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर ने कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की 150वीं वर्षगांठ तथा इसके बाद लखनऊ खण्डपीठ के नवीन भवन के उद्घाटन के मौके पर न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोग, विवादों के निपटारे में तेजी लाने का संकल्प लें। यही इस अवसर की सफलता होगी। उनकी राय है कि गर्मी के अवकाश में भी काफी मामलों की सुनवाई होनी चाहिए। हमारा लक्ष्य जनता के त्वरित न्याय देने का रहना चाहिए। इस नवीन भवन की भव्यता दुनिया के किसी भी न्यायालय भवन से अधिक है। इस बड़ी और भव्य इमारत से इन्साफ की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं, जिन पर हम सबको खरा उतरना होगा।

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शनिवार को यहां गोमती नगर में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ के नव-निर्मित भवन के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। जस्टिस ठाकुर ने कहा कि अगर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अनुरोध करें तो गर्मी की छुटिटयों में भी काफी केसों की सुनवाई कराने को तैयार हूॅ। मेरा दावा है कि अगर गर्मी के अवकाश में भी मुकदमों की सुनवाई हो गई तो लम्बित केसों में निश्चित रूप से कमी आएगी। अगर दोनां पक्षों के वकील गंभीर हों तभी केस जल्दी निपटेंगे। उन्होंने कहाकि लाखों मुकदमें लम्बित हैं इसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। वकील साहबान को शिकायत रहती है कि जज समय से नहीं आते। अक्सर वकील केस की तारीख लेकर चले जातें हैं और मामला लम्बा खिंचता है। उन्होंने कहा कि लखनऊ का सौन्दर्य और अदब विश्वप्रसिद्ध रहा है। इसमें उच्च न्यायालय का यह नव-निर्मित भवन जुड़ रहा है। आबादी के बढ़ने के साथ-साथ लोगों के मसायल भी बढ़े हैं और विवाद भी उपजे हैं। बार और बेंच को मिलजुल कर समस्याओं और विवादों के शीघ्र निस्तारण की ओर ध्यान देना होगा।

प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश के न्यायिक इतिहास में यह सप्ताह ऐतिहासिक रहा है। जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह के बाद लखनऊ खण्डपीठ के नवीन भवन का लोकार्पण किया जा रहा है। इस भवन के साथ लोगों की न्याय की उम्मीदें भी जुड़ रही हैं। वादी को त्वरित और सुलभ न्याय दिलाना न्याय प्रणाली के लिए एक चुनौती है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सुविधाओं के बढ़ने से न्याय प्रक्रिया में तेजी लाने का कार्य सुगम होगा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी अतिथियों का स्वागत और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका में विश्वास की भावना का होना जरूरी है। इन तीनों अंगों के बीच एक-दूसरे का सम्मान करने के साथ-साथ तालमेल कायम रहना भी जरूरी है, ताकि जनकल्याण का कार्य प्रभावित होने पाए। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने और लोगों को त्वरित इंसाफ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। जनता को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय मिले, इसके लिए समाजवादी सरकार हर सम्भव कार्य करती रहेगी। इस मौके पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी,इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ.डी.वाई.चन्द्रचूड़,उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.के. अग्रवाल और अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्षएच.जी.एस. परिहार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्तिए.पी. साही ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन, उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति राकेश तिवारी, एस.एन. अग्निहोत्री,तेज प्रताप तिवारी,राजीव माहेश्वरम,उप्र के लोकायुक्त संजय मिश्रा, महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह भी उपस्थित थे।

   

News source: UP Samachar Sewa

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