|
लखनऊ, 27 मार्च।
बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विष्वविद्यालय
में द्वितिय लखनऊ विज्ञान कांग्रेस का
उद्घाटन गुरूवार को वैज्ञानिकों की
उपास्थिति में “ाुरू किया गया।
कार्यक्रम की “ाुरूआत करते हुए पद्म भूषण
आशीश दत्ता ने कहा कि आज विज्ञान का विकास
बिना जूनून के नही हो सकता इसके लिए
आवश्यक है कि विज्ञान में नवाचार को बढ़ावा
दिया जाए और इसके लिए परिस्थितियों से
अनुकुलन और सृजनात्मकता की आवश्यकता है।
उन्होनें कहा कि विज्ञान में खोज से ज्यादा
विज्ञान के रास्ते पे चलते रहना
महत्वपूर्ण है, मेरे लिए शुरूआत और अंत से
ज्यादा महत्वपूर्ण वो क्षण है जब मैने अपनी
पूरी मेहनत और लगन से काम किया। कार्यक्रम
में उपास्थित राम मनोहर लाहिया चिकित्सा
विज्ञान संस्थान के निदेषक डा. नुजत हुसैन
कहा कि ने चिकित्सा विज्ञान में नवीनता के
महत्व एवं इसकी प्राचीन पद्धतियों के बारे
मे विस्तार से बताते हुए कहा कि हम बड़े
अविष्कार की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहे है
इसकी जगह अगर स्थान परक वैज्ञानिक
सम्भावनाओं पर ध्यान दिया जाए तो वो ज्यादा
अच्छा होगा।
विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर सी सोबती
ने कहा कि बीबीएयू में लूसकान द्वितिय का
आयोजन गर्व की बात है। उन्होने कहा कि
जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमे अपनो से बड़ो
का आदर करना चाहिए क्योकि यह हमारी भारतीय
सभ्यता का अंग है। तकनीकि सत्र में बोलते
हुए नैक के चेयरमैन प्रो. ए एन राय ने पौधे
और बैक्टिरिया के सह अस्तित्व पर बोलते
हुए कहा कि सहजीवी नील हरित शैवाल और पौधो
के बीच में पारस्परिक क्रिया किस प्रकार
होती है। कार्यक्रम के दौरान प्रो सोबती
ने प्रसिद्ध वैज्ञानिको डा. सीएम गुप्ता,
सीएल खेत्रपाल, नित्यानंद, कस्तुरी दत्ता,
नीरज, निम्से, एस के गुप्ता, डा0 वी पी
कम्बोज, डा0 एस पी सिंह और डा. एच पी
दीक्षित का सम्मान करते हुए उन्हे
विश्वविद्यालय में एडजंक्ट प्रोफेसर के
लिए नामित करने का प्रस्ताव भी पास किया।
कार्यक्रम के दौरान शामे गजल का आयोजन किया
गया । जिसमे बाहर से आये हुए फनकार कमाल
खान ने अपनी गजलो से दर्शको का दिल जीत
लिया। विश्वविद्यालय के छात्राओं ने मोहक
नृत्य प्रस्तुति कर दर्शको की तालियां
बटोरी। समारोह का संचालन डा. शिल्पी वर्मा
और धन्यवाद ज्ञापन डा. दीपा हंसराज ने किया।
इस अवसर पर विवि के कुलसचिव सहित भारी
संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। |