लखनऊ,
01 मार्च । अयोध्या में छह दिसम्बर 1992
को विवादित ढांचा ढहाये जाने के बाद जो
व्यक्ति हिन्दू समाज में हीरो के रूप में
उभरा उसकी फिर से भाजपा में वापसी हो रही
है। ढांचा विध्वंस के लिए अपनी सरकार
न्यौछावर करके हीरो बने कल्याण सिंह
रविवार को विधिवत भारतीय जनता पार्टी में
शामिल हो जाएंगे। वे रमाबाई अम्बेडकर
मैदान में रविवार को आहूत नरेन्द्र मोदी
की विजय शंखनाद रैली में विधिवत भाजपा की
सदस्यता ग्रहण करेंगे। हालांकि उनके पुत्र
ने पहले ही भाजपा ज्वाइ कर ली है। किन्तु
कल्याण सिंह ने एटा से लोकसभा में
निर्दलीय सदस्य होने के कारण भाजपा सदस्यता
नहीं ली थी। अब उन्होंने एटा सीट से
त्यागपत्र देकर पार्टी में जाने का फैसला
किया है।
एटा लोकसभा सीट से दिया
त्यागपत्र
एटा संसदीय क्षेत्र से
निर्दलीय सांसद कल्याण सिंह ने 25 फरवरी
को त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने अपना
त्यागपत्र लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को
भेज दिया है। वह इस क्षेत्र से 2009 का
चुनाव निर्दलीय जीते थे। इसके पहले 2004
का चुनाव कल्याण सिंह भाजपा के टिकट पर
बुलन्दशहर सीट से जीते थे। अपने त्यागपत्र
देने तथा रविवार को भाजपा में शामिल होने
की घोषणा कल्याण सिंह ने आज अपने माल
एवेन्यू स्थित सरकारी आवास पर की। उन्होंने
पत्रकारों को बताया कि उन्होंने तकनीकी
कारणों से भाजपा ज्वाइन नहीं की थी।
क्योंकि वह लोकसभा में निर्दलीय सदस्य थे।
अब त्यागपत्र देकर पार्टी में शामिल हो रहे
हैं।
फिर एटा से भाग्य आजमाना
चाहते हैं कल्याण सिंह
भाजपा के कद्दावर नेता रहे
कल्याण सिंह ने एक बार फिर एटा संसदीय
क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा
व्यक्त की है। उन्होंने पत्रकारों को बताया
कि वह इसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं
किन्तु अन्तिम फैसला पार्टी नेतृत्व को
करना है। पार्टी जो फैसला करेगी उसे माना
जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी आदेश देगी
तो वह इस सीट पर फिर से चुनाव लडेंगे। जबकि
उनके पुत्र भाजपा में प्रदेश उपाध्यक्ष के
पद पर हैं।
भाजपा छोड बनायी थी
राष्ट्रीय
जनक्रांति पार्टी
कल्याण सिंह ने मुख्यमंत्री
पद से हटने के कुछ समय बाद भारतीय जनता
पार्टी छोड़ दी थी
और नई पार्टी राष्ट्रीय जनक्रांति पार्टी
बनायी थी। उन्होंने पार्टी छोड़ने
के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और
लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ काफी बयानबाजी
की थी। उन्होंने पिछला चुनीव एटा से
निर्दलीय जीता था। कल्याण सिंह ने भाजपा
से अलग होकर मुलायम सिंह यादव से भी दोस्ती
कर ली थी। किन्तु मुलायम सिंह ने
फिरोजाबाद लोकसभी सीट पर हुए उप चुनाव में
अपनी पुत्रवधु की पराजय के बाद कल्याण
सिंह से नाता तोड़ लिया था। इसके बाद से
ही कल्याण सिंह भाजपा के निकट आ गए थे।
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