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जापान
की
सुनामी
भी
नहीं
डिगा
सकी
भगवान
बुध्द
के
प्रति
विश्वास
Tags:
Japan Tourist, Lord Budha, Kushinagar
Publised
on : 2011-03-30
Time 09:45 IST ,
Last updat on: 2011-03-30
Time 09:45 IST
जापान
की
सुनामी
भी
नहीं
डिगा
सकी
भगवान
बुध्द
के
प्रति
विश्वास
कुशीनगर
आने
वाले
पर्यटकों
की
संख्या
में
कोई
कमी
नहीं,
उत्साह
बरकार
कुशीनगर
29
मार्च।
(उप्रससे)।
भगवान
बुध्द
की
परिनिर्वाण
स्थली
में
पुजा
अर्चना
करने
आने
वाले
जपानी
पर्यटको
को
सुनामी
भी
नही
दहला
सकती।
सुनामी
से
गैर
प्रभावित
इलाके
के
पर्यटको
का
आना
जाना
अभी
भी
यहां
जारी
है।
जपानी
पर्यटको
की
नजर
में
यह
सुनामी
जापान-भारत
पर
कोई
विशेष
प्रभाव
नही
छोड़गी।
जापान
से
एक
पर्यटको
का
एक
दल
सुनामी
के
बाद
कुशीनगर
आया
जिनमें
कुल
12
जपानी
पयर्टक
थें।
जिन्होने
महा
परिनिवार्ण
मन्दिर
में
जपान
में
आयी
त्रासदी
पर
वहां
कि
स्थिति
समान्य
हो
इसके
लिए
प्रार्थना
की।
जिन्होनें
जपान
की
स्थिति
पर
वताया
कि
जहां
भुकंम्प
नही
आया
वहा
स्थिति
समान्य
है।
यह
है
कि
यहां
प्रभावित
क्षेत्रों
के
पर्यटक
नही
आ
रहे।
पर्यटक
के
अनुसार
पर्यटको
के
संख्या
में
कमी
हो
यह
अस्थाई
है।
यह
घटती
व
बढती
रहती
है।
हां
यह
है
कि
जपान
में
हुई
त्रासदी
से
भारत
में
आने
पर्यटको
की
संख्या
में
25
से
30
प्रतिशत
की
गिरावट
आयी
है।
जो
अगले
वर्ष
यह
कमी
करीब
20
प्रतिशत
रह
सकती
है।
पर्यटको
के
अनुसार
इसका
सही
आकंलन
दुसरे
वर्ष
ही
लगाया
जा
सकता
है।पर्यटको
के
इस
दल
को
लेकर
आये
एक
सुवा
नाम
के
आपरेटर
ने
वताया
कि
भारत
आने
वालो
में
करीब
20
प्रतिशत
लोगों
ने
अपनी
यात्रा
रद
करा
दी
और
10से
15
प्रतिशत
वापस
जापन
लौट
गये।
जानकारों
का
कहना
है
कि
जपानी
दुसरे
तरह
के
होते
है
ये
संकट
में
भी
धैर्य
नही
खोंते
।
इनके
यात्रा
पर
विशेष
प्रभाव
नही
पडने
वाला
है।
इनकी
संख्या
में
विशेष
कमी
नही
होने
वाली
नही
है।
यह
है
कि
कभी
कम
और
कभी
ज्यादा
हो
सकते
है।
जब
कि
आकडें
बताते
है
कि
बर्ष
2010
में
इनकी
संख्या
1639
थी
जबकी
वर्ष
2009
में
यह
संख्या
1306
थी।
अगर
पिछले
दो
वर्षो
को
इस
श्रेणी
में
रखे
तो
यह
देखने
को
मिलेगा
कि
2007
में
जपानी
पर्यटको
की
संख्या
1387
रही
तो
वर्ष
2008
में
यह
वढ
कर
1626
हो
गयी।
जानकारों
का
मानना
है
कि
हालांकि
पयर्टकों
के
आवागमन
से
देश
का
राजस्व
तो
प्रभावित
होगा
ही
लेकिन
इसका
वूरा
प्रभाव
तब
पडता
जब
जपानी
पर्यटक
यहां
आना
बन्द
कर
दें।
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