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फिर ताकतवर हुए महबूब, मुख्यमंत्री ने जताया भरोसा
दो विभागों का अतिरिक्त प्रभार देकर बढाया गया महबूब अली का कद
Tags:  U.P.Samachar Sewa, U.P. News, UP Web News, Amroha, Mahboob Ali, Minister
Publised on : 30 June 2016,  Last updated Time 20:10

अमरोहा। भले ही मनमाफिक विभाग नहीं मिला लेकिन सरकार के मुखिया ने महबूब अली की वफादारी और ताकत को जरूर परखा है। तीन और विभाग मिलने से  सियासी गलियारों में उनककी ताकत बढ़ी है, इनमें भी दो महकमे काफी महत्वपूर्ण हैं।  मुख्यमंत्री की इस मेहरबानी से उनके धुर विरोधियों को भी झटका लग सकता है, जिससे कोई बड़ा फर्क उनकी सियासत पर नहीं पड़ता।
कुछ उतार-चढ़ावों को अगर छोड़ दें तो सपा को सियासत में महबूब अली का सितारा हमेशा बुलंद रहा है। मुखालफत करने वालों की लंबे समय तक दाल नहीं गली। जिला पंचायत अध्यक्ष के  चुनाव में पार्टी ने पुराने संबंध निभाते हुए अगर टि
ट नहीं भी दिया तो छ ही दिनों बाद उन बेटे विधान परिषद में भेजर उनका केवल इबाल बुलंद किया, बल्ि पार्टी में उने घटते रुतबे ी अटलों ो भी जल्द ही खारिज र दिया गया। माध्यम शिक्षा विभाग से हटार दूसरा महमा दिया गया था तब भी यही सियासी गलियारों में चर्चा थी ि अब मुख्यमंत्री और नेताजी ी नजर में उना वजन म हो गया है। लेिन मौा मिलते ही मुख्यमंत्री ने फिर से तीन विभाग और थमार विरोधियों ी जुबान पर ताला लगा दिया। जो तीन विभाग उन्हे मिले हैं, उनमें ौशल विास और व्यवसायि शिक्षा म महत्व े नहीं है, बल्ि इनमें अब बड़ा ाम है और अपनों ो उपृत रने ी अपार संभावनाएं भी है। दूसरे यह विभाग ाजल ोठरी भी नहीं है, जिससे उने दामन पर ालिख पडऩे ी गुंजाईश बनती हो। दरअसल जिले ी सियासत में महबूब अली ो खारिज या नजरअंदाज रना न तो पार्टी े लिए आसान है और न ही विरोधियों े लिए। क्योंकि जनता पर जो पड़ उनी है, ई मौों पर वह साबित र चुे हैं ि पार्टी ा भी उन पर ोई बड़ा असर नहीं पड़ता। वह जेल में रहते हुए समाजवादी पार्टी े उम्मीदवार ुल छह हजार वोटों पर समेटर विधाय बन चुे हैं तो इससे पहले वह ांठ विधान सभा क्षेत्र से भी निर्दलीय विधाय रहे हैं। इसे पीछे जनता ी गहरी हमदर्दी ही खास वजह है। ैबिनेट मंत्री माध्यमि शिक्षा और परिवहन जैसे बड़े विभाग होते हुए भी महबूब अली ोई शु्रवार लखनऊ में नहीं बीता। सोमवार से बृहस्पतिवार त लखनऊ में ाम रने े बाद वह तीन दिन अपने क्षेत्र में लोगों े बीच बिताते आए हैं। लोगों ा मान-सम्मान रना भी उन्होंने ही दूसरों ो सिखाया है। तात बढऩे े साथ अहार नहीं बढ़ा, विरोधियों ी संख्या बढऩे ी बजाय उन्होंने का रने पर फो िया। नतीजा आज उने यहां बेश मुस्लिमों ी भीड़ बहुत रहती है, लेिन दूसरे लोग भी खुले मन से पहुंच रहे हैं। उनी यही अदा दूसरे अथवा प्रतिदंवंदियों ो बहुत पीछे छोड़ देती है। अब पांच विभागों ैबिनेट मंत्री ी जिम्मेदारी संभाल रहे महबूब अली से अब क्षेत्र े न ेवल तेजी से विास ी तवक ी जानी चाहिए, बल्ि लोगों ो अधि लाभ मिलने ी उम्मीद रने में भी ोई बुराई नहीं है।

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News source: UP Samachar Sewa

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