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कैराना से हिन्दुओं के पलायन में आईएसआई का हाथ
आबरू बचाने के लिए हुआ 346 हिन्दू परिवारों का कैराना से पलायन
Tags:  U.P.Samachar Sewa, U.P. News, UP Web News, Kairans, ISI
Publised on : 16 June 2016,  Last updated Time 22:20

मुजफ्फरनगर/शामली। (सचिन धीमान, उत्तर प्रदेश समाचार सेवा)।यह पाकिस्‍तान नहीं जहां से हिन्‍दूओं को मुस्लिम उन्‍माद एवं आतंकितयों के कारण अपनी इज्‍जत आबरू बचाने के लिए भारत में आकर रहना पडता है और न ही इराका का इलाका है जहां से आतंकियों के कारण लोगों को पलायन करने की जरूरत है और न ही भारत के जम्‍मू कश्‍मीर का इलाका है जहां से हिन्‍दू पंडितों के पलायन करने के लिए मजबूर होना पड रहा हो बल्कि यह गंगा और यमुना के दोआब की वे धरती है जहां मिट्टी भी सोने उगाने वाली कैराना की कडवी सच्‍चाई है जो हर किसी हिन्‍दू को सोचने को मजबूर कर रही है। कभी शिक्षा एवं उद्योग के लिए प्रसिद्व रही नगरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जनपद की कैराना तहसील आज दहशतगर्दी और अपराध का गढ़ बन चुकी है। जिस कारण अब तक यहां से 346 हिन्‍दू परिवार यहां से पलायन कर चुके है और जो हिन्‍दू परिवार यहां रह रहे है वो दहशतदर्गी एवं खौफनाक हालत में डरे एवं सहमे हुए है तथा यहां से पलायन के लिए विवश दिखाई दे रहे है। जनपद शामली के कैराना से 346 हिन्‍दू परिवारों के पलायन करने की खबरे सामने आने के बाद हिन्‍दू परिवारों में ओर भी ज्‍यादा दहशतदर्गी का माहौल बन गया है तथा अपने परिवारों को सुरक्षित स्‍थान पर ले जाने की बात अपनी दबी जुबान पर ला रहे है।
जनपद शामली के मुस्लिम बहुल कस्‍बा कैराना से मुजफ्फरनगर दंगो के बाद और हिन्दूओ के विरुद्ध बढ़ते अपराध के बाद अब तक 346 हिन्दू परिवारों ने पलायन कर लिया है। बीजेपी के सांसद हुकुम सिंह सहित हिन्‍दू संगठनों ने इस पर अपनी नाराजगी जताई है। जिसके बाद पत्रकारों द्वारा जब इस मामले को प्रमुखता से उठाया गया तो बीजेपी ने एक नौ सदस्‍यी जांच दल कैराना भेज दिया है जो पूरे मामले की जांच करेगा और अपनी रिपार्ट बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह को सौंपेगा। इस जांच दल में सहारनपुर के सांसद राघव लखन पाल भी शामिल है। माना जा रहा है कि सांसद राघव लखन पाल स्‍थानीय सांसद होने के कारण यहां के हालातों से वाकिफ है इसलिए ही जांच दल टीम का सदस्‍य बनाया गया है।
यमुना नदी के तट पर बसा कस्‍बा कैराना विकास की दौड़ में पिछड़ गया और जो अब आतंक, दहशतगर्दी, अपराध, अशिक्षा का गढ़ बनकर रह गया है।'' यहां के युवा लगातार देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाते रहे हैं। कस्‍बा कैराना यमुना नदी का किनारा और हरियाणा सीमा पर स्थित होने के कारण यहां के युवा अवैध हथियारों के कारोबार से जुड़े हुए हैं।
कैराना में रोजाना होने वाली संगीन वारदातों एवं रंगदारी, लूट, हत्‍या, चोरी, डकैती एवं बहू बेटियों के साथ छेडखानी की घटनाओं से परेशान हिन्‍दू परिवार एवं कैराना के व्‍यापारी कैराना में पनपे खौफ के मंजर के कारण अपनी इज्‍जत आबरू को बचाने के लिए वर्षों से जमे-जमाये कारोबार एवं घरों को छोड़कर व्यापारी पलायन कर गये हैं और कुछ जाने के लिए अपना मना बना चुके है।
कांधला से 63 परिवारों का पलायन

गौरतलब है कि कैराना पलायन में सियासी दांव पेंच के बीच बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने मंगलवार को दूसरी नई सूची जारी कर दावा किया है कि इस सूची में 63 लोगो के नाम है जो कांधला से पलायन कर चुके है। वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने इस ओर पहले तो कोई ध्‍यान नहीं दिया पंरतु जब मीडिया द्वारा इस मामले को गंभीरता से उठाया गया तो प्रशासन ने भी अपनी जांच बैठायी जिसमें मात्र नौ परिवारों के पलायन करने की बात प्रशासन द्वारा कही गयी है। जबकि स्‍थानीय सांसद सासंद हुकुम सिंह द्वारा हाल ही में कांधला से भी 63 के नामों की सूची जारी कर दी गयी है जिससे यह मामला ओर भी ज्‍यादा गंभीर होता जा रहा है। अभी कैराना से पलायन करने वालों के लिए कोई रोक थाम का इतजाम नहीं हुआ था कि कांधला से भी 63 लोगों के पलायन करने की खबर ने प्रशासन की मुश्बिते बढा दी है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार इस ओर कोई ध्‍यान नहीं दे रही है।

उल्‍लेखनीय है कि बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि, कैराना को कश्मीर बनाने की साजिश की जा रही है। उन्‍होंने पत्रकारों को 346 परिवारों की सूची भी जारी करते हुए बताया कि, 346 परिवारों के करीब 1200 से 1500 सदस्य कैराना से पलायन कर गये है। उन्‍होंने 10 ऐसे हिन्दू परिवारों की सूची भी जारी की जिनकी हत्या रंगदारी न देने पर कर दी गई। कैराना में बहुसंख्यक हिन्दू समुदाय पर अत्याचार पर कहा कि, उन लोगों को जान बूझकर प्रतिष्ठान छोड़ने पर मजबूर किया गया, जो अपना व्यापार कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि गांव जहानपुरा में पहले 60 हिंदू परिवार थे। अब यहां एक भी हिंदू परिवार नहीं है। कैराना के गांव पंजीठ से भी कई परिवार पलायन कर चुके हैं। पंजीठ गांव से पलायन रोकने के लिए वह खुद प्रयास कर रहे हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह से पिछले दिनों की अपनी मुलाकात के बारे में बताते हुए कहा कि उन्‍होंने स्‍वयं जिले के बिगडते हालात के बारे में जानकारी दी है। उन्‍होंने बताया कि, गृह मंत्री राजनाथ खुद प्रकरण को लेकर काफी गंभीर हैं और जून के अंत में कैराना आएंगे। इस मामले की IB से जांच भी कराई जाएगी।

आईएसआई का हाथ होने की आशंका
स्‍थानीय लोगों की अगर माने तो पलायन की इस कहानी के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी हाथ बताया जाता है। उल्‍लेखनीय है कि गत दिनों जनपद सहारनपुर के विश्‍वविख्‍यात नगरी देवबंद से चार आंतकी गिरफ्तर किये ये जिनमें एक देवबंद का ही रहने वाला था जिनका सम्‍बंध आतंकी संगठन 'जैश-ए-मौहम्‍मद से था। इसके साथ ही मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, हापुड़, बिजनौर, सहारनपुर, बरेली आदि जनपदों से आईएसआई के कई एजेंट पिछले दिनों पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं।
 

दहशत का कारोबार करने वाले सौदागर
 

कैराना में फैली दहशत के कारोबार को बढ़ाने में नफीस कालिया का नाम भी आता है जोकि मारा जा चुका है। इसके साथ ही पाकिस्‍तान में शरण लिए पडे मुस्तकीम कग्गा और इकबाल काना का हाथ रहा है। इन दिनों कैराना में मुकीम काला गिरोह का आतंक है। छुटभैये बदमाशों से लेकर नामी बदमाशों ने यहां के व्यापारियों को अपने निशाने पर लेकर व्‍यापारियों से रंगदारी मांगने एवं अपहरण का कारोबार दिन रात पनप रहा है जो प्रशासन की निकाम्‍मापन एवं कार्यवाही न किये जाने के कारण बढता ही जा रहा है। 2014 में इसी गिरोह ने तीन व्यापारियों की हत्या भी की।
 

प्रशासन की लापरवाही से बिगड़े हालात
 

कैराना में आतंकियों एवं अपराधियों का जो बोलबाला व्‍यापारियों एवं हिन्‍दू परिवारों पर हावी होता जा रहा है उसका सबसे बडा कारण जिला प्रशासन की लापरवाही एवं निकम्‍मेपन का है। क्‍योंकि जब भी पीडित अपनी पीडा लेकर प्रशासन के पास पहुंचा तो प्रशासन ने उसे गंभीरता से नहीं लिया और हल्‍के में लेकर छोड दिया जिस कारण गुण्‍डे बदमाशों एवं अपराधियों के हौंसले बुलंद होते गये और आये दिन वारदातों को अंजमा देते गये जिसका परिणाम आज हम सबके सामने दिखाई दे रहा है। यदि प्रशासन समय रहते पीडितों की शिकायतों को गंभीरता से लेता और कार्यवाही कर अपराधियों पर नकले कसता को आज यह दिन न देखना पडता।
 

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News source: UP Samachar Sewa

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