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Gorakhpur
गोरखपुर। विलंदपुर खत्ता स्थित सरस्वती शिशु मंदिर
परिसर में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग में
पहुंचे सर संघचालक मोहन भागवत ने
स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा
‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विकास हो रहा
है। इसकी गति को और तेज करने की जरूरत है।
शाखाओं के माध्यम से अब हमें हर एक भारतीय
को भारत बनाने का काम करना होगा। जिस दिन
हर भारतीय खुद को भारत बना लेगा, उसी दिन
‘भारत-शक्ति, सद्गुण और वैभव संपन्न‘ हो
जाएगा।‘‘
संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों को इसे समझाने
के लिए विकसित देशों में होने वाले विकास
के ढांचा का सहारा लिया। लेकिन उनके विकास
के आधार और भारत को विकसित बनाने की सोच
के अंतर को भी बताया।उन्होंने कहा ‘‘पश्चिम के देशों ने केवल
खुद के विकास पर जोर दिया और आज वह विकसित
देश हैं। लेकिन भारत को विकसित बनाने के
लिए हमें उनके स्वार्थपरक विकास के आधार
का सहारा नहीं लेना है।‘‘श्री भागवत ने कहा कि ‘‘भारत हिन्दू
राष्ट्र है। इसकी पहचान भी इसी से है।
भारत ने हमेशा ‘वसुधैव कुटुंबकम्‘ की
परिकल्पना में विश्वास किया है। भारत को
विकसित बनाने में हमें इसी मंत्र का सहारा
लेना है।‘‘संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों को आरएसएस की
कार्यपद्धति के बारे में भी बताया। शाखाओं
के माध्यम से एक सरल व सहज सामाजिक
कार्यकर्ता निर्माण पर जोर दिया।
प्रामाणिक स्वयंसेवकों को तैयार करने का
मंत्र दिया और कहा ‘‘एक प्रामाणिक सामाजिक
कार्यकर्ता ही देश निर्माण में सहयोगी होता
है। समाज भी ऐसे प्रामाणिक कार्यकर्ता के
पीछे आंख मूंदकर चल देता है। ऐसे
कार्यकर्ता ही देश को शक्ति, सद्गुण और
वैभव संपन्न राष्ट्र बनाने में सक्षम
हैं।‘‘उन्होंने कहा ‘‘देश के हर क्षेत्र में ऐसे
प्रामाणिक कार्यकर्ताओं व स्वयंसेवकों को
खड़ा करना होगा जो उस क्षेत्र के विकास में
सहयोगी बन सकें।‘‘ |