लखनऊ,17
जुलाई। संघ
संकल्प को पूरा करना ही सुरेश राव केतकर को सच्ची
श्रद्धांजलि है, उन्होंने राष्ट्र, समाज और संघ के लिए
जिस भूमिका से कार्य किया उसी भूमिका से इस कार्य को
करना है। यह उद्गगार प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने
व्यक्त किये। वह रविवार को निरालानगर स्थित माधव
सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह
सरकार्यवाह सुरेश राव केतकर के निधन पर आयोजित शोक सभा
में श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि
सुरेश राव केतकर ने जीवन भर संघ, समाज और राष्ट्र् के
अलावा कुछ नहीं सोचा। उनके दिमाग में सिर्फ संघ रहा।
संघ कार्य को उन्होंने अत्यधिक कुशलता और सफलता से किया।
वह प्रत्येक कार्य को बड़े ही परफैक्ट ढंग से करते थे।
उन्होंन प्रयास यह रहता था कि कोई कार्य 110 प्रतिशत
सफल होना चाहिए, उन्हें 100 प्रतिशत पर भी संतुष्टि नहीं
होती थी। उनकी कार्यपद्यति अद्भुत थी, वह योजना बनाते
थे फिर बड़े ही ढंग से उसका पालन करते और कराते थे।
उन्होंने संघ लगे प्रतिबंधों के समय स्वयंसेवकों को
कुशल नेतृत्व दिया। गांधी हत्या के समय संघ के
स्वयंसेवकों के घर जला दिये गए थे। उस समय उन्होंने
स्वयंसेवकों के घर जा-जा कर उनका उत्साह और
आत्मविश्वास बनाए रखा। उन्होंने कठिन समय में संघ
कार्य को स्थिरता प्रदान करने का काम किया।
श्री नाईक ने कहा कि
महाराष्ट्र से आये स्वयंसेवकों ने उत्तर प्रदेश में
संघ कार्य को गति प्रदान की। पहले भाऊराव देवरस और
नानाजी देशमुख यहां आये। इसके बाद लम्बे समय तक सुरेश
राव केतकर का केन्द्र लखनऊ रहा। उन्होंने भी उत्तर
प्रदेश में संघ कार्य को विस्तार देने में योगदान दिया।
श्री नाईक ने कहा कि लातूर के ग्रामीण क्षेत्र में
विवेकानन्द चिकित्सालय आरम्भ करने की प्रेरणा चिकित्सकों
को दी। यह चिकित्सालय आज देश के प्रमुख चिकित्सालयों
में से एक है।
आवश्यक कार्य के लिए प्रोटोकाल के मायने नहीं
राज्यपाल राम नाईक
ने कहा कि जब वह कहीं जाते हैं तो प्रश्न उठता है कि
प्रोटोकाल के अनुसार जाना चाहिए कि नहीं। लेकिन, किसी
भी काम में प्रोटोकाल बाधक नहीं है। जहां आवश्यक हो वहां
जाना चाहिए।