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ताश के पत्तों की तरह बिखरें कालका मेल के तेरह डिब्बे

Tags:  Kalka Mail derailed at Fatehpur in U.P., 25 dead, 150 injured

Publised on : 2011:07:10    Time 22:47                                      Update on  2011:07:10    Time 22:47

पैंतीस से अधिक मौत, दो सौ से अधिक घायल
प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री ने जताया शोक, सोनिया गांधी, लालकृष्ण आडवानी, मुलायम सिंह यादव ने भी व्यक्त किया दु:ख
सेना के जवानों ने हेलीकाप्टर से पहुंच राहत कार्य की संभाली कमान
बचाओ-बचाओ चीख-चित्कार से दहला फतेहपुर
जिससे जैसे बन पडा उसने बचाव कार्य में लिया हिस्सा
ग्रामीणों ने सैकडो लोगो की बचाई जानें
(राजेश माहेश्वरीशकील सिद्दीकी)
फतेहपुर, 10 जुलाई। (उप्रससे)। (साभार: प्रभात व्यूज)हावडा से दिल्ली की ओर तेज रफ्तार से दौड़ती हुई जा रही कालका मेल (अप ट्रेन) जैसे ही मलवां स्टेशन के निकट पहुंची इंजन सहित ट्रेन के तेरह डिब्बे दुर्घटनाग्रस्त होकर तितर-बिरत हो गये। चारो ओर बचाओ-बचाओ चीख-चित्कार की आवाजोें से आसपास के गांवो मे रहने वाले ग्रामीण दहल उठे। दिल्ली हावडा रूट मुख्य रेलवे लाइन पर हावडा दिल्ली कालका मेल अप 12311 के मलवां स्टेषन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से टे्रन के 13 डिब्बे पटरी से उतरकर एक दूसरे पर चढ गये जिसमे तीन दर्जन से अधिक यात्रियो के मरने की आषंका है। घटनास्थल पर कानपुर एवं इलाहाबाद से मेडिकल ट्रेने पहुंच गयी है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए सेना के जवानो ने हेलीकाप्टर से पहुंचकर मृतक यात्रियों को डिब्बो से निकालने का कार्य शुरू कर दिया है। वहीं प्रषासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों एवं मलवां स्टेशन के आसपास बसे गांवो के हजारो ग्रामीणो की मदद से घायलो को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया जा रहा है। मष्तको एवं घायलो की संख्या के बारे में अभी स्पष्ट पुष्टि नही हो पायी है। बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिये गये है। मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर मुख्य सचिव अनूप मिश्रा, कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, खेलकूद मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, केन्द्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, सपा सांसद राकेश सचान ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्यो एवं स्थिति का जायजा लेकर अधिकारियों को बचाव कार्य मे तेजी लाए जाने के निर्देश दिये। वहीं इलाहाबाद मंडल कमिश्नर मुकेश मेश्राम, कार्यवाहक जिलाधिकारी महेन्द्र कुमार, पुलिस अधीक्षक रामभरोसे सहित जनपद के सभी आला अधिकारी घटनास्थल पर बचाव कार्यो में लगे रहे। मुख्य चिकित्साधिकारी केएन जोषी के अनुसार लगभग पैतीस लोगो के मरने की खबर है। वहीं दो सौ से अधिक लोग घायल है। उन्होने बताया कि मष्तको की संख्या अभी बढ सकती है क्योकि गंभीर रूप से घायल यात्रियो की संख्या मे इजाफा हो रहा है। उन्होने बताया कि गंभीर रूप से घायल यात्रियों को कानपुर एवं शहर के नर्सिंग होमो में रिफर किया जा रहा है। मृतको एवं घायलो की संख्या के बारे में स्पष्ट जानकारी अभी नही मिल पा रही है। क्योकि डिब्बो से मृतको एवं घायलो को निकालने का कार्य अब भी जारी है और मौके पर चिकित्सको का दल घायलो का इलाज करने में जुटा है। दुर्घटना से दिल्ली हावडा रेलमार्ग पूर्णरूप से बाधित हो गया। इस दौड़ने वाली कुछ गाड़ियों को रद्द कर दिया गया है तथा कुछ गाड़ियों के रूट भी बदल दिये गये है। रेलवे अधिकारियोें के मुताबिक सोमवार सुबह तक रूट के खुलने की संभावना जतायी गयी है। मौके पर के्रनो द्वारा खाली डिब्बो को उठाने का कार्य देर रात तक जारी रहा।
रेलवे सूत्रो के अनुसार हावडा से दिल्ली की ओर जाने वाली हावडा दिल्ली कालका मेल अप 12311 जो लगभग दोपहर बारह बजे फतेहपुर स्टेषन से कानपुर की ओर प्रस्थान कर जैसे ही मलवां स्टेषन के निकट पहुंची ड्राइवर द्वारा इमरजेंसी ब्रेक लगाए जाने से दुर्घटनाग्रस्त हो गयी और ट्रेन के तेरह डिब्बे क्षतिग्रस्त होकर एक-दूसरे पर चढ गये। जिसमें एसी कोच के चार डिब्बे, स्लीपर कोच के पांच डिब्बे, पेंट्री कार सहित जनरल कोच के तीन डिब्बे शामिल है। ट्रेन के इस भीषण हादसे मे तीन दर्जन से अधिक लोगो के मरने की आषंका है। वहीं दो सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल है। रेलवे के फतेहपुर, कानपुर एवं इलाहाबाद मंडल के आला अधिकारियों सहित जीआरपी, आरपीएफ के जवानों, पुलिस बल एवं सेना के जवानों ने मौके पर पहुंचकर मृतको एवं घायलो को डिब्बो से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
जनपद के इतिहास में फतेहपुर में अब तक का सबसे बडा रेल हादसा है। रेल के इस भीषण हादसे से जहां जनपदवासी दहल उठे। वहीं जनपदवासियों ने मृतको एवं घायल यात्रियों को उपचार एवं राहत कार्य उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जनपद में कार्यरत स्वयंसेवी संगठनो, समाजसेवियों एवं आम जनमानस ने जिससे जिस तरह बन पडा राहत कार्य में अपने को समर्पित रखा। भीषण रेल हादसे में देर रात तक घायलों एवं मृतको को निकालने का सिलसिला जारी रहा। गैस कटर द्वारा जहां बोगियों को काटकर शवों को घायलों को निकाला गया। वहीं एसी कोच के शीशों को सेना के जवानो ने तोड़कर घायलो को निकाला। चारो ओर चीख चित्कार से की आवाजे सुनाई देती रही। रेल विभाग ने दुर्घटना में मृतको के आश्रितो को पांच लाख रूपये एवं घायलो को एक लाख रूपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। वहीं दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए रेल विभाग ने आला अधिकारियों की कमेटी का गठन किया है।

हादसे का कारण कहीं तकनीकि खराबी तो नही
फतेहपुर, 10 जुलाई। (उप्रससे)। फतेहपुर से छूटी हावडा-दिल्ली कालका मेल का अगला स्टाप कानपुर था। लेकिन तेज रफ्तार से दौड़ती हुई गाडी जैसे ही मलवां स्टेशन पर पहुंची अचानक ब्रेक लग जाने से भीषण हादसे का शिकार हो गयी। जिसमें मरने वालो की संख्या एक सैकडा भी पार कर सकती है। प्रत्यक्षदर्शियों, ग्रामीणो एवं रेलवे सूत्रो अनुसार रेल अपने पूरी रफ्तार में थी और उसके कुछ ही क्षणो पहले मलवां स्टेशन से पैसेन्जर कानपुर के लिए गुजरी थी। अगर ट्रैक पर कोई भी खराबी होती तो पैसेन्जर ही दुर्घटना का शिकार हो जाती। सूत्रो के अनुसार माना जा रहा है कि तेज रफ्तार से दौड़ती हुई गाडी में तकनीकि खराबी के चलते ट्रेन के ब्रेक शू जाम हो गये और यह हादसा हो गया। दुर्घट ना का कारण जो भी रहा हो जांचोपरांत ही खुलासा हो पाएगा।

प्रशासन हुआ फेल
फतेहपुर, 10 जुलाई। (उप्रससे)। भीषण हादसे के शिकार यात्रियों को निकालने से लेकर उनको अस्पताल तक पहुंचाने मे अफरातफरी का माहौल व्याप्त रहा। ग्रामीणो ने जहां सच्चे मन से सबसे पहले पहुंच यात्रियो की मदद की। वहीं कुछ अराजकतत्वों ने यात्रियों के सामानो के साथ भी छेड़छाड की। जिससे कई यात्रियों के सामान के गायब होने की चर्चा घटनास्थल पर होती रही। वहीं दुर्घटना के दो घंटे बाद प्रशासनिक अमला घटनास्थल पर पहुंचा। जिस कारण यात्री मदद के लिए बचाओ-बचाओ चिल्लाते रहे।

ट्रेन हादसे से सम्पूर्ण देश शोक में डूबा-श्रीप्रकाश जायसवाल
फतेहपुर, 10 जुलाई। (उप्रससे)। केन्द्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने मलवां रेलवे स्टेशन के निकट हुए कालका मेल ट्रेन हादसे पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि इस दु:खद घडी में सम्पूर्ण देशवासी एकजुट होकर घायलों एवं मृतको के साथ सहानुभूति जताएं। उन्होने कहा कि मृतको को पांच-पांच लाख रूपये एवं घायलो को एक-एक लाख रूपये की सहायता दिये जाने की घोषणा किए जाने के बावजूद इस विभत्स कांड की जांच के आदेश दिये गये है। उन्होने कहा कि घायलो के इलाज के लिए हर संभव मदद मुहैया करायी जाएगी।

हेलीकाप्टरो से भेजे गये घायल यात्री
फतेहपुर, 10 जुलाई। (उप्रससे)। मलवां रेलवे स्टेशन में कालका मेल के पलटे तेरह डिब्बो में फंसे घायल यात्रियों को निकालने के लिए वायुसेना के पांच हेलीकाप्टरो में सेना के जवानो ने भारी मशक्कत की। घायलो को हेलीकाप्टरो के माध्यम से लखनऊ, कानपुर एवं इलाहाबाद के अस्पतालो में उपचार कराने के लिए भिजवाया गया। वहीं सैकडो की तादाद में सेना के जवान बचाव कार्य में जुटे रहे।

मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में अस्पताल आए स्वामी प्रसाद मौर्य
फतेहपुर, 10 जुलाई। (उप्रससे)। मलवां रेलवे स्टेशन में हुए कालका मेल ट्रेन हादसे से आहत प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के निर्देशन पर पंचायत राज मंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य एवं प्रमुख सचिव अनूप मिश्रा घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव एवं कार्यो का जायजा लिया। वहीं जिला अस्पताल पहुंचकर घायलो को व्यापक उपचार कराने के लिए चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया। श्री मौर्य ने घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि प्रदेश की राज्य सरकार इस भयावह ट्रेन हादसे अत्यधिक दु:खी है। घायलो के उपचार के लिए सारे इंतजाम किए जाएंगे एवं जल्द से जल्द बचाव कार्य के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया।

घायलो की संख्या बढी, फेल होती गयी जिला अस्पताल की व्यवस्था
(रोहित माहेश्वरी)
फतेहपुर, 10 जुलाई। जनपद के इतिहास की गवाह बनी रविवार की दोपहर की रेल दुर्घटना से जनपद सहित समूचा देश दहल उठा। एकाएक टीवी चैनलों पर प्रसारित समाचारों से जनपदवासी ही नही पूरा देश कंपकंपा उठा। वहीं ट्रेन में सवार यात्रियों के रिश्तेदारों का कुशलक्षेम जानने के लिए मोबाइल की घंटियां चारो ओर घनघनाने लगी। घटनास्थल पर फरिश्ता बनकर सबसे पहले पहुंचे मलवां के आसपास रहने वाले ग्रामीणो ने घायलों एवं मृतको को डिब्बो से निकाला और घायलो को तुरंत जिला चिकित्सालय में भिजवाने की व्यवस्था की।
रेल की अब तक की सबसे बडी दुर्घटना से जिला चिकित्सालय में व्यवस्थाओं की पोल खुल गयी और जैसे-जैसे घायलो की संख्या बढती गयी। जिला चिकित्सालय में तैनात डाक्टरो और स्वास्थ्य कर्मचारियों के हांथ-पांव फूलते गये। देखते ही देखते अस्पताल की सारी बेडे घायलो से भर गयी। गैलरी, हाल हर जगह पर घायल इधर-उधर पडे कराह रहे थे। उनकी खैरख्वाही व प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल की सारी व्यवस्थाएं धडाम हो गयी थी। जिला चिकित्सालय की अव्यवस्थाओं का देख यात्रियों का अस्पताल तक पहुंचाने मे लगे ग्रामीण सहित स्वयंसेवी संगठनो, आरएसएस के लोगो, शिवसैनिको का गुस्सा बढता गया और मामला हांथापाई तक आ पहुंचा। स्थिति को भांपते हुए चिकित्साधिकारियों ने अपना पिंड छुड़ाते हुए घायल यात्रियों को शहर के नर्सिंग होमो मे रिफर करना शुरू कर दिया और देखते ही देखते सारे नर्सिंग होम भी घायलो से भर गये।
समय-समय पर सदर अस्पताल की व्यवस्था पर सवालिया निशान जिस तरह से लगे रहे थे। आज उसकी सच्चाई खुलकर सामने आ गयी। अब सवाल उठता है कि ऐसी दुर्घटनाओं की स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन के पास पहले से क्या कोई तैयारी नही थी। अगर नही थी तो ऐसा क्यों। इसकी जवाबदेही देर सबेर मुख्य चिकित्साधिकारी सहित मुख्य चिकित्साधीक्षक को देनी होगी।

रेल एवं जिला प्रशासन से पहले राहत कार्य में कूदे ग्रामीण
मंत्रियों ने मौके पर पहुंच बचाव एवं राहत कार्यो का लिया जायजा
(राजकुमार तिलक)
फतेहपुर, 10 जुलाई। (उप्रससे)। उत्तर प्रदेश का अति पिछडा जिला फतेहपुर जिसकी पहचान देश ही नही पूरे प्रदेश मे भी ठीक से नही है, परन्तु आज दोपहर बारह बजकर बीस मिनट में जनपद के मलवां रेलवे स्टेशन के निकट वर्ष 2011 अब तक का सबसे बडा ट्रेन हादसा की वजह से फतेहपुर जनपद को सम्पूर्ण देशवासी भलीभॉति जान गये। हावडा से दिल्ली जा रही कालका मेल एक्सप्रेस की लाइन चेन्जओवर करने के दौरान रेल पटरी मे आयी कुछ तकनीकि खामियों के चलते ट्रेन चालक द्वारा इमरजेंसी ब्रेक लगाने से पलटी पन्द्रह ट्रेन की बोगियों में फंसे घायलों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के गांवो मे कोहराम सा मच गया। देखते ही देखते आसपास के हजारो ग्रामीण घटनास्थल के करीब पहुंचकर ट्रेन में फंसे यात्रियों को निकालने में हर संभव प्रयास करने लगे। इस भयावह हादसे में हताहत आधा सैकडा से अधिक लोग एवं चार सौ अधिक यात्रियोें के घायल होने के बाद जिले में चिकित्सीय सुविधाओं का टोटा होने एवं रेलवे स्टेशनो के खराब सम्पर्क मार्ग की भी पोल खुल गयी। यदि ग्रामीण घायलो को चारपाई, कंधो का सहारा देकर रेल लाइन से डेढ़ किलोमीटर पैदल मलवां जीटी रोड न पहुंचाते और उन्हें तुरंत वाहनो के जरिए जिला अस्पताल न भेजते तो यह हादसा और भी दर्दनाक बन जाता।
मालूम हो कि इस अति पिछडे जनपद फतेहपुर मे आज तक ऐसी भयावह घटना नही घटित हुई थी। कानपुर-इलाहाबाद, लखनऊ के करीब इस जनपद की शासन-प्रशासन द्वारा सदैव उपेक्षा की गयी। जबकि पाकिस्तान के पेशावर से लेकर कोलकाता तक जाने वाली जीटी रोड एवं दिल्ली हावडा की रेल लाइन होने के बाद भी इस जनपद के रेलवे स्टेशन ही नही चिकित्सालय शहर को जोड़ने वाले सम्पर्क मार्गो की दशा बद से बदत्तर है। ट्रेन के इस भयावह हादसे के बाद जहां आसपास के ग्रामीण आनन-फानन पलटी ट्रेन की बोगियों से घायलो एवं मृतको को बाहर निकाला। वहीं भौगोलिक परेशानियों को झेलते हुए जिला एवं पुलिस प्रशासन का सुरक्षा दस्ता लगभग डेढ़ घंटे बाद घटनास्थल में पहुंचकर राहत कार्य की कमान संभाली। इसी तरह ढाई घंटे बाद कानपुर इलाहाबाद की मेडिकल ट्रेने एवं सैनिको की सुरक्षा ट्रेन घटनास्थल पर पहुंचकर ट्रेन में फंसे यात्रियों को निकालने का प्रयास करना शुरू किया। इसी विभत्स ट्रेन हादसा को लेकर वायु सेना के दो हेलीकाप्टरो से आयी सुरक्षा दल की टीमों ने पलटी ट्रेन की बोगियों को गैस बिल्डिंग मशीनो के जरिए काटकर यात्रियों को निकाला।
जिले का अस्पताल लगभग तीन सौ घायल मरीजों के करूणंदन एवं चित्कार की गूंज से गूंजता रहा। चारो ओर अफरातफरी का माहौल कायम रहा। जिले के सभी प्राइवेट नर्सिंग होमो मे घायलो का तांता लगा रहा। गंभीर रूप से घायलो को कानपुर, लखनऊ एवं आसपास के जनपदों मे उपचार के लिए स्थानांतरित किया गया। प्रदेश की मुख्यमंत्री बहन कुमार मायावती के निर्देशन पर गैर जनपदों से भी चिकित्सको एवं स्वास्थ्यकर्मियों की टीमों ने घायलो के उपचार की जिम्मेदारी संभाली। इस भयावह ट्रेन हादसे की वजह से आज दिल्ली एवं हावडा रेल लाइन की सभी ट्रेने बाधित कर दी गयी। रेल विभाग के निर्देशन पर यात्रियों के परिजनो को घायलों की देखरेख करने के लिए एक स्पेशल ट्रेन चलाए जाने का भी निर्देश दिया गया। घटना के तीन घंटे बाद रेल एवं जिला प्रशासन द्वारा टेलीफोन हेल्पलाइन की व्यवस्था सुनिश्चित कर इस भयंकर मे घायलों की सूचना परिजनो तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाली। वहीं जिलें में सूचना मिलते ही तमाम जनकल्याणकारी संस्थाएं एवं प्राइवेट चिकित्सको की टीमो ने घटनास्थल पहुंचकर घायलो का प्राथमिक उपचार कर उन्हें अस्पताल के लिए रिफर किया।
घटना की सूचना मिलते ही सपा सांसद राकेश सचान मलवां स्टेशन घटनास्थल पर पहुंचकर इस विभत्स हादसे की सघन जांच किया। उन्होने मोबाइल द्वारा बताया कि दोपहर बारह बजकर बीस मिनट में घटित इस घटना के बाद आसपास के सैकडो ग्रामीणो ने ही ट्रेन में फंसे घायलो को निकाकलकर उन्हें साइकिल, कांधे मे लादकर एवं दो पहिया वाहनो के जरिए अस्पताल पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। जबकि रेल प्रशासन एवं जिला प्रशासन इस भयावह हादसे के तीन घंटे बाद पहुंचकर राहत कार्य की जिम्मेदारी संभाली। उन्होने कहा कि शाम साढे पांच बजे तक हवा में झूल रही एक ट्रेन की बोगी में पांच यात्री सुरक्षा की गुहार लगाते रहे। जिन्हें निकालने में प्रशासन कोई खास दिलचस्पी नही ली। उन्होने कहा कि इस भयावह हादसे की न्यायिक जांच कराने के लिए सदन में आवाज बुलंद करेंगे।
वहीं केन्द्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। उन्होने पत्रकारों को बताया कि सेना के सैकडो जवानों द्वारा जब राहत कार्य शुरू किया गया। तब ही ट्रेन में फंसे यात्रियों की वास्तविक पहल शुरू हुई। उन्होने कहा कि इस भयावह हादसे में सभी लोगो को संयम एवं धैर्य पूर्वक घायलों एवं मृतको के परिजनो के साथ सहानुभूति बरतने की जरूरत है। उन्होने कहा कि इस घटना की जांच के आदेश दे दिये गये है। यह हादसा चालक द्वारा इमरजेंसी ब्रेक लगाने की वजह से हुआ है। जिसकी वास्तविक जांच होने के बाद ही कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। वहीं प्रदेश की मुख्यमंत्री बहन कुमार मायावती के निर्देशन पर कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, युवा कल्याण एवं खेलकूद मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल घटनास्थल मलवां स्टेशन पहुंचकर सरकारी अमले को समय रहते राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। वहीं जिला अस्पताल तथा प्राइवेट नर्सिंग होमो मे पहुंचकर घायलों का हालचाल लेकर चिकित्साधिकारियों से अच्छा से अच्छा इलाज कराने के निर्देश दिये।

वृध्दा को मौत के घाट उतार मजदूर ले उडा जेवरात व मोबाइल
फतेहपुर, 10 जुलाई। (उप्रससे)। खागा कस्बा के मोहल्ला मानू का पुरवा मे आज सुबह घर पर मजदूरी करने आए एक मजदूर ने 55 वर्षीय वृध्दा के सिर में हथौड़ा मारकर मौत के घाट उतार दिया और जेवर व मोबाइल लेकर फरार हो गया। मृतका के पति की तहरीर पर पुलिस मजदूर की तलाश कर रही है।
जानकारी के अनुसार पिछले दिनो हुई बारिश के दौरान मानू का पुरवा निवासी बाबू खां उर्फ बंगाली का घर गिर गया था। आज सुबह उसका पति घर पर छप्पर डलवाने के लिए आरा मशीन पर लकडी चिरवाने गया था। वहीं उसकी पत्नी जैतुन निशा घर पर काम करवाने के लिए मजदूर लेकर आयी थी। तभी वह बैठे कोई काम कर रही थी। उसी बीच घर आए मजदूर ने चुपके से हथौड़ा उठाकर उसके सिर पर जोर से मार दिया। जिससे उसकी घटनास्थल पर मौत हो गयी। इसके बाद वह घर में रखे जेवरात व मोबाइल लेकर फरार हो गया। घर वापस पति जब आया तो उसने अपनी पत्नी को खून से लतपथ मृत अवस्था मे देखा। तभी इसकी सूचना पुलिस को दे दी। घटनास्थल पहुुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे मे लेकर विच्छेदन गृह भेज दिया।


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