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लखनऊ,
21 फरवरी।
प्रदेश सरकार ने राज्य में जल के उपयोग को
नियंत्रित करने तथा इसके उपयोग पर मूल्य
निर्धारित करने के लिए जल प्रबंधन और
नियामक आयोग बनाने का फैसला किया है। इसके
लिए सरकार ने शुक्रवार को विधान स•ाा में
विधेयक पेश किया।
इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद राज्य
में जल प्रबंधन और नियामक आयोग कार्य करेगा।
इसे जल सम्बन्धी समस्त अधिकार प्राप्त
होंगे। आयोग के अधिकार क्षेत्र में •ाूमिगत,
वर्षा तथा नदी जल को शामिल किया गया है।
आयोग से कृषि के लिए सिंचाई तथा घरेलू
पेयजल •ाी नियंत्रित होगा। आयोग पानी के
लिए टैरिफ निर्धारित करने का कार्य •ाी
करेगा। विधेयक में एक अध्यक्ष के साथ पांच
सदस्य होंगे। आयोग का अध्यक्ष मुख्य सचिव
अथवा •ाारत सरकार के सचिव के समकक्ष पद पर
रहा प्रशासनिक व्यक्ति होगा। जिसका
प्रशासनिक अनु•ाव किसी •ाी दशा में 25
वर्ष से कम न हो। इसके साथ ही अन्य पांच
सदस्य विषय विशेषज्ञ होंगे। आयोग के
अध्यक्ष और सदस्यों के चयन के लिए एक चयन
समिति का गठन होगा। इसका अध्यक्ष प्रदेश
का मुख्य सचिव होगा तथा कृषि उत्पादन
आयुक्त समेत आठ सदस्य होंगे।
विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2014 पेश
विधान स•ाा में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश
राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2014
तथा जेपी विश्वविद्यालय अनूपशहर उत्तर
प्रदेश विधेयक 2014 पेश किये गए।
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