नई
दिल्ली, 13 दिसम्बर 2019, यूपी समाचार
सेवा। झारखण्ड के चुनाव में प्रचार के
दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी
द्वारा दिये गए ‘रेप इन इण्डिया’
संबंधी बयान पर शुक्रवार को संसद ठप
रही। सत्तारूढ़ दल भाजपा और एनडीए के
सदस्यों ने राहुल गांधी के बयान पर
जबरदस्त हंगामा किया। सदस्यों की मांग
थी कि राहुल गांधी माफी मांगें।
ज्ञातव्य है कि गुरुवार को झारखण्ड के
चुनाव में प्रचार के दौरान एक जनसभा
में राहुल गांधी ने कहा कि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेक इन
इण्डिया की बात करते हैं लेकिन, अब
रेप इन इण्डिया हो रहा है। इस बयान को
भाजपा और एनडीए ने महिलाओं का अपमान
बताया है। उनसे मांफी की माग करते हुए
सदन में जबरदस्त हंगामा किया। काग्रेस
ने माफी मांगने से मना कर दिया।
इसकेसाथ ही कांग्रेस सदस्यों ने भी
हंगामा किया। इसी बीच संसद
अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
आन्ध्र में 21 दिन में मिलेगी
दुष्कर्मियों को सजा
अमरावती, 13 दिसम्बर, 2019, यूपी
समाचार सेवा। आन्ध्र प्रदेश देश के ऐसा
पहला राज्य बन गया है जोकि दुष्कर्मियों
को तत्तकाल सजा देगा। सरकार ने इससे
संबंधित विधेयक शुक्रवार को विधान सभा
में पारित कर दिया। इसमें प्रावधान है
कि फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर 21 दिन
में आरोपियों को सजा दे दी जाएगी।
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध जारी,
प. बंगाल में उग्र प्रदर्शन
नई दिल्ली, 13 दिसम्बर 2019, यूपी
समाचार सेवा। नागरिका संशोधन विधेयक (सीएबी)
का विरोध शुक्रवार को भी जारी रहा।
देश के कई हिस्सों में उग्र प्रदर्शन
हुए। बंगाल में सबसे ज्यादा हंगामा
हुआ। इसके अलावा दिल्ली और उत्तर
प्रदेश में भी विरोध हुआ। उत्तर
प्रदेश में एएमयू के छात्रों ने विरोध
किया। जबकि कई स्थानों पर जुमे की
नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन हुए।
पश्चिम बंगाल में विधेयक का विरोध करते
हुए लोग सड़कों पर उतर आये। सबसे
ज्यादा गुस्सा रेलवे पर उतारा गया। कई
रेलवे स्टेशनो ंपर प्रदर्शन किये गए।
रेलवे के कैश काउण्टर को लूट लिया गया।
रेल पटरी पर जलते टायर डाल दिये गए।
इसके अलावा कई स्टेशनो पर तोड़फोड़ भी
की गई। रेलवे स्टेशनों और रेलों पर
पथराव किया गया। कई जगह आगजनी हुई।
रेलवे और आरपीएफ के अधिकारियों पर हमले
किये गए उन्हे दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया।
उपद्रवियों ने उलूबेरिया स्टेशन पर
धावा बोलकर टिकट काउण्टर से चार लाख
रूपये और कम्प्यूटर लूट लिये।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, सहारनपुर,
देवबंद, बिजनौर, शामली, बागपत ,
मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर में प्रदर्शन
हुए। यहां जुमे की नमाज के बाद
प्रदर्शन किया गया। अलीगढ़ में एएमयू
के छात्रों ने हंगामा किया। डीएम
चन्द्रभूषण सिंह के साथ धक्का मुक्की
की गई वह गिरते गिरते बचे।
दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया
विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों
ने मिलकर जुलूस निकाला। पुलिस के रोकने
पर इन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया।
इसके कारण कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
उधर जतर मंतर पर जमीअत उलेमा ए हिन्द
ने प्रदर्शन किया।
नागरिकता कानून को सुप्रीम कोर्ट मे
चुनौती
नई दिल्ली, 13 दिसम्बर 2019, यूपी
समाचार सेवा। संसद के दोनों सदनों से
पारित होने केबाद नागरिकता सशोधन
विधेयक को सर्वोच्च न्यायालय में
चुनौती दी गई है। कांग्रेस के नेता और
पूर्व केन्द्रीय मंती जयराम रमेश और
तृषणूल कांग्रेस नेता सांसद महुआ
मोइत्रा ने इस कानून के खिलाफ
सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएं दाखिल
की हैं। जयराम रमेश ने याचिका में कहा
है कि नागरिकता संसोधन विधेयक 2019
समानता के अधिकार का उल्लेख करता है।
इसलिए इसे रद्द किया जाए। इसके साथही
उन्होंने कहा है कि कानून सर्वोच्च
न्यायालय के सर्वानन्द सोनेवाल मामले
में दिये गए फैसले का भी उल्लंघन करता
है। इस मामले पर चार और याचिकाएं
दाखिल हुई हैं।
कांग्रेस और गैर एनडीए शासित राज्य नहीं
करेंगे लागू
नई दिल्ली, 13 दिसम्बर 2019, यूपी
समाचार सेवा। देश में कांग्रेस शासित
और गैर एनडीए शासित राज्यों के
मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वे इस
नागरिकता संशोधन कानून को अपने राज्य
में लागू नहीं करेंगे। केरल, पश्चिम
बंगाल के मुख्यमंत्रियों के इनकार के
बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और
राजस्थान के मुख्यमंत्रियों ने भी कहा
है कि वे अपने राज्यों को इस कानून को
लागू नहीं करेंगे।
कानून लागू करने से इनकार नहीं कर सकते
राज्य
नई दिल्ली, 13 दिसम्बर 2019, यूपी
समाचार सेवा। केन्द्र सरकार ने कहा है
कि राज्यों को यह अधिकार नहीं है कि
वे नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू
करने से इनकार कर सकें। केन्द्र सरकार
के अधिकारी के अनुसार यह कानून
संविधान की सातवीं अनुसूची में शामिल
कर संघीय सूची में रखा गया है। इसलिए
इसे कोई भी राज्य लागू करने से इनकार
नहीं कर सकता।
सही नहीं पाये गए जेके में नाबालिगों
के गैर कानूनी हिरासत के मामले
नई दिल्ली, 13 दिसम्बर 2019, यूपी
समाचार सेवा। सर्वोच्च न्यायाल ने कहा
है कि जम्मू कश्मीर में नाबालिगों को
गैर कानूनी हिरासत में रखने के सभी
मामले झूठे पाये गए हैं। यह बात
सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने जम्मू
कश्मीर हाई कोर्ट के जुबेनाइल जस्टिस
कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन के बाद कही।
कमेटी में जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के
चार जजों ने जेके की सभी जेलों का
निरीक्षण किया तथा संबंधित पक्षो से
बातचीत की। कहीं भी कोई नाबालिग
हिरासत में नहीं मिला।
सर्वोच्च न्यायालय में गत दिनों एक
महिला एक्टिविस्ट इनाक्षी गांगूली और
शांता सिन्हा ने दाखिल की थी। इसमें
कहा गया था कि जम्मू कश्मीर से 5
अगस्त को धारा 370 हटाये जाने के बाद
142 नाबालिगों को भी गिरफ्तार किया गया।
उन्हें हिरासत में रखा गया है। इस पर
संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय
के तीन जजों की पीठ ने जम्मू कश्मीर
हाई कोर्ट को जांच के निर्देश दिये
थे। इस पर हाई कोर्ट ने चार सिटिंग जजों
की कमेटी बनाई। शुक्रवार को रिपोर्ट
पर फैसला देते हुए सर्वोच्च न्यायाल
के जस्टिस एटबी रमना, जस्टिस आर सुभाष
रेड़्डी और जस्टिस बीआर गवई की तीन
सदस्यीय पीठ नेकहा कि हमें हाई कोट की
कमेटी की रिपोर्ट पर विश्वास करना
चाहिए। इसके साथ ही जनहित याचिका
खारिज कर दी।
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