लखनऊ,
06 दिसम्बर
2019 ।
(उप्रससे)।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
जस्टिस एसएन शुक्ला समेत सात लोगों के
आवास पर लखनऊ, दिल्ली, मेरठ में छापे
मारे हैं। ये छापे भ्रष्टाचार की
एफआईआर दर्ज होने के बाद मारे गए हैं।
इन पर निजी मेडिकल कालेज में प्रवेश
घोटाले में धांधली और भ्रष्टाचार के
आरोप हैं। जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज
करने की सीबीआई को अनुमति सर्वोच्च
न्यायालय के तत्तकालीन मुख्य
न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई दी थी।
एफआईआर में छत्तीसगढ के पूर्व जज आईएम
कुद्दुसी का भी नाम है।
ज्ञातव्य है कि जस्टिस शुक्ला
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ
खण्डपीठ में सिटिंग जज हैं। उन पर
आरोप है कि इन्होंने निजी मेडिकल
कालेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट के
आदेश को नजर अंदाज करके आदेश पारित
किया था। इसमें निजी मेडिकल कालेज को
लाभ हुआ। इस मेडिकल कालेज में
एणबीबीएस में प्रवेश लेने पर सुप्रीम
कोर्ट ने रोक लगाई थी। किन्तु श्री
शुक्ला ने इस आदेश की अवहेलना करके
प्रसाद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज
को अनुमति प्रदान कर दी।
सर्वोच्च न्यायालय की तीन जजों की थी
जांच
शुक्ला पर आरोपों की जांच के लिए
पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने तीन
जजों की समिति बनायी थी।इस समिति ने
शुक्ला को दोषी माना था। इसके बाद
उन्हें त्यागपत्र देने या वीआरएस लेने
को कहा गया। लेकिन, वे तैयार नहीं हुए।
बाद में मामले की जांच सीबीआई ने की
तो इन पर आरोपो की पुष्टि हुई। इस पर
सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय से
एफआईआर की अनुमति मांगी। तत्तकालीन
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अनुमति दे
दी। इसी एाआईआर के बाद जस्टिस शुक्ला
के आवास पर छापेमारी की गई।
छह अन्य हैं आरोपी
मामले में सीबीआई ने छह अन्य को भी
आरोपी बनाया है। इनमें छत्तीसगढ़ के
पूर्व जज आईएम कुद्दूसी, प्रसाद
एजूकेशन ट्रस्ट के भगवान प्रसाद यादव,
पलास यादव, मेरठ के वेंकटेश्वर मेडिकल
कालेज के सुधीर गिरि, भावना पाण्डे
दिल्ली शामिल हैं।
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