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डा.
सूर्यकान्त को नेशनल इत्तिहाद-ए-मिल्लत सम्मान |
Tags: Dr Suryakant,
Pro. & HOD Department of Pulmonery, TB, KGMU Lucknow,
Ettehad-e-Millat Award |
Publised on : Last
Updated on: 24 December 2016 , Time
20:18 |
लखनऊ:
24 दिसम्बर, 2016 । (उ.प्र.समाचार सेवा)। केजीएमयू के
प्रख्यात चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा.सूर्यकान्त को चिकित्सा
सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिये नेशनल
इत्तिहाद ए मिल्लत कन्वेन्शन द्वारा इत्तिहाद-ए-मिल्लत
सम्मान से सम्मानित किया गया है।
डा. सूर्यकान्त देश के माने जाने टी.बी.,चेस्ट व अस्थमा
रोग विशेषज्ञ है। डा. सूर्यकान्त का जन्म व प्रारम्भिक
शिक्षा उ.प्र. के इटावा जनपद में हुई। डा. सूर्यकान्त ने
अपनी एम.बी.बी.एस. (1988) तथा एम.डी. (1992) की उपाधि
प्रख्यात किंग जॉर्ज मेडिकल कालेज, लखनऊ से प्राप्त की।
डा. सूर्यकान्त ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के
इतिहास मे पहली बार एम.डी. पाठयक्रम का शोध प्रबन्धन
हिन्दी भाषा मे प्रस्तुत किया जिसकी अनुमति के लिए उन्हे
एक वर्ष तक काफी संघर्ष करना पडा अन्ततः उत्तर प्रदेश
विधान सभा द्वारा सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास कर
हिन्दी मे शोध प्रबन्धन(ज्ीमेपे)जमा करने कि विशेष
अनुमति(1991)मे प्रदान कि गयी।चिकित्सा जगत मे सर्वप्रथम
हिन्दी भाषा मे शोध पत्र प्रस्तुत करने का श्रेय भी डा.
सूर्यकान्त को जाता है जब उन्होनें 12 जनवरी 1992 को
वाराणसी मे प्रदेश स्तर के चेस्ट रोगो की संगोष्ठी मे
अपना शोध प्रबन्धन हिन्दी मे प्रस्तुत किया।वर्तमान में
डा. सूर्यकान्त किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के
रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर
कार्यरत हैं। इसके साथ हि डा. सूर्यकान्त इडियन चेस्ट
सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (2016-17)भी है।इसके
अतिरिक्त उत्तर प्रदेश ,स्टेट टास्क फोर्स (क्षय
नियंत्रण), के चेयरमैन भी हैै।वे लखनऊ विश्वविद्यालय तथा
उत्तर प्रदेश मेडिकल विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा की
कार्य परिषद के सदस्य भी है।
डा. सूर्यकान्त को अब तक 63 पुरस्कारों से सम्मानित किया
जा चुका है। डा. सूर्यकान्त को अनेक पुरस्कारों व
फैलोशिप से अलंकृत किया जा चुका है। इनमें प्रो. आर.एन.
टण्डन गोल्ड मेडल, विज्ञान-प्रभा अवार्ड, साहित्य गौरव
अवार्ड तथा एल.एस. लोवस्के अवार्ड प्रमुख हैं। इसके अलावा
उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर टी.बी. एसोसियेशन ऑफ इण्डिया
और इण्डियन मेडिकल एसोसियेशन द्वारा क्रमशः चारू चन्द्र
दास मेमोरियल अवार्ड एवं हुकुम चन्द्र जैन मेमोरियल
कैंसर अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। डा.
सूर्यकान्त को अमेरिकन कालेज ऑफ चेस्ट फिजीशियन की अति
प्रतिष्ठित फैलोशिप से भी अलंकृत किया जा चुका है। वर्ष
2009 में उन्हें अस्थमा एवं चेस्ट रोग चिकित्सा क्षेत्र
में विशिष्ट सेवाओं हेतु उ.प्र. के विधान सभा अध्यक्ष ने
सम्मानित किया। उत्कृष्ट हिन्दी चिकित्सकीय लेखन के लिये
उ.प्र. के पूर्व राज्यपाल महामहिम श्री बी.एल. जोशी ने
भी सम्मानित किया है। वर्तमान मे उ.प्र. के राज्यपाल
महामहिम श्री राम नाइक जी द्वारा 24 जून 2016 को डा.
सूर्यकान्त को चिकित्सा भूषण सेवा सम्मान से सम्मानित
किया गया है।यह सम्मान डा. सूर्यकान्त को गरीबों की
निसवार्थ चिकित्सा सेवा करने के लिए प्रदान किया गया है।
डा. सूर्यकान्त के द्वारा 350 से अधिक राष्ट्रीय व
अन्तर्राष्ट्रीय शोध लेख प्रकाशित किये जा चुके है। डा.
सूर्यकान्त त्रिपाठी विभिन्न मेडिकल विषयों पर 10 पुस्तकें
लिख चुके हैं।जिनमें से 5 पुस्तकें हिन्दी मे है।देश के
विभिन्न पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रो मे हिन्दी में 500
से अधिक चिकित्सा संबंधी लेख डा. सूर्यकान्त द्वारा लिखे
गये है। डा. सूर्यकान्त की विशेष रूचि सामाजिक कार्यों
एवं सरोकारों में भी है, वे एक दर्जन से अधिक सामाजिक/स्वयंसेवी
संस्थाओं के माध्यम से निःशुल्क अस्थमा शिविर, धूम्रपान
विरोधी अभियान, नेत्र शिविर, मध्य निषेध अभियान, स्कूल
हेल्थ चेकअप व स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों से जुड़े
है।
उ0प्र0 सरकार द्वारा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव
द्वारा डा0सूर्यकान्त को प्रदेश के विज्ञान क्षेत्र के
सर्वोच्च सम्मान श्विज्ञान गौरवश् से भी सम्मानित किया
गया है। |
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News
source: UP Samachar Sewa |
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upsamacharsewa@gmail.com
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