लखनऊ
। राजभवन में आज नववर्ष चेतना समिति के
तत्वावधान में भारत सरकार के संचार
मंत्रालय द्वारा सम्राट विक्रमादित्य की
स्मृति में डाक टिकट का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के
राज्यपाल राम नाईक ने की तथा मुख्य अतिथि
के रूप में मनोज सिन्हा केन्द्रीय संचार
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपस्थित
थे। इस अवसर पर नववर्ष चेतना समिति की
मुख्य संरक्षिका श्रीमती रेखा त्रिपाठी,
अध्यक्ष गिरीश गुप्ता व अन्य पदाधिकारीगण
सहित डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण भी
उपस्थित थेे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त
करते हुये कहा कि विक्रमादित्य से उनके
सुशासन को सीखने की जरूरत है। सम्राट
विक्रमादित्य ने ईसा मसीह के जन्म से भी
पूर्व विक्रम संवत की स्थापना की थी।
राज्य की अच्छी व्यवस्था तथा व्याकरण,
साहित्य, खगोल शास्त्र आदि को समृद्ध बनाने
में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि
अपने दायित्व का निर्वहन कैसे करें, हमें
अपने इतिहास से सीखना चाहिए। श्री नाईक ने
कहा कि 22 जुलाई, 2014 को उन्होंने उत्तर
प्रदेश के राज्यपाल पद का दायित्व संभाला।
इस दौरान अनेकों कार्यक्रम राजभवन में
आयोजित किये गये। राजभवन के कुछ अपने
परम्परागत कार्यक्रम हैं, कुछ पुस्तक
विमोचन, संगीत व अन्य प्रकार के आयोजनों
से संबंधित कार्यक्रम किये गये। पिछले
वर्ष कुष्ठ पीड़ितों की पीड़ा को समझते हुये
अक्षय तृतीया के दिन कुष्ठ पीड़ितों द्वारा
प्रस्तुत भजन संध्या का आयोजन राजभवन में
किया गया। आज का दिन भी उसी श्रेणी में
स्वर्णिम दिन है। कुछ ऐसे कार्यक्रम होते
हैं जिससे स्वयं राजभवन की गरिमा बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य को
समर्पित आज का कार्यक्रम सोने पर सुहागा
है।
राज्यपाल ने सम्राट विक्रमादित्य की स्मृति
में डाक टिकट जारी करने पर संचार मंत्रालय
और विशेषकर संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र
प्रभार) मनोज सिन्हा का आभार प्रकट किया।
उन्होंने कहा कि टिकट जारी करने की कल्पना
नववर्ष चेतना समिति की थी। सरकारी काम में
थोड़ा समय लगता है लेकिन विभागीय मंत्री ने
पूरी तत्परता से टिकट जारी करने में सहयोग
दिया। राज्यपाल ने कहा कि समिति के
प्रस्ताव को उन्होंने संचार मंत्रालय तक
पहुँचाने में केवल सेतु जैसा काम किया है।
अपने अनुभव बताते हुये उन्होंने कहा कि 6
फरवरी, 1999 को उन्होंने संत एकनाथ पर
टिकट जारी करवाने का प्रस्ताव दिया जो 23
मार्च, 2003 को विमोचित हुआ तथा ईसा मसीह
के 2000वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में डाक
टिकट जारी करवाने हेतु उन्होंने वर्ष 1999
में प्रस्ताव दिया जो 25 दिसम्बर, 1999 को
ही जारी हुआ। उन्होंने कहा कि ऐसे
कार्यक्रम अपनी संस्कृति एवं अपना इतिहास
जानने के होते हैं।
संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज
सिन्हा ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य की
स्मृति में स्मारक डाक टिकट जारी करना
गौरव का विषय है। राज्यपाल राम नाईक का
आग्रह था कि सम्राट विक्रमादित्य पर डाक
टिकट जारी होना चाहिए। सम्राट
विक्रमादित्य द्वारा शुरू किये गये विक्रम
संवत को विदेशों को भी सबसे सही माना जाता
है। आने वाली पीढ़ी ऐसे महापुरूषों से
प्रेरणा लेंगी। उन्होंने कहा कि ऐसे
महापुरूष सर्वमान्य है, उनको समुदाय या
जाति के बंधन में नहीं बांधा जा सकता।
कार्यक्रम में नववर्ष चेतना समिति की
मुख्य संरक्षिका श्रीमती रेखा त्रिपाठी
ने सम्राट विक्रमादित्य के व्यक्तित्व और
और उनके शौर्य तथा कार्यों पर प्रकाश डाला।अध्यक्ष गिरीश गुप्ता ने
अतिथियों का स्वागत किया। समिति के सचिव
डा. सुनील अग्रवाल ने कार्यक्रम की
प्रस्तावना प्रस्तुत की ।
|