लखनऊ
19 दिसम्बर
( उप्रससे ) |
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
द्वारा आज दिये गए भाषण पर कहा रैली में
फिर से टिकटार्थियों और भाड़े की भीड़ इकट्ठा
की गयी थी। नोटबन्दी की समस्या से देश की
ईमानदार जनता को राहत देने के सम्बन्ध में
कुछ भी नया आश्वासन नहीं दिया गया।
बसपा मुखिया ने नोटबन्दी पर लोगों का
ध्यान बांटने के लिये ‘‘लाटरी के ड्रा‘‘
निकालने आदि की योजना से देश की आम जनता
को क्या राहत मिलने वाली है। जबकि 90
प्रतिशत मेहनतकश ईमानदार लोग बैंकों और
ए.टी.एम. से अपना पैसा ही निकालकर उसे
इस्तेमाल करने के अधिकार से वंचित है। वहीं
14 अप्रैल 2017 को अम्बेडकर जयन्ती के दिन
लाटरी ड्रा की घोषणा पर उन्होंने कहा कि
इससे बाबा साहेब के अनुयायी रोहित वेमुला
का आत्महत्या काण्ड, गुजरात के बर्बर ऊना
दलित काण्ड व उत्तर प्रदेश के दयाशंकर
सिंह काण्ड में भाजपा की अपराधिक भूमिका
को कभी भी भूलने वाले नहीं हैं।
मायावती ने कहा कि केन्द्र में ढाई वर्षों
से अधिक समय तक बीजेपी की सरकार को उत्तर
प्रदेश में सपा सरकार का ‘‘गुण्डाराज’’
नजर नहीं आया, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में
विधानसभा के आमचुनाव नजदीक आते ही बीजेपी
को सपा सरकार का गुण्डाराज नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में कालेधन व नोटबन्दी
आदि के मुद्दे पर संसद में चर्चा से
विपक्ष नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के लोग ही
भागते रहे हैं। क्योंकि ये लोग बिना पूरी
तैयारी के लिये गये अपने नोटबन्दी के फैसले
का जवाब देने की हिम्मत संसद में नहीं जुटा
पा रहे थे। संसद नहीं चल पाने के लिये
भाजपा व उनकी सरकार दोषी है, क्योंकि
प्रधानमंत्री संसद में ना तो आते थे और ना
ही चर्चा में भाग लेते थे बल्कि संसद का
सत्र जारी रहने के बावजूद संसद के बाहर
रैलियों में गलत व भड़काऊ बयान देकर जनता
को गुमराह करने व संसद का अपमान करने का
काम करते थे।
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