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सरकार ने साजिश कर पारित कराया किसान विरोधी विधेयक
Tags: उत्तर प्रदेश समाचार सेवा, यू.पी.समाचार सेवा, उ.प्र.समाचार सेवा, यू.पी.वेब न्यूज Uttar Pradesh Samachar Sewa, U.P.Samachar Sewa, UPSS, U.P.WEB NEWS
Publised on : 2011:08:12       Time 19:49                           Update on  2011:08:12       Time 19:49   

लखनऊ, 12 अगस्त। (उप्रससे)। Lucknow, August 12,  विधान सभा में बगैर चर्चा के किसानों की भूमि अधिग्रहण से संबंधित विधेयक पारित किये जाने पर भारतीय जनता पार्टी ने चिंता व्यक्त की है तथा इसे किसान विहोधी बताया है। पार्टी ने इस मुद्दे पर राजभवन जाकर रायपाल को ज्ञापन देने का फैसला किया है। पार्टी रायपाल से मांग करेगी कि इस विधेयक को स्वीकृति प्रदान नहीं की जानी चाहिए। यह बात आज यहां पार्टी कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही ने कही।
श्री शाही ने कहा कि कल विधान सभा में हंगामे और भारी शोर शराबे के बीच सरकार ने उ.प्र.नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 में संशोधन विधेयक पारित करा दिया। इस विधेयक से यह व्यवस्था हो गई है कि अब किसान की अधिग्रहीत भूमि एक बार विकास प्राधिकरण के पास आ जाने के बाद वह कभी भी वापस नहीं ली जा सकेगी, चाहे प्राधिकरण उसका उपयोग करे या न करे। इसके पहले इस अधिनियम में यह प्राविधान था कि यदि अधिग्रहीत भूमि का पांच साल तक उपयोग नहीं करती है तो उसे किसान या भूमि स्वामी 12 प्रतिशत ब्याज देकर वापस ले सकता था। इस संशोधन के बाद यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।
श्री शाही ने कहा कि किसान हितों से जुड़ा हुआ इतना बड़ा मुद्दा बगैर किसी चर्चा के विधान सभा हंगामे की भेंट चढ़ गया। यह किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सपा और बसपा दोनों की मिली भगत थी। दोनों ही किसानों के मुद्दे की अनदेखी करना चाहते थे। इसलिए उन्होेंने मिलकर हंगामा कर दिया और सदन अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दिया गया। उन्होने कहा कि सदन में हंगामा कराना सत्ताधारी दल की साजिश का हिस्सा था। ताकि बगैर किसी चर्चा के ही किसान से जुड़ा विधेयक पारित हो जाए।
श्री शाही ने कहा कि गत दिनों सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने जितने भी भूमि अधिग्रहण से जुडे मुद्दों का निस्तारण किया उनमें इस बात का उल्लेख किया था कि सरकार को भूमि की आकस्मिकता नहीं है। इसलिए लिए अधिग्रहण निरस्त कर दिये गए। अब सरकार ने कोर्ट के द्वारा दिये गए निर्देशों से बचाव के लिए संशोधन विधेयक पारित करा लिया है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन विधेयक की स्वीकृति रोकने के लिए पार्टी राजभवन जाएगी। रायपाल को ज्ञापन देकर अवगत कराएगी कि इस पर सदन में विधायकों ने कोई चर्चा नहीं की है। इसलिए इस विधेयक को स्वीकृति प्रदान नहीं की जानी चाहिए।

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