मंहगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ अब महिलाओं
ने भरी हुंकार
फतेहपुर, 07 अगस्त। (उप्रससे)। मंहगाई और
भ्रष्टाचार के खिलाफ अब महिलाओ ने घर से
निकल कर रोड पर हुंकार भरना शुरू कर दी
है। शनिवार को अखिल भारतीय जनवादी महिला
समिति के बैनर तले बडी संख्या में महिलाओ
ने कलेक्ट्रेट में नारेबाजी कर जोरदार
प्रदर्शन किया। महिलाओ ने कहा कि गरीबो के
प्रति केन्द्र सरकार जो रवैया अख्तियार कर
रही है वह दो मुंहा है तथा गरीबी रेखा की
दयनीय आय सीमा बीस से पन्द्रह रूपये की जा
रही है वह हास्यास्पद है। क्योकि मंहगाई
के इस दौर में पन्द्रह-बीस रूपये का तो एक
व्यक्ति के लिए पर्याप्त नाश्ता भी नही
मिलता। ऐसे में दो वक्त की रोटी वह कैसे
जुटा पाएगा। महिलाओ ने जिलाधिकारी को
ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री से पांच
सूत्रीय मांगो का निस्तारण की मांग की है।
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन के दौरान महिलाओ
की अगुवई कर रही अखिल भारतीय जनवादी महिला
समिति की जिलाध्यक्ष शांती गौतम ने कहा कि
सरकार की उदारवादी आर्थिक नीतियों के चलते
दिन-प्रतिदिन मंहगाई तूफानी गति से बढ रही
है। फलस्वरूप कडी मेहनत के बावजूद दो जून
की रोटी के लिए गरीब मोहताज है। कुपोषण के
कारण हर साल लाखो बच्चे पैदा होते ही मर
जाते है। ग्रामीण क्षेत्रो के पचास
प्रतिशत महिलाएं खून की कमी का शिकार है।
वहीं गरीबी से तंग आकर बच्चो सहित महिलाएं
आत्महत्या करने को मजबूर है। मनरेगा में
भी महिला मजदूरो को काम देने में प्रधान
आनाकानी करते है। आर्थिक तंगी के कारण
गरीब मंहगाई से बुरी तरह त्रस्त है। जबकि
सांसद, मंत्री, विधायक एवं सरकारी कर्मचारी
लाखो रूपये वेतन भत्ते के रूप में प्राप्त
करते है। इसीलिए उन्हें मंहगाई दिखायी नही
देती। राजनेताओ को भी गरीबो के दर्द का
एहसास नही हो रहा है। सही मायनो मे एक
गरीब का दर्द एक गरीब ही समझ सकता है।
महामंत्री फहमीदा बेगम ने अपने सम्बोधन
में कहा कि गरीबो को कुछ राहत सार्वजनिक
वितरण प्रणाली के जरिए बीपीएल, एपीएल
कार्डो द्वारा मिलने वाले राशन से होती थी
वह भी केन्द्र सरकार गरीबो से छीनने का
कुच गरीबो की जनगणना के द्वारा करने जा रही
है। उन्होने कहा कि हाल ही मे योजना आयोग
ने शहरी गरीबी रेखा की दैनिक आय सीमा बीस
रूपये तथा ग्रामीण दैनिक आय सीमा प्रति
व्यक्ति पन्द्रह रूपये तय की है। यह
हास्यास्पद है। क्योकि मंहगाई के इस जमाने
में पन्द्रह-बीस रूपये मे तो नाश्ता भी नही
मिलता है। ऐसे मे दो वक्त की दाल-रोटी की
व्यवस्था कर कैसे लोग जिंदा रहे पाएंगे।
उन्होने कहा कि सरकार गरीबो को मौत के
मुंह में धकेलने की खौफनाक हरकत करने से
बाज नही आ रही है। लेकिन जनवादी महिला
समिति सरकार के इस मंसूबे को कतई सफल नही
होने देगी और इसका जबरदस्त विरोध करेगी।
उन्होने कहा कि अक्सर केन्द्र सरकार गरीबो
को बीपीएल दायरे में लाने मे धनाभाव का
रोना रोती है। परन्तु औद्योगिक घरानो को
पिछले छह सालों में इक्कीस लाख करोड़ की
टैक्सो की छूट देने मे धन की कमी नही हुई।
उन्होने कहा कि टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले,
आदर्श सोसाइटी घोटाले, कामनवेल्थ घोटाले
के द्वारा सरकार को दो लाख करोड़ का नुकसान
पहुंचा, लेकिन सरकार को कोई फर्क नही पडा,
परन्तु देश को चमकता भारत बनाने में अहम
भूमिका निभाने वालीह मेहनतकश जनता को भोजन
की गारंटी देने में सरकार हर तरह की
तिकडमबाजी का खेल खेल रही है। महिलाओ ने
प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन
जिलाधिकारी को सौंपा। जिसमें महिलाओ ने
पांच सूत्रीय मांगो में मंहगाई पर सरकार
तुरंत रोक लगाए तथा वायदा करोबार एवं खुदरा
व्यापार में शापिंग मालो के प्रवेश में
रोक लगाएं, एक सौ बीस रूपये दैनिक मजदूरी
पाने वाले को गरीबी के दायरे में लाया जाए,
सभी गरीबो को गरीबी रेखा के कार्ड देकर
चालीस किलो प्रतिमाह सस्ते दर पर अनाज
उपलब्ध कराए, सरकार द्वारा प्रस्तावित
खाद्य सुरक्षा कानून के जरिए गरीबो को दी
जाने वाली सब्सिडी को खातों द्वारा नकद
भुगतान की नीति को समाप्त किया जाए अन्यथा
इससे गरीबो को खुले बाजार में भीषण मंहगाई
का सामना करना पडेगा, तैंतीस प्रतिशत महिला
आरक्षण कानून को संसद में तत्काल पारित
कराया जाए।
शिक्षको ने लम्बित मांगो का यिान्वयन करने
की मांग को लेकर दिया धरना
फतेहपुर, 07 अगस्त। (उप्रससे)। उत्तर
प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की जिला इकाई
ने धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम
से प्रदेश की मुख्यमंत्री को लगभग तीन
वर्ष से लिखित समझौते के आधार पर स्वीकृत
की गयी जायज मांगो का शीघ्र अनुपालन कराए
जाने की मांग किया है।
संघ के जिलाध्यक्ष कमल सिंह चौहान, जिला
मंत्री आलोक शुक्ल, सहित तमाम शिक्षको ने
धरना प्रदर्शन कर वर्ष 2005 के बाद
नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों को प्रचलित
जीपीएफ आच्छादित किए जाने, सीटी संवर्ग
में प्रोन्नत वेतनमान का लाभ प्रदान करने,
अंशकालिक शिक्षको को पूर्णकालिक शिक्षक
बनाने, अठारह वर्ष से अब तक कार्यरत
शिक्षको एवं प्रधानाचार्यो का
विनियमितीकरण करने, पुराने सीटी से एलटी
में आमेलित परास्नातक विहीन शिक्षको को
प्रोन्नत वेतनमान देने, शेष अवशेष
विद्यालयो से शिक्षको, कर्मचारियों को
चालीस प्रतिशत भुगतान शीघ्र दिलाने,
व्यवसायिक शिक्षको को विनियमितीकरण करके
सामान्य शिक्षको की भांति वेतन दिलाने की
मांग की।
केन्द्र-प्रदेश की सरकार जनविरोधी-राजेश
चन्द्रा
फतेहपुर, 07 अगस्त। (उप्रससे)। समाजवादी
पार्टी द्वारा छात्रों, नौजवानो,
व्यापारियों एवं किसानो को जोड़ने के लिए
चलाए जा रहे सघन अभियान की सफलता से
उत्साहित कार्यकर्ताओ ने पार्टी कार्यालय
शादीपुर में संगोष्ठी कर पार्टी की नीति
एवं समाजवादी आंदोलन की जानकारी संगठन से
जुड़े कार्यकर्ताओ को प्रदान की। वहीं
केन्द्र एवं प्रदेश की सरकारों पर
भ्रष्टाचार, घोटालो, बिग़डी कानून व्यवस्था
एवं आम जनमानस की विरोधी बताते हुए
वर्ष-2012 विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ
बसपा सरकार को धराशायी करने का आहवान किया।
समाजवादी पार्टी द्वारा चला जा रहे कुनबा
बढाओ अभियान के तहत छात्रो-नौजवानो,
व्यापारियों एवं किसानो को पार्टी की
सदस्यता प्रदानकर समाजवादी आंदोलन को सफल
बनाने के लिए प्रभारी बनकर आए राजेश
चन्द्रा ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए
कहा कि सपा नेता मुलायम सिंह यादव ही देश
के समाजवादी आंदोलन के महानायक है। उन्होने
कहा कि वर्तमान मे केन्द्र एवं प्रदेश की
सरकार छात्र, नौजवान, व्यापारी एवं किसान
विरोधी है। उन्होने कहा कि केन्द्र की
संप्रग सरकार डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस
के दामो में बढोत्तरी कर जहां जनविरोधी
होने का सुबूत पेश किया है।
वहीं टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला, कामनवेल्थ
घोटाला एवं जन लोकपाल विधेयक को पारित
कराने में प्रधानमंत्री एवं न्याय पालिका
को अलग रखने का जो कुच रचा है। उससे यह
स्पष्ट हो गया है कि संप्रग सरकार
जनभावनाओ के अनुसार सरकार न चलाकर जनविरोधी
नीतियो को लागू किया है। वहीं प्रदेश की
बसपा सरकार को बिग़डी कानून व्यवस्था,
महिलाओ, नौजवान, छात्रो, व्यापारियो और
किसानों की प्रबल विरोधी बताते हुए कहा कि
यदि किसान और नौजवान अपने हक की बात करते
है तो बसपा सरकार उनकी समस्या का निराकरण
न कर उन्हेंं गोली मरवाती है। उन्होने कहा
कि प्रदेश की राजधानी को पत्थरो का शहर
बनाने वाली मुख्यमंत्री का दिल भी पत्थर
का हो गया है।
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