रायबरेली, 03 अगस्त। (उप्रससे)। स्वतंत्रता
सेनानियो के स्मरण में राष्ट्रप्रेम की
प्रेरणा मिलती है। जिन पूर्वजो ने आजदी की
जंग लडी है। उनकी यादें चिरस्थायी बनाये
रखने के लिए वर्तमान पीढ़ी को कुछ न कुछ
अवश्य करना चाहिए यह बात एम0एल0सी0 दिनेश
प्रताप सिंह ने प्रकाश युवा चेतना केन्द्र
के तत्वाधान में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
श्रीमती उमराई यादव की 39वीं पुण्यतिथि के
अवसर पर शांति निकेतन इण्टर कालेज इन्दिरा
नगर में आयोजित संकल्प दिवस समारोह को
सम्बोधित करते हुए कही।
दिनेश प्रताप सिंह ने इस अवसर पर श्रीमती
उमराई यादव के स्मृति में उन्ड़वा गांव से
पूरे तिवारी होते हुए स्वतंत्रता सेनानी
श्रीमती उमाराई यादव स्मृति विद्यालय
बद्रीनाथ सिंघापुर तक पक्की सडक बनवाये
जाने की घोषणा की इस सडक को श्रीमती उमराई
यादव मार्ग का नाम दिया जायेगा।
समारोह को समेधित करते हुए नगर पालिका
अध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि
श्रीमती उमराई यादव वानर सेना में शामिल
होकर श्रीमती इन्दिरा गांधी के साथ जेल
यात्रा की थ्ीा यह हमारा सबका सौभाग्य है
कि उनकी श्रृध्दांजलि के लिए हम लोग
उपस्थित है उन्होने कहा कि श्रीमती उमराई
यादव ने ओ0पी0 यादव की जननी तो है ही उन्हें
जम्न दिया है लेकिन हम सबकी भी जननी है
जिन्होने आजादी को जन्म दिया है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बोर्ड के
अध्यक्ष इन्द्रासन सिंह स्वास्थ्य खराब
होने के कारण समारोह में उपस्थित नहीं हो
सकें लेकिन इन्होने श्रीमती उमराई यादव को
श्रृध्दांजलि अर्पित की और कहा कि देश के
एकता अखण्डता एवं संप्रभुता को अक्षण बनाये
रखने के लिए युवको को संघर्ष करना चाहिए।
सपा के पूर्व महासचिव व इं0 विजय रस्तोगी
ने कहा कि श्रीमती उमराई यादव के पिता
महाबीर यादव 9 जनवरी 1921 को मुंशीगंज गोली
कांड में घायल हुए थे। ई0 वीरेन्द्र यादव
ने कहा कि उमराई यादव की सास श्रीमती
इन्दिरा यादव, ससुर सध्दू प्रसाद पति बद्री
प्रसाद यादव सहित 103 व्यक्तियों को
अंग्रेजो के जानकर सरदार निहाल सिंह के
कहने पर कि वे लोग किसान नेता बाबा
रामचन्द्र के आन्दोलन में शामिल न हो सके।
जिला फूकने व फसल नष्ट करने का फर्जी
मुकदमा दायर कर जेल भेजवा दिया था।
सपा के पूर्व महासचिव अरशद खॉन ने कहा कि
उमराई यादव के पति-सास-ससुर एवं पिता जब
जेल में जनवरी 1921 में बंद थे तब पंण्डित
जवाहर लाल नेहरू व गणेश शंकर विद्यार्थी
उनसे मिलने जेल आये थे। ब्लाक प्रमुख
राजीव यादव ने कहा कि श्रीमती उमराई यादव
ने अपने बच्चों को स्वतंत्रता संग्राम
सेनानी पद का मिलने वाला किसी प्रकार का
लाभ लेने से मना कर दिया था।
उनकी सोच थी कि आजादी की लडाई किसी
व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति हेतु नही लडी
गयी। आई0टी0आई0 कर्मचारी संघ के अध्यक्ष
रामबिलास यादव ने कहा कि जो लोग देश के
सम्मान के लिए कुछ करते है वह अमर हो जाते
है।
समारोह को रवि त्रिवेदी एडवोकेट,
राजेन्द्र कुमार एडवोकेट, नरेन्द्र सिंह
प्रधान, महेन्द्र सिंह, सुरेश चन्द्र पटेल,
आरके पटेल, लालू यादव, अंकित यादव, भोला
यादव, पप्पू इन्द्र प्रताप सिंह, विनय
द्विवेदी, विमलेश अवस्थी एडवोकेट, एमडी
एडवोकेट, रामशरण सिंह एडवोकेट, आर पी सिंह
एडवोकेट, रामनरेश यादव, राम बहादुर यादव,
उमानाथ पाल, चौ0 सर्वजीत सिंह, राम सुघर
सिंह, विरेन्द्र कुमार यादव आदि लोगो ने
सम्बोधित किया। समरोह का संचालन उमराई
यादव के कनिष्ठ पुत्र ओपी यादव ने किया।
भ्रष्टाचार में डूबा है शिक्षा विभाग,
सीबीआई जांच हों - यादव
रायबरेली, 03 अगस्त। (उप्रससे)। वरिष्ठ
समाजवादी नेता ओपी यादव ने कहा कि
माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र ने
284 हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के विद्यालयों
की मायन्ता में जनवरी 2011 से जून 2011 के
मध्य आठ करोड़ पचास लाख रूपये अवैध रूप से
वसूली किये। इसकी सीबीआई से जांच कराये
जाने की मांग की है।
श्री यादव ने कहा कि उ0प्र0 सरकार के
शिक्षा मंत्री ने जनवरी से जून 2011 6 माह
के अन्दर माध्यमिक शिक्षा हाईस्कूल एवं
इण्टरमीडिएट के 284 विद्यालयों को मान्यता
दी गयी, जिसमें से 103 विद्यालय मानक के
अनुरूप थे। इन विद्यालयों से सम्बन्धित
जिला विद्यालय निरीक्षकों ने 50-50 हजार
क्लर्को ने 15-15 हजार शिक्षा मंत्री ने
185000-185000 रूपये के हिसाब से वसूल किये।
जिन 181 विद्यालयों में कमिया थी उनमें
जिला विद्यालय निरीक्षक ने 75000-75000
रूपये क्लर्को ने 25000-25000 एवं शिक्षा
मंत्री ने 250000-250000 रूपये वसूल कर
मान्यता दी। इस प्रकार 284 विद्यालयों की
मान्यता में शिक्षा मंत्री व विभागीय
अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने आठ करोड़
पचास लाख रूपये अवैध वसूली की।
श्री यादव ने कहा कि शिक्षा विभाग आकंठ
भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। अवैध धन वसूली
की सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग की
है।रायबरेली। अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की
पुण्य स्मृति में बदरका में स्थिापित आजाद
स्मारक ओर उसके सामने की सडक की दयनीय
स्थिति को देखकर हर राष्ट्रभक्त और
स्वतन्त्रता प्रेमी दुखी है। भारत के किसी
भी ान्तिकारी का स्मारक इतना उपेक्षित नहीं
है जितना चन्द्रशेखर आजाद का। शायद राज्य
सरकार इसके रख रखाव के लिए बजट का
प्राविधान करती है लेकिन आवंटित बजट कभी
खर्च नहीं किया गया किन्तु उपभोग प्रमाण
पत्र जमा कर दिया गया है। यह दुखभरी
दास्तान बताई है सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता
शरद त्रिवेदी ने उन्होने बताया कि अगर
उन्नाव जिले के सांसद और विधायक कभी इस ान्तिवीर
जिसकी कुर्बानी की बदौलत वे आज लोकसभा,
विधानसभा में हैं, की प्रतिमा पर दो फूल
चढाने गये होते तो उन्हें अपने जन
प्रतिनिधि होने का गौरव अवश्य हुआ होता।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि यदि रायबरेली का
प्रबुध्द समाज बदरका स्थित चन्द्रशेखर
आजाद स्मारक के जीर्णोध्दार के लिए जितना
धन एकत्रित करेगा उतना ही धन ''ब्रम्हास्त्र''
की आरे से उपलब्ध कराया जायेगा। इस गुमनाम
हुए जा रहे स्वतन्त्रता संग्राम के अमर
सेनानी की स्मृति को यादगार बनाने के लिए
कोई आगे तो बढे। यह उद्गार बडे दुखी मन से
शरद त्रिवेदी ने प्रबुध्द समाज की गोष्ठ
में व्यक्त किये।
सिविल इान स्थित एक होटल में कृष्णकान्त
त्रिपाठी की अध्यक्षता में रायबरेली
प्रबुध्द समाज के चुनिन्दा लोगों की बैइक
में दिल्ली से वाया कानपुर-रायबरेली पधारे
शरद त्रिवेदी, फरीदाबाद से पधारे
राजेन्द्र शुक्ल और नोयडा से पधारे अमलेश
पाण्डेय ने आर्थिक दृष्टि से पिछडे
सामाजिक दृष्टि से तिरस्कृत और बौध्दिक
दृष्टि से अवसादग्रस्त ब्राम्हमण समाज के
लोगों को उठाने तथा सम्मान जनक जीवन जीने
के कुछ महत्वपूर्ण महामंत्री सुझाये।
वक्ताओं ने समवेतस्वर में कहा कि पहले एक
होइये व समाज द्वारा छीन लिया गया हक
मांगिये। अगर सम्मान और सुरक्षित जीवन के
बुनियादी अधिकार से कोई वंचित या रखना
चाहेगा तो उसके लिए संघर्ष की भी तैयारी
होनी चाहिये। |