Home>News |
मंत्री के कामों से यूपी सरकार फिर
मुसीबत में फंसी
|
Tags: Lokayukt U.P. SUBMIT REPORT ON
CORRUPTION OF MINISTER AVADHPAL SINGH
YADAV |
Publised
on :
2011:08:17
Time 11:22
Update on
2011:08:17
Time 11:22 |
लखनऊ, 17 अगस्त। (उप्रससे)।
पशुधन एवं दुध विकास मंत्री अवध पाल सिंह
को लोकायुक्त द्वारा जांच में दोषी ठहराये
जाने के बाद प्रदेश सरकार फिर मुसीबत में
फस गई है। मंत्री पर लगाये गए आरोपों को
लोकायुक्त ने जांच में सही पाया है तथा
उन्हें मंत्री पद से हटाने की सिफारिश कर
दी है। उधर लोकायुक्त की रिपोर्ट आने के
बाद विपक्ष ने सरकार पर मंत्री को हटाने
के लिये दबाव बनाना शुरु कर दिया है। हाल
ही में मंत्री के बयान को लेकर विधान मंडल
के सत्र में फजीहत झेल चुकी सरकार के लिए
यह नई मुसीबत खड़ी हो गई है।
ज्ञातव्य है कि मंत्री अवधपाल सिंह के गृह
जनपद के निवासी और हाईकोर्ट के अधिवक्ता
डा.सुबोध यादव ने परिवाद दाखिल किया था।
उन्होंने मंत्री पर पद के दुरुपयोग तथा
अपने परिवार के लोगों को लाभ पहुंचाने के
आरोप लगाये थे। इसमें मुख्य था कि मंत्री
ने पशु चिकित्सालयों के निर्माण के लिए
बजट पास होने के बाद इनके निर्माण का काम
प्रोजेक्ट कार्पोरेशन को दे दिया। इस
कार्पोरेशन ने पशु चिकित्सालयों के
निर्माण का काम चौधरी लटूरी सिंह
कंस्ट्रक्शन कंपनी को दे दिया। इस कंपनी
के मालिक मंत्री अवध पाल सिंह के बेटे
रणजीत सिंह हैं। प्रोजेक्ट कार्पोरेशन में
टेंडर प्रक्रिया नहीं अपनायी जाती है तथा
पूरी तरह से निगम का विवेक रहता है। आरोप
लगाया गया कि इस कंपनी घटिया निर्माण
सामग्री लगाकर काम कराया। कई निर्माण पूरे
हुए बगैर ही भुगतान ले लिया गया। अकेले एटा
जिले की अलीगंज तहसील में ही 21 पशु
चिकित्सालय बनवा दिये गए। सरकारी भवन होने
के बावजूद रायमंत्री के साले का मकान काफी
ऊंजी दर पर दुघ्ध संघ केन्द्र के लिए
किराये पर ले लिया गया। परिवादी ने अवधपाल
पर जैथरा कस्बा एटा में 10 जून को हुए
तिहरे हत्याकाण्ड में भी उनके शामिल होने
के आरोप लगाये।
लोकायुक्त जांच में आरोप पुष्ट:
लोकायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट में
अधिकांश पुष्ट पाये हैं। रिपोर्ट में कहा
गया है कि एकत्रित साक्ष्यों से यह साबित
हो गया है कि वर्ष 2007-2008 में जनपद एटा
में 14 पशु चिकित्सालयों का निर्माण कराया
गया। इनका निर्माण मंत्री अवधपाल सिंह के
बेटे रणजीत सिंह की कंपनी चोधरी लटूरी
सिंह कंस्ट्रक्शन ने कराया। लोकायुक्त ने
जांच में पाया कि इस कंपनी को इसके पहले
कभी कोई काम नहीं मिला था। किन्तु इस
उ.प्र.प्रोजेक्ट कार्पोरेशन में टेंड़र
प्रक्रिया नहीं रहती है। इसलिए पूरी तरह
से निगम के अधिकारियोंके विवेक से काम दे
दिये जाते हैं। इसलिए मंत्री के कारण उनके
बेटे की कंपनी को काम दे दिया गया।
निर्माण कार्य 3 करोड़ 98 लाख, 95 हजार का
था। एक चिकित्सालय के निर्माण का काम
मंत्री अवध पाल के भांजे अमर पाल सिंह की
कंपनी को भी दे दिया गया। लोकायुक्त ने
अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रेषित
कर मंत्री को पद से हटाये जाने तथा आरोपों
पर आपराधिक मामला दर्ज कराने की संस्तुति
की है।
विपक्ष ने इस्तीफा मांगा:
लोकायुक्त की रिपोर्ट आने के बाद सभी
विपक्षी दलों ने पशुधन और दुध विकास
रायमंत्री अवधपाल सिंह से इस्तीफा मांगा
है। समाजवादी पार्टी ने रायपाल से मांग की
है कि मंत्री के साथ साथ उन्हें संरक्षण
देने वाली प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती
को बर्खास्त किया जाए। प्रवक्ता राजेन्द्र
चौधरी ने कहा है कि प्रदेश सरकार के मंत्री
अवधपाल सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोपों की
पुष्टि हो गई है। मंत्री को हटाने की मांग
सपा ने विधान सभा में भी की थी किन्तु वहां
सरकार ने उनका बचाव किया। अब लोकायुक्त की
रिपोर्ट आने के बाद मंत्री को तत्काल हटाया
जाना चाहिए।
उधर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने भी
मंत्री को हटाने के लिए सरकार पर दबाव
बनाया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष
सूर्यप्रताप शाही ने तत्काल मंत्री को
हटाने के मांग की है। भाजपा प्रवक्ता विजय
पाठक ने कहा है कि मंत्री को तत्काल
इस्तीफा दे देना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता
द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने भी कहा है कि
लोकायुक्त ने तीसरे मंत्री पर उंगली उठाई
है। सरकार भ्रष्ट मंत्रियों को संरक्षण दे
रही है।
|
उत्तर प्रदेश समाचार सेवा,
यू.पी.समाचार सेवा, उ.प्र.समाचार सेवा,
यू.पी.वेब न्यूज Uttar Pradesh Samachar
Sewa, U.P.Samachar Sewa, UPSS, U.P.WEB
NEWS |
Summary: |
News & Article:
Comments on this
upsamacharsewa@gmail.com
up_samachar@sify.com |