प्रतापगढ
(उप्रससे)।
जिलाधिकारी डा0 आदर्ष सिंह
‘स्वच्छ भारत मिषन’ की कामयाबी के लिये अपनी प्रतिबद्धता
को दोहराते हुये कहते हैं कि खुले में शौच जाने की प्रथा
को किसी भी दषा में बन्द करना ही होगा। यह तभी सम्भव है
जब समुदाय और सामुदायिक संस्थायें स्वयं आगे आयें और
ग्रामवासियों में जागरूकता पैदा करें। शौचालय बनवाने के
लिये दी जाने वाली प्रोत्साहन राषि तभी दी जा सकेगी जब
ग्रामवासी अपने संसाधनों से अपने घर के पास शौचालय का
निर्माण करवा लेंगे। इतना ही नहीं, ग्राम पंचायतों को
विभिन्न मदों में मिलनी वाली सहायता राषि या बजट अनुदान
आदि भी तभी जारी किया जायेगा जब वह ग्राम पंचायत खुली
बैठक करके अपनी ग्रामसभा को ‘ओपेन डेफेकेषन फ्री’ अर्थात्
खुले में शौच से मुक्त होने की घोषणा करेगी।
जिलाधिकारी का कहना है कि ग्रामीण स्वच्छ भारत मिषन के
अन्तर्गत् समुदाय आधारित सम्पूर्ण स्वच्छता प्रणाली का
सफल क्रियान्वयन तभी सम्भव है जब समुदाय स्वयं इसे
स्वीकार करे और संकल्प ले कि इस सदियों पुरानी कुप्रथा
को समाप्त करेंगे। उन्होंने साफ सुथरा स्वच्छ ‘पावन
प्रतापगढ’ बनाने के लिये स्वयंसेवी संस्थाओं, षिक्षकों,
पत्रकारों, पंचायत प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों और
ओपिनियन लीडर्स से आगे आने का अनुरोध किया है।