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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनावी साल होने के कारण विभिन्न राजनीतिक दलों का अम्बेडकर प्रेम जाग उठा है। बसपा से लेकर सत्तारूढ़ सपा, भाजपा और कांग्रेस भी गुरूवार को अम्बकेडकर जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमो का आयोजन कर रही हैं। सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा), राज्य में प्रमुख विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा), केन्द्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने डा.अम्बेडकर की 125वें जन्मदिन पर गुरूवार को विभिन्न आयोजन करने की योजना बनाई है। माना जाता है कि दलित वर्ग डॉ.अम्बेडकर को अपना आदर्श मानता है और दलित वोट बैंके में अपनी पकड़ बनाने के लिए राजनीतिक दल इस चुनावी साल में डॉ.अम्बेडकर को अपना बताने में व्यस्त हैं। अम्बेडकर के सहारे दलित वोट बैंक पर नजर का प्रयोग कुछ समय पहले से ही शुरू हो गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपनी राजधानी यात्रा पर अम्बेडकर महासभा जाकर नई शुरूआत की और भाजपा की रणनीति को साफ कर दिया। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिह यादव ने बहुजन समाज पार्टी और उसकी नेता मायावती का नाम लिए बगैर नसीहत दी कि डा.भीमराव अम्बेडकर का नाम लेकर राजनीति करने वाले पहले उन्हे पढें। उन्होंने कहा था कि डॉ.अम्बेडकर को कुछ लोगों ने एक जाति तक सीमित कर दिया है जबकि उन्होंने अपने संघर्ष और काबिलियत के बल पर देश दुनिया में अपनी जगह बनाई। उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने डॉ.अम्बेडकर को बहुत सम्मान दिया है। उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में डॉ. अम्बेडकर के नाम से कई योजनाएं चलाईं। डॉ. अम्बेडकर की जयन्ती की पूर्व सन्ध्या पर सपा ने बुधवार को भी कई कार्यक्रम आयोजित किए। पार्टी मुख्यालय पर अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और विधायक सुभाष पासी के संयोजकत्व में आयोजन किया गया। उनके विचारों के प्रचार प्रसार के लिए संगोष्ठी आयोजित की गई। गुरूवार को अम्बेडकर जयंती पर भी सपा मुख्यालय में कई आयोजन होंगे। डॉ.भीमराव अम्बेडकर को अपना मार्ग दर्शक मानने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उनकी जयन्ती पर लखनऊ में अम्बेडकर पार्क और हजरगंज इलाके में मेले का आयोजन किया है। पार्टी ने लखनऊ के प्रमुख मार्गों को नीली झण्डियों, बैनर, पोस्टरों से पाट दिया है। चुनावी साल होने की वजह से बसपा के टिकटार्थियों ने भी इसमें अपनी पूरी ताकत लगाई है। लखनऊ में बसपा अध्यक्ष मायावती के मौजूद रहने की सम्भावना है, जबकि जिलों में कोआर्डिनेटर या अन्य पदाधिकारियों को मौजूद रहने के लिए कहा गया है। दलितों के वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश में लगातार जुटी भाजपा ने अम्बेडकर जयंती से तीन दिन तक सामाजिक समरसता दिवस मनाने की घोषणा की है। इस दौरान भाजपा नेता गांवों में जाकर सामाजिक समरसता बढाने के लिए खासतौर दलितों से सम्पर्क साधेंगे। भाजपा ने कल से ही ग्राम स्वराज अभियान शुरु करने की भी घोषणा की है। यह अभियान 24 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की टीम कम से कम 90 हजार गांवों में जाएगी। कांग्रेस ने भी अम्बेडकर प्रेम दिखाते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य पी एल पुनिया की अगुवाई में पूरे प्रदेश में भीम यात्राएं निकाली। इन यात्राओं का मकसद दलित वोटों को फिर से कांग्रेस से जोड़ने का था। प्रदेश कांग्रेस के मीडिय विभाग के वाइस चेयरमैन वीरेन्द्र मदान के अनुसार अम्बेडकर जयन्ती पर कल प्रदेश कार्यालय परिसर में गोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसमें प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री के भी मौजूद रहने की सम्भावना है।
News source: UP Samachar Sewa
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