हापुड़-
(उ.प्र.समाचार सेवा)।
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम
सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव
मिशन 2017 की सफल बनाने की तैयारी
में जुटे है। जिससे पार्टी पुन:सत्ता
में आ सके। लेकिन जनपद हापुड़ में
उनका मिशन अभी से असफल होता नजर आ
रहा
है। क्योंकि पार्टी कार्यकर्ता दो
गुटों में बंट गये है। सपा जिला
कार्यालय पर विवादित प्रकरण होने के
बाद से एक गुट जिलाध्यक्ष को हटाने
की मांग कर रहा है,तो दूसरा इसका
विरोध कर रहा है। मामला पार्टी
हाईकमान
के पास पहुंच चुका है।
आपको बता दें,कि उत्तर प्रदेश में
वर्ष 2017 में
विधान सभा चुनाव होने वाले है। सभी
राजनैतिक पार्टियां मिशन 2017 की
तैयारी में जुटी है। यूपी वर्तमान
समय में समाजवादी पार्टी की सरकार
है।
सपा मुखिया ने उत्तर प्रदेश की करीब
137 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा
भी कर दी है। साथ ही कार्यकर्ताओं
से आहवान किया जा रहा है,कि मिशन
2017
में फतह हासिल करने के लिए पार्टी
की नीतियों व जनकल्याणकारी योजनाओं
को
जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करें।
सपा मुखिया ने हापुड़ विधान सभा
रिजर्व सीट से पूर्व ब्लाक प्रमुख
तेजपाल सिंह को चुनावी मैदान में
उतारा है। उन्होंने अभी चुनाव
प्रचार
करना शुरू की किया था। कि जिला सपा
कार्यालय पर युवक युवती को रंगरलियां
बनाते कार्यकर्ताओं द्वारा पकडऩे
जाने के बाद से कार्यकर्ताओं में दो
फाड़ हो गये है। कार्यकर्ताओं की
गुटबाजी सडक़ों पर आ गयी है।
कार्यकर्ताओं का एक गुट जिलाध्यक्ष
को पद से हटाकर पार्टी से बर्खास्त
करने की मांग कर रहा है। जबकि दूसरा
गुट इसका विरोध करते हुए मामले को
दबाने का प्रयास कर रहा है। अब मामला
पार्टी हाईकमान के पास पहुंच गया
है। अब देखना होगा कि हाईकमान किस
गुट को खुश करता है,और किसको नाराजï?
दोनों ही स्थिति में सपा प्रत्याशी
को नुकसान होता दिखाई दे रहा है।
सपा कार्यकर्ताओं की गुटबाजी को सडक़ों
पर देखकर सपा प्रत्याशी तेजपाल
प्रमुख के माथे पर चिन्ता की लकीरें
साफ दिखाई देने लगी है। सूत्रों की
माने,तो वह इस मामले में पार्टी
हाईकमान से संपर्क में है। वहीं
दूसरी और
विधान सभा क्षेत्र के मतदाताओं का
कहना है,कि सपा ने हापुड़ विधान सभा
क्षेत्र से मजबूत प्रत्याशी मैदान
में भेजा है,कि लेकिन कार्यकर्ताओं
की
गुटबाजी के चलते उनकी नैया कैसे पार
लगेंगी,इसका जवाब अभी किसी के पास
नहीं है। अगर सपा प्रत्याशी को
चुनाव में अपनी नैया पार लगानी है,तो
सबसे
पहले उन्हें कार्यकर्ताओं की आपसी
गुटबाजी खत्म करनी होगी।