लखनऊ। (उ.प्र. समाचार सेवा)।
उत्तर प्रदेश सचिवालय प्रशासन
द्वारा समीक्षा अधिकारी के पदोन्नति
कोटे तथा सीधी भर्ती दोनों पद पर
मौलिक रुप से नियुक्त कार्मिकों की
29
मार्च को जारी अनन्तिम ज्येष्ठता
सूची तात्कालिक प्रभाव से निरस्त
करने
के बाद समीक्षा अधिकारी आक्रोशित हो
गए और उन्होंने मुख्यमंत्री
कार्यालय
परिसर में धरना व प्रदर्शन किया।
बुधवार को सचिव सचिवालय प्रशासन
प्रभात मित्तल ने इस संबंध में आदेश
जारी
करते हुए सूची को तत्काल प्रभाव से
निरस्त कर दिया। उल्लेखनीय है कि
सचिवालय के विभिन्न संघों ने इस तरह
की ज्येष्ठता सूची बनाये जाने पर
पक्षपातपूर्ण तथा नियमों की अनदेखी
करने का आरोप लगाकर इसे निरस्त करने
की मांग की थी। अतः सचिवालय प्रशासन
ने इसे निरस्त कर दिया है। वहीं
दूसरी ओर लखनऊ में समीक्षा अधिकारियो
की वरिष्ठता सूची को निरस्त किये
जाने के विरोध में बुधवार को समीक्षा
अधिकारियो ने मुख्यमंत्री कार्यालय
भवन में जोरदार धरना प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश सचिवालय सीधी भर्ती
द्वारा आए समीक्षा अधिकारियों ने
सचिव सचिवालय प्रशासन प्रभात मित्तल
द्वारा वरिष्ठता सूची को निरस्त किया
जाना असवैधानिक बताया है।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का आरोप
है की ज्येष्ठता सूची उच्च न्यायालय
के
आदेश पर जारी हुई थी जिसमे तीन महीने
का समय निर्धारित था लेकिन सचिवालय
प्रशासन ने दस महीना समय लगाकर
ज्येष्ठता सूची को रद्द कर दिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय भवन में मुख्य
सचिव के कार्यालय का घेराव कर रहे
कर्मचारियों का कहना है कि अगर
मुख्य सचिव अलोक रंजन ने उनकी मांगों
को
संज्ञान में नहीं लिया तो वह बड़ा
आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।