लखनऊ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव द्वारा पुलिस सप्ताह के दौरान
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन
में दिए गए निर्देशों का असर आगामी
15 दिनों मे जिलों की पुलिसिंग पर
दिखना चाहिए। पुलिस के प्रति जन
विश्वास को बढ़ाने के लिये वरिष्ठ
अधिकारी हर संभव प्रयास करें। इसके
लिये जिलों में तैनात पुलिस
अधिकारियों को अपने अधीनस्थ कर्मियों
को बेहतर नेतृत्व प्रदान करना होगा।
पुलिस सप्ताह के दूसरे दिन शनिवार
को यहां विधान भवन स्थित तिलक हॉल
में आयोजित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों
के सम्मेलन में प्रमुख सचिव गृह
देबाशीष पण्डा एवं पुलिस महानिदेशक
एस.जावीद अहमद ने जिलों के वरिष्ठ
पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश दिए।
दोनों अधिकारियों ने इस बात पर बल
दिया कि पुलिस अधिकारियों को अपनी
पूरी प्रोफेशनल दक्षता का प्रदर्शन
करते हुए और बेहतर नतीजे दिखाने है।
सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ पुलिस
अधिकारियों द्वारा सोशल मीडिया,
मानव संसाधन प्रबंधन, शहरी क्षेत्र
में पुलिसिंग की चुनौतियां, डायल
100, पुलिस बजट, कानून व्यवस्था एवं
अपराध नियंत्रण आदि विभिन्न विषयों
पर हुए प्रस्तुतीकरण के माध्यम से
विस्तृत जानकारी दी गई। एडीजी कानून
व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने
कार्यक्रम की रूपरेखा एवं वक्ताओं
का संक्षिप्त परिचय कराया। पुलिस
में मानव संसाधन प्रबंधन विषय पर
एडीजी पीटीएस मेरठ आलोक एवंएडीजी
पीएचक्यू इलाहाबाद बी.पी.जोगदण्ड
विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।
एनआईए नई दिल्ली से आए आईजी अनिल
कुमार शुक्ल ने सोशल मीडिया के
क्षेत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों
एवं कानून व्यवस्था के लिये चुनौतियां
विषय पर विस्तार से सोशल मीडिया के
सदुपयोग एवं दुरूपयोग से जुड़े
विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। इसके
अलावा राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी
परियोजना ‘पुलिस इमरजेंसी रिस्पांस
सिस्टम’ (डायल 100) के बारे में भी
जानकारी दी गई। शहरों में पुलिसिंग
के समक्ष आने वाली चुनौकतियों पर भी
इस दौरान चर्चा की गई।